Saturday, December 31, 2022

खेमराज कमेटी ने मुख्यमंत्री को सौंपी अंतिम रिपोर्ट

बीकानेर बुलेटिन




जयपुर,। प्रदेश सरकार राज्य कर्मचारियों के हितों को लेकर सदैव क्रियाशील है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा विभिन्न कर्मचारी संगठनों की मांगों के अध्ययन एवं विश्लेषण के लिए गठित खेमराज कमेटी ने शुक्रवार को अपनी अन्तिम रिपोर्ट मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत कर दी है।राज्य सरकार द्वारा कमेटी की ओर से प्रस्तुत रिपोर्ट का परीक्षण करवाकर कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए उचित कार्यवाही की जाएगी। कमेटी द्वारा पूर्व में अपनी अन्तरिम रिपोर्ट 2 फरवरी 2022 को प्रस्तुत की गई थी, जिसकी क्रियान्विति की जा चुकी है।उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2021-22 के बजट में विभिन्न कर्मचारी एवं अधिकारी संगठनों की मांगों के अध्ययन एवं विश्लेषण हेतु एक उच्च स्तरीय समिति के गठन की घोषणा की गई थी। उक्त बजट घोषणा की क्रियान्विति में खेमराज चौधरी, सेवानिवृत्त आई.ए.एस. की अध्यक्षता में कर्मचारी वेतन विसंगति परीक्षण समिति का गठन किया गया था।

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Sunday, December 25, 2022

RPSC Paper Leak : 4 शिक्षाकर्मी सेवा से बर्खास्त, 40 नकलची आजीवन ब्लैक लिस्ट

बीकानेर बुलेटिन



राजस्थान लोक सेवा आयोग ने चलती बस में नकल करने वालों और करवाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की है। राजस्थान लोक सेवा आयोग सात लड़कियों सहित सभी 46 परीक्षार्थियों को आरपीएससी की भविष्य में ली जाने वाली किसी भी परीक्षा के लिए ब्लैक लिस्ट कर दिया है।

राजस्थान लोक सेवा आयोग ने इस संबंध में आदेश जारी करते हुए कहा है कि इस मामले में जो 46 अध्यर्थी गिरफ्तार हुए हैं, वो आरपीएससी की भविष्य में ली जाने वाली किसी भी परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएंगे। आयोग ने उन्हें ब्लैक लिस्ट कर दिया है।

गौरतलब है कि राजस्थान लोक सेवा आयोग ने वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा 2022 का शनिवार को होने वाला पहला पेपर आउट होने के कारण निरस्त कर दिया। सामान्य ज्ञान व मनोविज्ञान शिक्षा का यह पेपर शनिवार को होना था लेकिन पेपर होने से पहले ही यह नकलचियों के हाथ लग गया था। मामले की सूचना Rpsc से मिली तो आनन-फानन में इस पेपर को निरस्त कर दिया गया है।

शिक्षा विभाग ने बर्खास्त किए चार कर्मचारी

शिक्षा विभान ने भी मामले में कार्रवाई करते हुए चार कर्मचारियों को प्रारंभिक जांच के आधार पर बर्खास्त कर दिया है। इसके अलावा भी दो दर्जन शिक्षा कर्मियों की भूमिका की जांच पुलिस कर रही है। बर्खास्त होने वाले सभी शिक्षा कर्मी जालोर के हैं।

1- रावताराम निवासी हरयाली वरिष्ठ अध्यापक- संस्कृत, महात्मा गांधी सरकारी स्कूल, जसवंतपुरा, जालोर
2-पुखराज निवासी हेमागुड़ा एलडीसी, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, झाब, जालोर
3- भागीरथ निवासी जोगाऊ, सेकंड ग्रेड टीचर, विज्ञान, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, ग्राम गोल, सिरोही
4- जालोर के ठेलियाँ स्कूल के प्राचार्य सुरेश कुमार को भी किया बर्खास्त

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Saturday, December 24, 2022

शिक्षा मंत्री के घर लगाया ताला BJP कार्यकर्ताओं को उठाकर ले गई पुलिस, मीडिया से भी की बदसलूकी

बीकानेर बुलेटिन



राजस्थान में सीनियर टीचर भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद प्रदेशभर में विरोध शुरू हो गया है। युवा सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक सरकार के खिलाफ नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। इसी कड़ी में शनिवार को जयपुर में बीजेपी युवा मोर्चा कार्यकर्ताओं ने शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला के घर के बाहर ताला लगाकर सड़क जाम करने की कोशिश की। इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस की टीम ने (लाठीचार्ज ) हल्का बल प्रयोग कर छात्रों खदेड़ा। इस दौरान पुलिस ने जयपुर शहर युवा मोर्चा अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह पूर्व वंशी समेत 6 कार्यकर्ताओं को हिरासत में भी ले लिया है। इस दौरान मीडिया कर्मियों से भी पुलिस ने धक्का-मुक्की की। वहीं प्रदेशभर में बढ़ते विरोध के बाद सोशल मीडिया पर भी पेपर लीक की घटना टॉप ट्रेंडिंग कर रही है।



दरअसल, शनिवार दोपहर 3:00 बजे युवा मोर्चा के 24 कार्यकर्ता शिक्षा मंत्री बी डी कल्ला के सिविल लाइन स्थित बंगले पर पहुंचे थे। इस दौरान पेपर लीक प्रकरण से नाराज कार्यकर्ताओं ने मंत्री आवास के मेन गेट पर ताला लगा दिया। इसके बाद वहां मौजूद सुरक्षा गार्ड और युवा मोर्चा के कार्यकर्ता आमने-सामने हो गए। लगभग 20 मिनट दक युवा मोर्चा की कार्यकर्ता नारेबाजी कर विरोध करने लगे। इसके बाद वहां पुलिस का अतिरिक्त जाब्ता पहुंचा। जिन्होंने हल्का बल प्रयोग कर युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। फिलहाल ज्योति नगर थाने पर युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं की रिहाई को लेकर प्रदर्शन जारी है।

लाठी से नहीं डरेंगे, युवाओं के लिए जान दे देंगे
जयपुर शहर युवा मोर्चा अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह ने कहा- राजस्थान में शिक्षण व्यवस्था चौपट हो चुकी है। युवा रोजगार के लिए भटक रहे हैं। वहीं भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक हो रहे हैं। इससे युवाओं का भविष्य खतरे में आ गया है। इसी बात को लेकर आज हम शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला तक अपनी बात पहुंचाने के लिए आए थे। हमें बाहर ही रोक पुलिस ने बर्बरता की। हम पुलिस की लाठियों से डरने वाले नहीं। हम आम युवाओं के लिए सड़क से लेकर संघर्ष तक आंदोलन कर अपनी जान दे देंगे। लेकिन युवाओं की समस्याओं को पुरजोर तरीके से उठाएंगे।

BJP युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष हिमांशु शर्मा ने कहा कि राजस्थान सरकार की लापरवाही की वजह से लाखों युवाओं का भविष्य अंधकार में जा रहा है। बावजूद इसके हर भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हो रहा है। ऐसे में इस निकम्मी गहलोत सरकार के खिलाफ आज युवा मोर्चा ने सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक आंदोलन किया है। ताकि भ्रष्टाचारी सरकार की सच्चाई जगजाहिर हो सके।


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Wednesday, September 28, 2022

PFI पर 5 साल का बैन, जयपुर ऑफिस में भी लगा ताला,8 और संगठनों पर भी एक्शन

बीकानेर बुलेटिन



केंद्र सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) संगठन पर बैन लगा दिया है। PFI के साथ ही इसके 8 सहयोगी संगठनों पर भी 5 साल के लिए पाबंदी लगाई गई है। बैन लगाने की मांग कई राज्यों ने केंद्र सरकार से की थी। बुधवार को जयपुर के ऑफिस में भी ताला लगा रहा। बीजेपी शासित ज्यादातर राज्यों की पुलिस और एजेंसियों ने पीएफआई के ठिकानों पर छापेमारी और बड़ी संख्या में गिरफ्तारियां भी हाल ही में की थीं। राजस्थान में भी हाल ही जयपुर, कोटा, बारां में इस संगठन के ठिकानों पर छापेमारी की गई। भारत सरकार ने राजपत्र में गजट नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है।

राजस्थान में कई जिलों में हुए दंगों में PFI का हाथ- अरुण सिंह

बीजेपी राजस्थान के प्रदेश प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने बेंगलुरू से बयान जारी कर कहा है- राजस्थान में भी जिस तरह कई जिलों में दंगा हुआ, उसी समय हम कह रहे थे कि PFI का इसमें हाथ था। यहां (कर्नाटक में) पर भी जब सिद्धारमैया की सरकार थी उस वक्त भी 23 से ज्यादा लोगों की हत्या हुई थी। देश को अखंड रखने के लिए इस पर (PFI) बैन जरूरी था।

राजस्थान के 3 शहरों में PFI ठिकानों पर 22 सितम्बर को हुई थी छापेमारी

PFI के जयपुर, कोटा, बारां में ऑफिसों और ठिकानों पर NIA, ईडी और पुलिस ने 22 सितम्बर को रेड मारी थी। सीआरपीएफ भी साथ में मौजूद रही। जयपुर के मोती डूंगरी रोड पर पीएफआई ऑफिस पर रेड के दौरान बड़ी संख्या में स्थानीय पीएफआई कार्यकर्ता विरोध में उतर आए थे। पीएफआई के झंडे लहराए गए। बाद में बैनर के साथ एनआईए की कार्रवाई का विरोध किया गया। कोटा और बारां से 2 गिरफ्तारियां भी हुई थीं। साथ ही सूत्रों के मुताबिक कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया था।

कन्हैयालाल हत्याकांड में भी सामने आया नाम

NIA ने कोटा और बारां से कई संदिग्धों को हिरासत में लिया। बारां से सादिक हुसैन नाम के शख्स को हिरासत में लिया गया। सादिक हुसैन SDPI का जिला सचिव है। उससे पूछताछ हुई, तो अजमेर के ब्यावर और सरवाड़ में बड़े नेटवर्क का पता चला। उदयपुर में कन्हैयालाल हत्याकांड में PFI के शामिल होने की बात भी सामने आई।

PFI के ये 8 सहयोगी संगठन भी बैन

गजट नोटिफेकेशन में रिहैब इंडिया फाउंडेशन, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, ऑल इंडिया इमाम काउंसिल, नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गेनाइजेशन, नेशनल वीमेन फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन, केरल सहित इनके सहयोगी संगठन और संबद्ध संस्थाओं को बैन किया गया है। नोटिफिकेशन में कहा गया है कि इंवेस्टीगेशन में पीएफआई और इसके सहयोगी संगठन या संबद्ध संस्थाओं, फ्रंटल ऑर्गेनाइजेशन के बीच साफ संबंध स्थापित हुआ है। रिहैब इंडिया फाउंडेशन पीएफआई के सदस्यों के जरिए फंड जुटाता है। नोटिफिकेशन में कहा गया है कि कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन, रिहैब फाउंडेशन, केरल के कुछ सदस्य PFI के भी मेम्बर हैं। पीएफआई के नेता जूनियर फ्रंट, ऑल इंडिया इमाम काउंसिल, नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गेनाइजेशन (एनसीएचआरओ), नेशनल वीमेन फ्रंट की एक्टिविटीज की मॉनिटरिंग और कॉर्डिनेशन करते हैं।

PFI ने समाज के अलग-अलग वर्गों जैसे-युवाओं, छात्रों, महिलाओं, इमामों, वकीलों या समाज के कमजोर वर्गों के बीच अपनी पहंच को बढ़ाने के मकसद से इन सहयोगी संगठनों या संबंधद्ध संस्थाओं या अग्रणी संगठनों की स्थापना की है। जिसका इकलौता मकसद इसकी सदस्यता, प्रभाव और फंड जुटाने की कैपेसिटी को बढ़ाना है। इन सहयोगी संगठनों और जुड़ी संस्थाओं और PFI के बीच -हब और स्पोक जैसा संबंध है। जिसमें PFI हब के रूप में काम करते हुए सहयोगी संगठनों या संबद्ध संस्थाओं की जनता के बीच पहुंच और फंड जुटाने की कैपिसिटी का इस्तेमाल गैर कानूनी एक्टिविटीज के लिए अपनी कैपिसिटी बढ़ाने के लिए करता है। ये सहयोगी संगठन रूट और ब्रांचेज़ की तरह भी काम करते हैं। इनके जरिए PFI को फंड और पावर मिलती है।

15 राज्यों में PFI और सहयोगी संगठन एक्टिव हैं

PFI राजस्थान, दिल्ली, आंध्र,प्रदेश, असम, बिहार, केरल, झारखंड, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, तमिलनाडु, तेलंगाना, मध्य प्रदेश में एक्टिव है।

क्या है पूरा मामला ?

22 से 27 सितंबर के बीच NIA, ED ने अलग-अलग राज्यों में स्टेट पुलिस को साथ लेकर PFI और सहयोगी संगठनों के ठिकानों पर ताबड़तोड़ रेड मारी थी। पहले राउंड की रेड में 106 PFI से जुड़े लोग गिरफ्तार किए गए। दूसरे राउंड में 247 PFI से जुड़े लोगों को पकड़कर गिरफ्तार किया या हिरासत में लिया गया। इंवेस्टीगेशन एजेंसीज को PFI के खिलाफ गैर कानूनी गतिविधियों में शामिल होने और कई सहयोगी संगठनों का फंडिंग और पावर बढ़ाने के लिए इस्तेमाल करने के सबूत मिले। इसलीए इंवेस्टीगेशन एजेंसीज ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से इन संगठनों पर कार्रवाई की मांग रखी। एजेंसियों की सिफारिश पर ही गृह मंत्रालय ने PFI और सहयोगी संगठनों पर बैन लगाने का फैसला लिया है।

इन बड़ी घटनाओं में PFI लिंक

  • राजस्थान के उदयपुर में कन्हैयालाल हत्याकांड और सिर तन से जुड़ा मॉल्यूल में परदे के पीछे रहकर काम किया।
  • पटना के फुलवारी शरीफ में गजवा-ए-हिन्द स्थापित करने के लिए बड़ी साजिश हो रही थी, इसे लेकर NIA ने हाल ही रेड मारी।
  • तेलंगाना के निजामाबाद में कराटे ट्रेनिंग के नाम पर PFI हथियार चलाने की ट्रेनिंग देता पाया गया। NIA में इस मामले में भी छापा मारा।
  • कर्नाटक में प्रवीण नेत्तरू हत्याकांड केस में PFI कनेक्शन सामने आया। जिसमें NIA जांच जारी है।
  • हिजाब विवाद और हाल में हुए प्रदर्शनों के दौरान PFI के फंडिंग के रोल पर भी जांच हुई।
  • समान नागरिकता कानून को लेकर उत्तर प्रदेश में हुई हिंसा में PFI से जुड़े आरोपियों के ठिकानों पर आपत्तिजनक सामग्री, साहित्य और सीडी बरामद हुए। जिसे आधार बनाकर PFI को बैन करने का प्रस्ताव उत्तर प्रदेश सरकार ने भेजा था।

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राजस्थान राजनीतिक घटनाक्रम में एक नया मोड़ ! गहलोत बने रहेंगे राजस्थान में ही मुख्यमंत्री

बीकानेर बुलेटिन




जयपुरः राजस्थान राजनीतिक घटनाक्रम में एक नया मोड़ आ गया ! अब अजय माकन से भी आलाकमान के नाराज होने की खबरें सामने आ रही हैं.

माकन द्वारा सारा मामला ठीक तरह से हैंडल नहीं किए जाने की खबरें है. इसी बीच एक कट्टर गहलोत समर्थक ने दावा करते हुए कहा कि गहलोत राजस्थान में ही मुख्यमंत्री बने रहेंगे और अब कोई दूसरा व्यक्ति कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनेगा. 

इन चर्चाओं से अध्यक्ष पद के दूसरे उम्मीदवार शशि थरूर का भी आत्मविश्वास बढ़ रहा हैं. अब अगले 24 घंटे राजस्थान की राजनीति के लिए महत्वपूर्ण हैं.

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Tuesday, October 12, 2021

राजस्थान: किसान आंदोलन व लखीमपुर खीरी में शहीद हुए किसानों को देंगे श्रद्धांजलि

बीकानेर बुलेटिन




जयपुर। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में जान गंवाने वाले किसानों को श्रद्धांजली देने के लिए आज संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर 'शहीद किसान दिवस' मनाया जा रहा है। मुख्य कार्यक्रम लखीमपुर खीरी के ही तिकुनिया गांव में हो रहा है जहां अंतिम अरदास और श्रद्धांजलि सभा रखी गई है। इधर राजस्थान के किसान भी आज के दिन विभिन्न कार्यक्रमों के ज़रिये लखीमपुर-खीरी के मृतक किसानों को श्रद्धांजली अर्पित करेंगे।

 

भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष राजाराम मील ने बताया कि लखीमपुर-खीरी में हुई घटना को लेकर राजस्थान के किसान भी आहत हैं। इस घटनाक्रम में जान गंवाने वाले किसानों की स्मृति और उन्हें श्रद्धांजली देने के लिए आज शहीद किसान दिवस मनाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश भर के किसानों से आज शाम 6 बजे सभी ब्लॉक, तहसील, जिला, गांव और ढाणी स्तर पर मोमबत्तियां जलाकर शहीदों को श्रद्धांजलि देने की अपील की गई है। वहीं किसान आंदोलन के राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर पर शाहजहांपुर-खेड़ा स्थित पड़ाव स्थल पर भी दिवंगत किसानों को श्रद्धांजली दी जाएगी।



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Tuesday, August 10, 2021

जल्द स्कूल खुलने वाले है! स्कूल खोलने की प्रक्रिया को लेकर मंत्रियों की कमेटी की बैठक संपन्न

बीकानेर बुलेटिन




जयपुर: राजस्थान में स्कूल खोलने को लेकर बिंदुओं पर कैबिनेट सब कमेटी की आम सहमति बनी हैं. सहमति के बाद मुख्यमंत्री को रिपोर्ट सौंपी जा रही है. बड़े बच्चों के लिए स्कूल खोलने पर ज्यादा जोर हैं. छोटे बच्चों को फिलहाल मुक्ति दी जा सकती है. बड़े बच्चों के लिए कमेटी के सदस्य ज्यादा सहमत नजर आए. बैठक के बाद शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा ने कहा कि रिपोर्ट के बाद मुख्यमंत्री जल्द निर्णय करेंगे. 

आपको बता दें कि स्कूल खोलने को लेकर कैबिनेट कमेटी की बैठक हुई. बैठक में बिंदुओं पर सहमति हुई. इस आधार पर सीएम को रिपोर्ट दी जा रही है. आज शाम तक सीएम फैसला कर सकते है. बैठक में मंत्री रघु शर्मा, मंत्री गोविंद डोटासरा,सुभाष गर्ग,भंवर सिंह भाटी मौजूद रहे. बैठक की अध्यक्षता रघु शर्मा ने की. यह बैठक में सचिवालय में आयोजित हुई. 

बैठक में दूसरे राज्यों का अध्ययन किया गया है. सीबीएसई ने अभी निर्णय नहीं लिया है,उस पर भी विचार हुआ. छोटे बच्चों के लिए कम सहमति बनी. स्कूल्स खुलेंगे तो उचित गाइडलाइन की पालना करनी होगी. ऑफलाइन क्लासेस शुरू हो सकती है. 

जानकार सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर सामने आई है कि वैक्सीनेशन बाद कोचिंग,कॉलेज में विद्यार्थियों को बुलाने की अनुमति हो सकती है. कक्षा 9 से 12 के लिए स्कूल खोलने पर सहमति हो सकती है. उसके अनुभव देखकर छठी से 8वीं कक्षा तक स्कूल खोलने पर निर्णय होगा. फिर 1 से 5 कक्षा के स्कूल खोलने पर विचार संभव है. गृह विभाग और अन्य अफसरों के अनुभव भी लिए गए.

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रिकवरी में फिलहाल टॉप पर चल रहा राजस्थान,फिर ना बढ़ें उन्हीं स्थितियों की ओर

बीकानेर बुलेटिन



जयपुर. देश की तीसरी लहर की आशंका के बीच राजस्थान में पंचायत चुनावों की जल्दबाजी यहां कोविड नियंत्रण के लिए किए गए कार्यों को फिर से मुश्किल में डाल सकती है। दरअसल, अभी तक प्रदेश मृत्यु दर और रिकवरी दर के लिहाज से देश के सर्वश्रेष्ठ राज्यों में हैं, यानि यहां नियंत्रण अच्छा है। लेकिन तीसरी लहर आने और चुनावों जैसी गतिविधियां होने पर यहां के लोगों के लिए फिर से मुश्किलें खड़ी हो सकती है।

देश के सभी राज्यो और केन्द्र शासित प्रदेशों में दादरा एवं नागरा हवेली को छोड़कर राजस्थान की रिकवरी दर सबसे बेहतर है। यहां रिकवरी दर 99.04 और दादरा में 99.89 प्रतिशत है। वहीं, रिकवरी दर में भी प्रदेश एक प्रतिशत से कम वाले 11 राज्यों में शामिल है। प्रदेश की यह दर 0.94 है, जबकि सबसे कम 0.04 दादरा की है। सर्वाधिक 2.11 प्रतिशत मृत्यु दर महाराष्ट्र की है।

देश भर में अभी तक कुल 3,11,39,457 मरीज स्वस्थ हुये
रिकवरी दर वर्तमान में 97.40 प्रतिशत है
पिछले 24 घंटों के दौरान 39,686 रोगी रिकवर हुए
भारत में पिछले 24 घंटों के दौरान 35,499 नए मामले दर्ज किए गए
भारत में वर्तमान में 4,02,188 सक्रिय मामले हैं
सक्रिय मामले कुल मामलों के 1.26 प्रतिशत हैं
साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर 5 प्रतिशत से कम बनी हुई है, वर्तमान में यह 2.35 प्रतिशत है
दैनिक पॉजिटिविटी दर 2.59 प्रतिशत है, यह पिछले 14 दिनों से 3 प्रतिशत से कम है
टेस्टिंग क्षमता में उल्लेखनीय रूप से बढोतरी हुई है-अभी तक कुल 48.17 करोड़ जांचें की जा चुकी हैं

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Saturday, June 19, 2021

मुख्यमंत्री का महत्वपूर्ण निर्णय कम्प्यूटर शिक्षकों के नए कैडर के लिए 10,453,तत्काल भर्ती के लिए स्वीकृत

बीकानेर बुलेटिन




प्रदेश के राजकीय विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और विद्यार्थियों को कम्प्यूटर शिक्षा से जोड़ने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने कम्प्यूटर शिक्षकों का नया कैडर सृजित करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने इस संबंध में 10,453 पदों के सृजन और इन पर संविदा आधार पर आवश्यक तत्काल भर्ती के लिए स्वीकृति दे दी है। 


 
स्वीकृत प्रस्ताव के अनुसार, शिक्षा विभाग में कुल 9,862 बेसिक कम्प्यूटर अनुदेशक तथा 591 वरिष्ठ कम्प्यूटर अनुदेशक के पद सृजित होंगे। बेसिक कम्प्यूटर अनुदेशक के लिए वेतनमान एवं वांछित योग्यता सूचना प्रौद्योगिकी विभाग में सूचना सहायक के पद के समकक्ष तथा वरिष्ठ कम्प्यूटर अनुदेशक के लिए वेतनमान एवं योग्यता सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के सहायक प्रोग्रामर पद के समकक्ष होंगी। 

वर्तमान में कुल 10,680 राजकीय माध्यमिक अथवा उच्च माध्यमिक विद्यालयों में आईटीसी लैब संचालित हैं, जिनमें से 800 से अधिक विद्यालयों में सेवा प्रदाता फर्म द्वारा अनुदेशक उपलब्ध कराए गए हैं। शेष विद्यालयों में बेसिक कम्प्यूटर अनुदेशक का एक-एक पद सृजित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, प्रथम चरण में प्रत्येक जिले एवं ब्लॉक में सर्वाधिक नामांकन वाले उच्च माध्यमिक विद्यालयों तथा महात्मा गांधी विद्यालयों में वरिष्ठ कम्प्यूटर अनुदेशक के लिए एक-एक पद सृजित किया जाएगा।


 
वरिष्ठ कम्प्यूटर अनुदेशक के कुल पदों में से 75 प्रतिशत पद सीधी भर्ती तथा 25 प्रतिशत पद विभाग में कार्यरत बेसिक कम्प्यूटर अनुदेशकों में से संवीक्षा परीक्षा उत्तीर्ण करने पर पदोन्नति के माध्यम से भरे जाएंगे। 


 
प्रस्ताव के अनुसार, संविदा नियुक्ति के दौरान बेसिक कम्प्यूटर अनुदेशक को पारिश्रमिक के रूप में 18,500 रूपए प्रतिमाह, वरिष्ठ कम्प्यूटर अनुदेशक को 23,700 रूपए प्रतिमाह तथा पदोन्नति पर आने वाले वरिष्ठ कम्प्यूटर अनुदेशक को 33,800 रूपए प्रतिमाह देय होंगे। इन पदों पर संविदा आधार पर आवश्यक तत्काल भर्ती के तहत प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से पूर्ण पारदर्शिता के साथ योग्य अभ्यर्थियों को नियोजित किया जाएगा। 

श्री गहलोत के इस निर्णय से राजकीय विद्यालयों में प्रशिक्षित शिक्षकों के माध्यम से कम्प्यूटर शिक्षा की आवश्यकता की पूर्ति की जा सकेगी तथा बड़ी संख्या में युवाओं को कम्प्यूटर अनुदेशक के पद पर स्थायी रोजगार के अवसर मिल सकेंगे।

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प्रदेश की टेक्सटाइल इकाइयों को मोरेटोरियम अवधि के ब्याज अनुदान का भी मिलेगा लाभ

बीकानेर बुलेटिन





जयपुर, 18 जून। राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना (रिप्स) के तहत पात्र प्रदेश की वे टेक्सटाइल इकाइयां, जिन्होंने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा कोविड-19 लॉकडाउन से उत्पन्न स्थितियों के कारण दी गई मोरेटोरियम सुविधा का लाभ लिया है, उन्हें मोरेटोरियम अवधि के ब्याज अनुदान का लाभ भी मिल सकेगा। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने इस संबंध में रिप्स योजना में सकारात्मक संशोधन का निर्णय करते हुए टेक्सटाइल इकाइयों को बड़ी राहत दी है।
 
उल्लेखनीय है कि रिप्स-2014 एवं रिप्स-2019 के तहत प्रदेश में नई एवं विस्तार इकाई के रूप में निवेश करने पर टेक्सटाइल इकाइयों को टर्म लोन पर वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ करने की तिथि से पांच साल तक की अवधि के लिए   5 से 7 प्रतिशत ब्याज अनुदान दिए जाने का प्रावधान है। कोविड की परिस्थितियों को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने मार्च 2020 से अगस्त 2020 तक की अवधि को मोरेटोरियम अवधि घोषित किया था। राज्य में मोरेटोरियम की सुविधा प्राप्त करने वाली इन टेक्सटाइल इकाइयों को मोरेटोरियम अवधि का ब्याज अनुदान रिप्स के वर्तमान नियमों के अनुसार देय नहीं था। ऎसे में, इन इकाइयों को 6 माह की मोरेटोरियम अवधि के ब्याज अनुदान से वंचित होना पड़ रहा था। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि इन टैक्सटाइल इकाइयों को वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ करने की तिथि के 5 साल की अवधि के बाद भी ब्याज अनुदान देय होगा, जिससे इन इकाइयों को मोरेटोरियम अवधि के अप्राप्त अनुदान की भरपाई हो सके।

श्री गहलोत के इस निर्णय से अब इन इकाइयों को मोरेटोरियम अवधि के ब्याज अनुदान का लाभ भी मिल सकेगा। इससे भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, भिवाड़ी, पाली, जोधपुर सहित अन्य जिलों की लगभग 70 औद्योगिक इकाइयां लाभान्वित होंगी।

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Friday, June 18, 2021

जिला चिकित्सालय में बनेगा 50 बेड का आधुनिक जनरल वार्ड, 'हर घर नल कनेक्शन' की संख्या पहुंची 20 लाख के पार

बीकानेर बुलेटिन





ऊर्जा मंत्री डाॅ. कल्ला की प्रेरणा से रिन्यू पावर प्राइवेट लिमिटेड ने स्वीकृत किए थे 70 लाख

बीकानेर, 18 जून। एसडीएम राजकीय जिला चिकित्सालय में 50 बेड का नया जनरल वार्ड, डाॅक्टर ड्यूटी रूम, नर्सिग ड्यूटी रूम, ओपीडी एवं जनरल टाॅयलेट का निर्माण होगा। यह कार्य ऊर्जा मंत्री डाॅ. बी. डी. कल्ला की प्रेरणा से रिन्यू पावर प्राइवेट लिमिटेड द्वारा सीएसआर के तहत जिला अस्पताल के लिए स्वीकृत 70 लाख रुपये की राशि से करवाए जाएंगे। 

जिला अस्पताल अधीक्षक डाॅ. प्रवीण चतुर्वेदी ने बताया कि वर्तमान में जिला अस्पताल में 104 बेड स्वीकृत हैं। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान और अधिक बेड की आवश्यकता महसूस की गई। नया वार्ड बनने से इस जरूरत को पूर्ण किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि नवीन वार्ड आधुनिक साज सज्जा के साथ बनाया जाएगा। इसका उपयोग कोरोना तथा अन्य संक्रामक बीमारियों के इलाज के लिए भर्ती मरीजों के लिए किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके बाद अस्पताल की बेड क्षमता बढ़कर 154 हो जाएगी। नया बेड एनआरएचएम के माध्यम से बनाया जाएगा।

एनआरएचएम के अधिशाषी अभियंता राजाराम सोनी ने बताया कि नवीन वार्ड एवं अन्य निर्माण कार्यों के नक्शे तैयार कर लिए गए हैं तथा शीघ्र ही निविदा प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी जाएगी।


प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में 'हर घर नल कनेक्शन' की संख्या पहुंची 20 लाख के पार

प्रदेश के 549 गांवों और 60 ग्राम पंचायतों के सभी घरों में नल से जल कनैक्शन की सुविधा

422 गांवों में 90 प्रतिशत से अधिक घरों का कवरेज पूरा

 प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में ‘हर घर नल कनेक्शन' की संख्या अब 20 लाख के पार पहुंच गई है। प्रदेश के 43 हजार 362 गांव और ढ़ाणियों में एक करोड़ एक लाख 32 हजार 274 परिवारों में से वर्तमान में 20 लाख 683 से अधिक घरों में नल से स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है।

जलदाय मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने यह जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में 549 गांवों और 60 ग्राम पंचायतों के सभी परिवारों को 'हर घर नल कनैक्शन' की सुविधा उपलब्ध करा दी गई है। इसके साथ ही 422 अन्य गांवों में 90 प्रतिशत या उससे अधिक परिवारों को 'हर घर नल कनैक्शन' दे दिए गए है। उन्होंने बताया कि इस श्रेणी के गांवों में शेष बचे घरों में 'हर घर नल कनैक्शन' के बचे कार्यों को प्राथमिकता से पूरा कर पूरे गांवों का कवरेज सुनिश्चित करने के लिए विभाग के स्तर पर नियमित मॉनिटरिंग की जा रही है।

डॉ. कल्ला ने बताया कि जल जीवन मिशन (जेजेएम) के अंतर्गत गत फरवरी माह से अब तक आयोजित राज्य स्तरीय योजना स्वीकृति समिति (एसएलएसएससी) की 5 बैठकों के बाद वर्तमान में प्रदेश के करीब 25 हजार गांवों में 65 लाख से अधिक 'हर घर नल कनैक्शन' की स्वीकृतियां उपलब्ध है। इनके विरूद्ध तकनीकी स्वीकृतियां और निविदाएं लगातार जारी की जा रही है। इसके अगले चरण में कार्यादेश जारी करते हुए 'हर घर नल कनेक्शन' के कार्यों को गति देने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया गया है, जिससे प्रदेश में जेजेएम  के तहत इस वित्तीय वर्ष में 'हर घर नल कनैक्शन' देने के लक्ष्य को प्राप्त करने में तेजी आए। उन्होंने बताया कि प्रदेश में जेजेएम की प्रगति और गतिविधियों में ग्रामीणों की सहभागिता में वृद्धि और ग्राम स्तर पर लोगों से व्यापक चर्चा के बाद शेष योजनाओं के निर्माण की दिशा में भी कार्य किया जा रहा है। अब तक 40 हजार 303 गांवों में ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों  का गठन हो चुका है। इस समिति के 33 हजार 111 सदस्यों को प्रशिक्षण भी दिया गया है।

जलदाय मंत्री ने बताया कि प्रदेश में राजसमंद जिला 2 लाख 17 हजार 117 परिवारों में से 93 हजार 260 'हर घर नल कनेक्शन' (उपलब्धि-43 प्रतिशत) के साथ पहले स्थान पर है। हनुमानगढ़ 2 लाख 93 हजार 339 परिवारों में एक लाख 4 हजार 63 'हर घर नल कनेक्शन' (35.5 प्रतिशत) के साथ दूसरे, नागौर 5 लाख 32 हजार 545 परिवारों में एक लाख 88 हजार 449 'हर घर नल कनेक्शन' (35.4 प्रतिशत) के साथ तीसरे, पाली 3 लाख 67 हजार 786 परिवारों में एक लाख 29 हजार 690 'हर घर नल कनेक्शन' (35.3 प्रतिशत) के साथ चौथे तथा जयपुर 5 लाख 27 हजार 517 परिवारों में एक लाख 65 हजार 679 'हर घर नल कनेक्शन' (31.4 प्रतिशत) के साथ पांचवें स्थान पर है। इसके अलावा सिरोही में एक लाख 74 हजार 824 परिवारों में से 53 हजार 889 'हर घर नल कनेक्शन' (30.8 प्रतिशत), जालौर 3 लाख 51 हजार 505 परिवारों में 92 हजार 313 'हर घर नल कनेक्शन' (26.3 प्रतिशत), भीलवाड़ा 4 लाख 39 हजार 10 परिवारों में एक लाख 12 हजार 108 'हर घर नल कनेक्शन' (25.5 प्रतिशत), चुरू 2 लाख 98 हजार 844 परिवारों में 76 हजार 128 'हर घर नल कनेक्शन' (25.5 प्रतिशत), श्रीगंगानगर 2 लाख 96 हजार 70 परिवारों में 74 हजार 869 'हर घर नल कनेक्शन' (25.3 प्रतिशत) तथा सीकर 3 लाख 51 हजार 23 परिवारों में 83 हजार 348 'हर घर नल कनेक्शन' (23.7 प्रतिशत) के साथ क्रमशः छठे से दसवें स्थान (भीलवाड़ा एवं चुरू संयुक्त आठवां स्थान) पर है।
 
अन्य जिलों में झुुंझुनू में 330342 परिवारों को 76627 कनेक्शन (23.2 प्रतिशत), बीकानेर में 245806 परिवारों को 56935 (23.2 प्रतिशत), अजमेर में 319991 परिवारों को 64636 कनेक्शन (20.2 प्रतिशत), चितौड़गढ़ 287690 परिवारों को 54635 (19.0 प्रतिशत), जोधपुर में 375994 परिवारों को 65616 कनेक्शन (17.5 प्रतिशत), करौली में 217513 परिवारों को 36625 कनेक्शन (16.8 प्रतिशत), अलवर में 542656 परिवारों को 85730 कनेक्शन (15.8 प्रतिशत), सवाईमाधोपुर में 235808 परिवारों को 35882 कनेक्शन (15.2 प्रतिशत), टोंक में 224866 परिवारों को 30639 कनेक्शन (13.6 प्रतिशत), बूंदी में 192080 परिवारों को 25296 कनेक्शन (13.2 प्रतिशत) तथा उदयपुर में 546164 परिवारों को 68509 कनेक्शन (12.5 प्रतिशत) दिए जा चुके है। इसी प्रकार कोटा में 171527 परिवारों को 18466 कनेक्शन (10..8 प्रतिशत), झालावाड़ 252426 परिवारों को 27078 कनेक्शन (10.7 प्रतिशत),  डूंगरपुर में 257252 परिवारों को 25093 कनेक्शन (9.8 प्रतिशत), बाड़मेर में 406619 परिवारों को 38358 कनेक्शन (9.4 प्रतिशत), बारां में 226810 परिवारों को 19854 कनेक्शन (8.8 प्रतिशत), दौसा में 251200 परिवारों को 19707 कनेक्शन (7.8 प्रतिशत), धौलपुर में 190940 परिवारों को 14177 कनेक्शन (7.4 प्रतिशत), बांसवाड़ा में 330698 परिवारों को 22644 कनेक्शन (6.8 प्रतिशत), भरतपुर में 387550 परिवारों को 25836 कनेक्शन (6.7 प्रतिशत), प्रतापगढ़ में 184638 परिवारों को 10685 कनेक्शन (5.8 प्रतिशत) तथा जैसलमेर में 104124 परिवारों को 3859 कनेक्शन (3.7 प्रतिशत) हो चुके है।  

जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुधांश पंत ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में जेजेएम के लक्ष्य के अनुरूप 'हर घर नल कनैक्शन' तथा सभी घरों में नल कनैक्शन वाले गांवों की संख्या में बढ़ोतरी पर पूरा फोकस करते हुए रोजाना मॉनिटरिंग की जा रही है। अधिकारियों को जल जीवन मिशन को अपने जीवन का मिशन बनाते हुए सरकार की मंशा को साकार करने में जुटे रहने के लिए लगातार प्रेरित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि एसएलएसएससी में जारी ग्रामीण पेयजल परियोजनाओं की मंजूरी की तुलना में इस साल के लक्ष्यों की पूर्ति के लिए तकनीक स्वीकृतियां और निविदाएं जारी करने का कार्य अब अंतिम चरण में है। आने वाले दिनों में 'हर घर नल कनेक्शन' के कार्यों में और गति आएगी।

जल जीवन मिशन के मिशन निदेशक और मुख्य अभियंता (ग्रामीण) श्री आरके मीना ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में प्रदेश में 30 लाख परिवारों को 'हर घर नल कनैक्शन' से जोड़ने की कार्ययोजना पर काम चल रहा है। इसमें से 18 लाख 'हर घर नल कनैक्शन' रेग्यूलर विंग तथा 12 लाख 'हर घर नल कनैक्शन' मेजर प्रोजेक्ट्स के तहत दिए जाने का लक्ष्य है। इसके अलावा 12 हजार गांवों के सभी घरों में भी इसी वर्ष में 'हर घर नल कनैक्शन' देने के वार्षिक लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए भी सतत प्रयास किए जा रहे हैं।

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Thursday, June 17, 2021

राजस्थान:40 साल पुरानी व्यवस्था हुई समाप्त मंडी प्रांगण के बाहर वन उत्पादों पर नहीं लगेगा कृषि मंडी शुल्क

बीकानेर बुलेटिन



जयपुर, 16 जून। कृषि उपज मंडी समिति प्रांगण के बाहर तेंदू पत्ता, काष्ठ और अकाष्ठ सहित सभी वन उत्पादों पर कृषि मंडी शुल्क और कृषि कल्याण शुल्क अब नहीं वसूला जाएगा। इसके लिए वन विभाग और कृषि विभाग द्वारा बातचीत के बाद सक्षम स्तर पर निर्णय लिया गया है। इस निर्णय के बाद राज्य में पिछले 30-40 वर्षों से चली आ रही व्यवस्था समाप्त हो जाएगी।

प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन-बल प्रमुख) श्रीमती श्रुति शर्मा ने बताया कि वन विभाग द्वारा तेंदू पत्ता, काष्ठ और अकाष्ठ वन उपजों के व्यापार से जुड़े व्यापारियों की मांग को ध्यान में रखते हुए राज्य के मंडी प्रांगणों के बाहर इन उत्पादों को कृषि मंडी शुल्क/कृषक कल्याण फीस की वसूली से मुक्त कर दिया गया है। इस संबंध में वन विभाग की ओर से कृषि विभाग को प्रस्ताव भिजवाया गया था। दोनों विभागों द्वारा सक्षम स्तर पर निर्णय के बाद राजस्थान कृषि उपज मंडी अधिनियम की धारा 17 में दिनांक 14 सितम्बर 2020 से संशोधन उपरांत राज्य के मंडी प्रांगण के बाहर विज्ञप्त कृषि जिंसों तथा उत्पादों (जिसके अंतर्गत तेंदू, पत्ता, काष्ठ, अकाष्ठ वन उपज सम्मिलित हैं) के विपणन पर कृषि मंडी शुल्क या कृषक कल्याण फीस नहीं वसूली जाएगी।

उन्होंने बताया कि उक्त संशोधन के बाद इस संबंध में विभागीय विपणन व्यवस्था से तेंदू पत्ता, काष्ठ और अकाष्ठ के व्यापार से जुड़े व्यापारियों द्वारा यदि कहीं कृषि मंडी शुल्क/कृषक कल्याण फीस का भुगतान किया गया है तो वे दी गई शुल्क/फीस राशि को संबंधित मंडी से प्राप्त कर सकेंगे।

अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (उत्पादन) श्री आनंद मोहन ने बताया कि इससे वन उत्पादों के व्यापार से जुड़े व्यापारियों को बड़ी राहत मिलेगी। इस निर्णय को प्रभावी करने में वन विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती श्रेया गुहा, शासन सचिव महोदय और प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन-बल प्रमुख) श्रीमती श्रुति शर्मा की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

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Tuesday, June 15, 2021

10th,12th Board : जल्‍द जारी होगा परिणाम, बोर्ड ने स्‍कूलों से मांगी ये रिपोर्ट

बीकानेर बुलेटिन




राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (आरबीएसई) कक्षा 10वीं और 12वीं के छात्रों के लिए परिणाम तैयार करने के मानदंडों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है. कोविड -19 स्थिति के कारण परीक्षा रद्द कर दी गई थी. कथित तौर पर, बोर्ड ने स्कूलों को कक्षा 10वीं और 12वीं के छात्रों के आंतरिक मूल्यांकन के अंक 21 जून तक जमा करने को कहा है. कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में शामिल होने के लिए 21 लाख छात्रों ने पंजीकरण कराया था. राजस्थान सरकार ने अभी तक कक्षा 10, 12 के परिणाम तैयार करने के लिए एक समिति का गठन नहीं किया है.

इस संबंध में आरबीएसई ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजा है. बोर्ड ने अधिकारियों को याद दिलाया है कि मौजूदा महामारी की स्थिति को देखते हुए कक्षा 10, 12 की बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करना पड़ा है. इसमें कहा गया है कि छात्रों को सीधे प्रमोट करना होगा जिसके लिए 'आंतरिक अंक' जरूरी हैं. स्कूलों को छात्रों के रोल नंबर के आगे अंक भरने को कहा गया है.

इस आधार पर बनेगा रिजल्‍ट: 

राजस्थान में कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में प्रत्येक विषय के अधिकतम अंक 100 हैं, जिसमें थ्योरी में 80 अंक और आंतरिक मूल्यांकन में 20 अंक शामिल हैं. महामारी के कारण अधिकांश स्कूल हाफ ईयरली परीक्षा भी आयोजित नहीं कर सके और अब छात्रों को उनके गृहकार्य के आधार पर आंतरिक अंक दिए जाएंगे.

आरबीएसई अभी भी मूल्यांकन मानदंडों को अंतिम रूप दे रहा है और बोर्ड द्वारा कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है. आरबीएसई ने 2 जून, 2021 को राजस्थान कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को रद्द कर दिया था. इससे पहले, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कक्षा 1 से 9 और कक्षा 11 के लिए बिना परीक्षा के सामूहिक प्रमोशन की घोषणा की थी.




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राजस्थान में गहराते राजनीतिक संकट के बीच एक बड़ा फैसला

बीकानेर बुलेटिन




जयपुर. राजस्थान में गहराते राजनीतिक संकट के बीच एक बड़ा फैसला लिया गया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से कोई भी रूबरू नहीं हो सकेगा. अगले दो माह तक सीएम अशोक गहलोत व्यक्तिगत नहीं मिलेंगे. सीएम ऑफिस की ओर से जारी बयान में कहा गया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दो महीने न किसी से मिलेंगे और न घर से बाहर निकलेंगे. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही करेंगे मीटिंग और वार्तालाप करेंगे. सीएम गहलोत ने यह फैसला पोस्ट-कोविड के कारण डॉक्टर की सलाह पर लिया है. डॉक्टर्स ने कहा है कि अभी एक-दो महीने और वीसी से ही मीटिंग करें. विभागों की बैठकें और रिव्यू मीटिंग्स भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की जा रही हैं. कोरोना को लेकर एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी रूप से मीटिंग्स की गई हैं. लगभग 15-16 माह में करीब 355 वीसी की जा चुकी हैं, जिनसे कई बार गांव तक के प्रतिनिधि-वार्ड पंच, सरपंच भी जुड़ते हैं.
इसी बीच, राजस्थान में गहलोत-पायलट की कलह के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की परेशानी अपने ही कुनबे से बढ़ती जा रही है. गहलोत खेमे की विधायक इंदिरा मीणा ने आज पाला बदल कर पायलट का समर्थन किया.  इंदिरा मीणा ने कहा कि पार्टी नेतृत्व को पायलट की मांगें माननी चाहिए औऱ मंत्रीमंडल विस्तार होना चाहिए. इतना ही नहीं इंदिरा मीणा ने विधायकों की फोन टेपिंग औऱ उन पर दबाब के मसले पर कहा कि विधायकों में ये डर और अनिश्चितता खत्म होनी चाहिए लेकिन कहा मेरा फोन टेप नहीं हुआ. बहुजन समाज पार्टी से कांग्रेस में शामिल होने वाले छह विधायको ने आज अपनी अलग बैठक कर मौजूदा हालात में आगे की ऱणनिति पर चर्चा. बीएसपी विधायकों ने भी मंत्रीमंडल विस्तार की मांग की.

BSP से कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों ने बढ़ाई गहलोत की टेंशन
बहुजन समाज पार्टी से कांग्रेस में शामिल हुए छह विधायकों ने भी गहलोत की परेशानी बढ़ा दी. इन विधायकों ने जयपुर में एक विधायक के आवास पर अलग से बैठक की. कांग्रेस में शामिल होने के डेढ़ साल बाद ही मंत्री नहीं बनाए जाने से खफा है. एक विधायक लाखन सिंह ने कहा कि मंत्रीमंडल का विस्तार होना चाहिए. वहीं दूसरे विधायक संदीप यादव ने कहा कि हमारे कांग्रेस में शामिल होने से ही गहलोत सरकार में स्थरिता आई. अब गहलोत हमारा मान-सम्मान तय करें.

सूत्रों के मुताबिक पायलट खेमे औ खुद के गुट के विधायकों की भी नाराजगी के बाद गहलोत ने मंत्रीमंडल विस्तार औऱ राजनीतिक नियुक्तियों पर काम करना शुरू कर दिया है. गहलोत एक खाका तैयार पर पार्टी हाईकमान से बात कर सकते हैं लेकिन तत्काल के बजाय अगले महीने करना चाहते हैं.
मंत्रीमडंल में नौ सीट खाली हैं. कुछ मंत्रियों को हटा सकते हैं जिससे ज्यादा विधायकों को मौका दे सके. इसी तरह करीब 40 सीटें निगम बोर्डो में हैं जहां विधायकों को मौका दिया जा सकता है लेकिन गहलोत एक साथ के बजाय किश्तों में नियुक्ति करना चाहते हैं.

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मेडिकल ऑक्सीजन के क्षेत्र में राजस्थान को बनाएंगे आत्मनिर्भर - मुख्यमंत्री

बीकानेर बुलेटिन






जयपुर, 14 जून। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश को मेडिकल ऑक्सीजन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने को लेकर योजनाबद्ध रूप से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन के जिस संकट का सामना पूरे देश-प्रदेश ने किया, उसे देखते हुए राज्य के जिला अस्पतालों से लेकर सीएचसी एवं पीएचसी स्तर तक के विभिन्न अस्पतालों में ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट लगाने, पाइपलाइन के जरिए ऑक्सीजन की आपूर्ति व्यवस्था विकसित करने के साथ ही ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इससे आने वाले वक्त में यदि तीसरी लहर आती भी है, तो प्रदेश के राजकीय अस्पताल उससे मुकाबले के लिए पहले ही तैयार हो सकेंगे।

श्री गहलोत सोमवार को जोधपुर जिले में स्वास्थ्य सेवाओं से जुडे करीब 39 करोड़ रूपये के विकास कार्यों के लोकार्पण एवं शिलान्यास समारोह को वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने करीब 33 करोड़ रूपए की लागत के 13 कार्यों का लोकार्पण एवं 6 करोड़ रूपए की लागत के दो कार्यों का शिलान्यास किया। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड संक्रमण की पहली लहर तथा इसके बाद की घातक दूसरी लहर के समय राजस्थान ने जिस प्रकार का कोरोना प्रबंधन किया उसकी सराहना पूरे देश में हुई है। चाहे वह सघन कांटेक्ट ट्रेसिंग का भीलवाडा मॉडल हो, सामाजिक जागरूकता के लिए नो मास्क-नो एंट्री अभियान हो, कोई भूखा न सोए के संकल्प को साकार करने के लिए सूखे राशन तथा भोजन सामग्री के पैकेट वितरण का कार्य हो या गांव-ढाणी तक बसे 16 लाख परिवारों तक दवा किट पहुंचाने का सफल अभियान, हमने कहीं कोई कमी नहीं रखी। 

श्री गहलोत ने कहा कि हमारा प्रयास है कि राज्य के सभी जिलों में सरकारी मेडिकल कॉलेज खुलें। अब सिर्फ जालोर, राजसमंद तथा प्रतापगढ़ ही ऎसे जिले हैं, जहां राजकीय मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति नहीं मिल पाई है। हमारी कोशिश रहेगी कि इन जिलों में भी सरकारी मेडिकल कॉलेज मंजूर हों। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि जयपुर के बाद जोधपुर राजस्थान का सबसे बड़ा शहर है। लेकिन दुर्भाग्य से इसे स्मार्ट सिटी परियोजना में शामिल नहीं किया गया। यदि जयपुर, उदयपुर एवं प्रदेश के अन्य शहरों की तरह जोधपुर को भी स्मार्ट सिटी के रूप में शामिल कर लिया जाता, तो उससे विकास के कई कार्यों को और भी गति मिल सकती थी।  

इससे पहले चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि प्रदेश के 400 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की योजना पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग काम कर रहा है। इसके साथ ही नवजात गहन चिकित्सा इकाई (नीकू), शिशु गहन चिकित्सा इकाई (पीकू), कमजोर एवं कुपोषित नवजातों के उपचार के लिए स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट तथा मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को इस प्रकार तैयार किया जा रहा है कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर से मुकाबले के लिए हमारी तैयारियां पूरी रहें। 
 
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने जब-जब भी प्रदेश की बागड़ोर संभाली है, तब-तब प्रदेश के मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के ऎतिहासिक फैसले लिए हैं। चाहे वह मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना हो, मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजना हो, निरोगी राजस्थान हो या मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना।  

जोधपुर जिले के प्रभारी एवं विधानसभा में उप मुख्य सचेतक श्री महेन्द्र चौधरी ने कहा कि कोरोना के खिलाफ राज्य सरकार के कुशल प्रबंधन तथा सभी वर्गों को साथ लेकर मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा जनहित में किए जा रहे फैसलों की देशभर में सराहना हो रही है। 

विधायक श्री महेन्द्र विश्नोई, श्रीमती मनीषा पंवार, श्री हीराराम मेघवाल ने बताया कि दूरगामी सोच के साथ जोधपुर जिले में गांव-ढ़ाणी तक स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ किया जा रहा है। चिकित्सालयों में आधुनिक भवनों के निर्माण, ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट स्थापित करने, एम्बुलैंस, मेडिकल उपकरण आदि उपलब्ध कराकर किसी भी महामारी से मुकाबले के लिए तैयार किया जा रहा है। 

राज्यसभा सांसद श्री राजेन्द्र गहलोत एवं विधायक श्री पब्बाराम विश्नोई ने कहा कि मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता से प्रेरित जोधपुर की समस्त जनता पूरी एकजुटता और जीत के संकल्प के साथ कोविड के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है। उन्होंने जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए मुख्यमंत्री एवं भामाशाहों का आभार व्यक्त किया और सुझाव भी दिए। विधायक श्री पुखराज गर्ग ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने जिन विकास कार्यों की सौगात दी है उससे ग्रामीण क्षेत्रों की जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी।  

जोधपुर के प्रभारी सचिव श्री नवीन महाजन ने आभार व्यक्त किया। इससे पहले चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के शासन सचिव श्री सिद्धार्थ महाजन तथा चिकित्सा शिक्षा सचिव श्री वैभव गालरिया ने अपने-अपने विभागों के माध्यम से कराए जा रहे विकास कार्यों की जानकारी दी। जोधपुर जिला कलक्टर श्री इन्द्रजीत सिंह ने ‘टीकाकरण आपके द्वार‘ अभियान तथा स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने की दिशा में भामाशाहों से मिल रहे सहयोग के बारे में अवगत कराया। पूर्व सांसद श्री बद्रीराम जाखड़, भामाशाह श्री पप्पूराम डारा एवं श्री करण सिंह उचियाडा ने चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार में भामाशाहों तथा आमजन के सहयोग के बारे में जानकारी दी।  

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इन कार्यों का किया लोकार्पणः-

• महात्मा गांधी चिकित्सालय, जोधपुर में नवीन ओपीडी एवं इमरजेंसी ब्लॉक (1582.75 लाख रु)

• मथुरादास माथुर अस्पताल, जोधपुर में पीडियाट्रिक कैथ लैब (राशि 500 लाख)

• जिला अस्पताल पावटा में विधायक कोष से स्थापित ऑक्सीजन प्लांट (49 लाख)

• शिवराम नत्थुजी टाक जिला चिकित्सालय मंडोर में विधायक कोष से स्थापित ऑक्सीजन प्लांट (49 लाख)

• राज्य सरकार से प्राप्त एएलएस एम्बुलेंस का लोकार्पण (100 लाख)

• महात्मा गांधी अस्पताल में विभिन्न भामाशाहों द्वारा करवाये गये कार्य (277 लाख)

• आईडी (संक्रामक रोग) सेंटर में भामाशाह द्वारा स्थापित ऑक्सीजन प्लांट (26 लाख)

• जिला अस्पताल फलोदी में भामाशाह द्वारा स्थापित ऑक्सीजन प्लांट (47.20 लाख)

• सीएचसी लूणी में भामाशाह द्वारा स्थापित ऑक्सीजन प्लांट (47.20 लाख)

• सीएचसी, बाप में भामाशाह द्वारा स्थापित ऑक्सीजन प्लांट (19.90 लाख)

• पीएचसी खेडापा (खंड बावडी) का भवन (185 लाख)

• पीएचसी, बिराई (खंड बावडी) का भवन (185 लाख)

• सीएचसी बिलाडा मेें आवासीय भवन (185 लाख)

इन कार्योंं का शिलान्यासः-

• सीएचसी केलनसर का निर्माण कार्य (400 लाख)

• पीएचसी, बारनीखुर्द का निर्माण कार्य (185 लाख)

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सालासर धाम के हनुमान सेवा समिति व पुजारी परिवार ने तीन एम्बुलेंस भेंट की

बीकानेर बुलेटिन



सालासर धाम के हनुमान सेवा समिति व पुजारी परिवार ने तीन एम्बुलेंस शिक्षा राज्य मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा को भेंट की
शिक्षा मंत्री डोटासरा ने एम्बुलेंस को हरी झण्डी दिखाकर किया रवाना

जयपुर, 14 जून।  हनुमान सेवा समिति व सालासर पुजारी परिवार द्वारा सोमवार को तीन एम्बुलेंस  शिक्षा, राज्य मंत्री श्री गोविन्द सिंह डोटासरा को लक्ष्मणगढ़ सीएचसी के लिए भेंट की। श्री डोटासरा ने सीकर कलेक्ट्रेट परिसर से तीन एम्बुलेंस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। 

इस अवसर शिक्षा मंत्री डोटासरा ने बताया कि सालासर धाम के पुजारी परिवार की ओर से ग्रामीणों की स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए एम्बुलेंस भेंट की गई जो लक्ष्मणगढ़ क्षेत्र एवं जिले के अन्य सीएचसी, पीएचसी पर आवश्यकतानुसार काम मे ली जा सकेगी। इस दौरान जिला कलेक्टर अविचल चतुर्वेदी,जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री सुरेश कुमार,  अतिरिक्त जिला कलेक्टर श्री धारासिंह मीणा, सीएमएचओ डॉ. अजय चौधरी,  सालासर धाम के मांगीलाल पुजारी, मनोज पुजारी, यशोदानंदन पुजारी, पूर्व जिला प्रमुख चूरू, भंवर लाल पुजारी सहित नेछवा प्रधान संतरा देवी, लक्ष्मणगढ़ प्रधान मदन सेवदा, लक्ष्मणगढ़ चेयरमैन मुस्तफा कुरेशी सहित जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद थे।

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Monday, June 14, 2021

राज्य सरकार ने प्रदेश में हाईस्पीड डीजल की वैट दर कम करने का लिया निर्णय

बीकानेर बुलेटिन




जयपुर। राज्य सरकार ने प्रदेश में खनन क्षेत्र के लिए हाईस्पीड डीजल की वैट दर कम करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खनन व्यवसायियों को राहत देने के उद्देश्य से मैन्यूफेक्चरर तथा संनिर्माण उद्योग क्षेत्रों की तर्ज पर सस्ता डीजल उपलब्ध कराने की अधिसूचना के प्रारूप का अनुमोदन कर दिया है।

वित्त विभाग के प्रस्ताव के अनुसार, राजस्थान के पड़ोसी राज्यों में डीजल की दरें कम होने से व्यवसायिक गतिविधियों के लिए डीजल की बल्क खरीद प्रदेश के बाहर से की जाती है। इसके मद्देनजर पूर्व में ही मैन्यूफेक्चरर तथा संनिर्माण उद्योगों को प्रदेश में स्थित तेल कंपनियों से डीजल खरीदने पर राज्य वैट दर में रियायत दी जा चुकी है। इसके तहत खनन उद्योग को भी राजस्थान में स्थित तेल कंपनियों से डीजल खरीदने पर घटी हुई वैट दर का लाभ दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि इस निर्णय से प्रदेश में खनन क्षेत्र को राजस्थान में ही सस्ती दर पर डीजल खरीद का लाभ मिलेगा और राज्य सरकार को 108.84 करोड़ रूपए का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा।

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Sunday, June 13, 2021

जनता का अनुशासन ही आने वाले दिनों में लाॅकडाउन के प्रतिबंधों में छूट की दिशा तय करेगा

बीकानेर बुलेटिन




जयपुर, 12 जून। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर काफी घातक रही और इसके कारण लोगों में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न समस्याएं देखने को मिल रही हैं। राज्य सरकार इसे लेकर सतर्क है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि स्वास्थ्य विभाग ऐसे मरीजों तथा उनके परिजनों को उचित उपचार और मनोचिकित्सकीय परामर्श देने की समुचित व्यवस्था करे। साथ ही, उन्हें पोस्ट कोविड दुष्प्रभावों के समय पर उपचार, संतुलित आहार एवं मानसिक स्वास्थ्य संबंधी काउंसलिंग दी जाए।

श्री गहलोत शनिवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से कोविड-19 समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में कई हृदय विदारक दृश्य देखने को मिले। अनेक परिवारों ने अपने प्रियजनों को खोया है। लम्बे समय तक उपचार के बाद लोगों में आ रहे पोस्ट कोविड दुष्प्रभाव हमारे लिए चिंता का विषय है। हमारा प्रयास है कि ऐसे रोगियांे और परिजनों को समुचित उपचार एवं परामर्श मिले, ताकि वे जल्द से जल्द इन स्वास्थ्य समस्याओं से उबर सकें। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि 21 जून से केन्द्र सरकार की ओर से 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के नागरिकों के लिए मुफ्त कोविड टीकाकरण शुरू होगा। प्रशासनिक अधिकारी एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम इसके लिए प्रभावी योजना तैयार कर इसे अभियान का रूप दें, ताकि प्रदेश में अधिक से अधिक लोगों का वैक्सीनेशन सुनिश्चिित हो सके। उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन में राजस्थान ने अब तक उत्कृष्ट प्रबंधन किया है। इसी गति को आगे बढ़ाते हुए हमें जल्द से जल्द सभी आयु वर्ग के टीकाकरण का काम पूरा करना है। उन्होंने कहा कि राज्य में चलाए गए व्यापक जागरूकता अभियान के परिणामस्वरूप राजस्थान में वैक्सीनेशन को लेकर लोगों में भ्रांति नहीं है। 

श्री गहलोत ने लोगों को कोरोना अनुशासन की पालना में कोताही नहीं बरतने की अपील करते हुए कहा कि संक्रमण से बचाव के लिए निरन्तर मास्क पहनने, उचित दूरी रखने सहित सभी हेल्थ प्रोटोकाॅल की पालना करना अतिआवश्यक है। जनता का अनुशासन ही आने वाले दिनों में लाॅकडाउन के प्रतिबंधों में छूट की दिशा तय करेगा। उन्होंने कहा कि प्रोटोकाॅल की पालना में हमारी लापरवाही जीवन रक्षा और आजीविका दोनों के लिए परेशानी का कारण बन सकती है। उन्होंने कहा कि सभी वर्गों और प्रदेशवासियों के सहयोग से ही अब तक कोरोना का बेहतर प्रबंधन कर पाए हैं।

चिकित्सा मंत्री डाॅ. रघु शर्मा ने राज्य सरकार ने कोरोना की दूसरी लहर के दौरान बेहतरीन प्रबंधन किया है और अब तीसरी लहर को ध्यान में रखकर चिकित्सा व्यवस्थाओं को लगातार सुदृढ़ किया जा रहा है। एसएमएस अस्पताल में जीन सिक्वेंसिंग लैब की स्थापना की जा रही है। इससे वायरस के म्यूटेंट का जल्द पता चल सकेगा और ट्रीटमेन्ट प्रोटोकाॅल तैयार करने में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण लोगों में अनिद्रा, अवसाद, अज्ञात चिंता सहित कई तरह की मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं देखी जा रही हंै। मनोचिकित्सा केन्द्र जयपुर में इस संबंध में परामर्श के लिए हेल्पलाइन शुरू की है। सभी जिला चिकित्सालयों में भी मानसिक स्वास्थ्य संबंधी परामर्श की व्यवस्था की गई है। 

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री डाॅ. सुभाष गर्ग ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राजस्थान में कोरोना का बेहतरीन ढंग से मुकाबला किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों और कोविड प्रबंधन को देशभर में सराहा गया है। स्वास्थ्य विभाग कोरोना की तीसरी लहर के दृष्टिगत सभी आवश्यक तैयारियां करने में जुटा हुआ है।

मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य ने कहा कि कोविड-19 के कारण अनाथ हुए बच्चों  के लिए घोषित किया गया पैकेज सरकार का संवेदनशील कदम है। जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि वे ऐसे परिवारों को शीघ्र चिन्हित करें, जिनमें कोविड के कारण बच्चों ने अपने माता-पिता को खो दिया है। उन्होंने बताया कि शनिवार को ही कुछ जिला कलेक्टरों ने पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर उनके दिवंगत परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की तथा राज्य सरकार के सहायता पैकेज के संबंध में जानकारी दी है।

शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री सिद्धार्थ महाजन ने प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति, वैक्सीनेशन, संसाधनों की उपलब्धता एवं भविष्य की तैयारियांे के संबंध में प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने बताया कि विगत दिनों में प्रदेश में संक्रमण के स्तर, एक्टिव केसेज एवं मृत्यु दर में तेजी से कमी आई है। प्रदेश में 12 मई को कोविड से 164 मौतें हुई थीं, जो 12 जून को घटकर 16 रह गई। उन्होंने बताया कि राजस्थान वैक्सीनेशन के मामले में देशभर में अव्वल रहा है। हमारे यहां वैक्सीन का वेस्टेज केवल 1.3 प्रतिशत रहा। 

एसएमएस अस्पताल के प्राचार्य डाॅ. सुधीर भण्डारी एवं वरिष्ठ चिकित्सा विशेषज्ञ डाॅ. वीरेन्द्र सिंह ने कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति और भावी तैयारियों के बारे में विचार व्यक्त किए। 

मनोचिकित्सा विशेषज्ञ डाॅ. संजय जैन, डाॅ. परमजीत सिंह, डाॅ. आरके सोलंकी, डाॅ. सुनील सुथार और डाॅ. जयश्री जैन ने कोविड एवं पोस्ट कोविड रोगियों के मानसिक स्वास्थ्य पर हो रहे प्रभावों, उनके उपचार और मरीजों तथा उनके परिजनों की काउंसलिंग की आवश्यकता पर विस्तार से चर्चा की। 

बैठक में पुलिस महानिदेशक श्री एमएल लाठर, प्रमुख सचिव गृह श्री अभय कुमार, प्रमुख सचिव वित्त श्री अखिल अरोरा सहित वरिष्ठ अधिकारी तथा अन्य मनोचिकित्सा विशेषज्ञ उपस्थित थे। सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म के माध्यम से आमजन भी वीसी से जुड़े।

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Saturday, June 12, 2021

हनीट्रैप: मिसेज राजस्थान प्रियंका चौधरी गिरफ्तार, बिजनेसमैन को पोर्न CD दिखाकर ऐंठ रही थी करोड़ों

बीकानेर बुलेटिन





जयपुर: राजस्थान की राजधानी जयपुर से बड़ी खबर सामने आई है, जहां हनीट्रैप के मामले में पूर्व मिसेज इंडिया  राजस्थान  2019 को प्रियंका चौधरी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उस पर आरोप है कि प्रियंका ने एक बड़े बिजनेसमैन को ब्लैकमेल करने के आरोप में हिरासत में लिया है।


दरअसल, प्रियंका चौधरी पर आरोप है कि उसने पहले जयपुर के एक बड़े व्यपारी को अपनी खूबसूरती के जाल में फंसाया और उससे दोस्ती करके लाखों रुपए लिए। इसस पहले वह व्यपारी के साथ अश्लील सीडी बनाकर 30 लाख रुपए के गहने चुकी थी और अब एक करोड़ कैश और करोड़ों के जमीन की डिमांड कर रही थी। 

श्यामनगर थाने के एएसआई जय सिंह ने बताया कि पुलिस ने आरोपी महिला से पूछाताछ कर रही है। वह मूल रुप से उत्तम मार्ग जयपुर रहने वाली है। उसका पति राजस्थान पुलिस में हेडकांस्टेबल है। युवती को शुक्रवार देर रात गिरफ्तार किया गया है। वहीं महिला के शिकार हुए व्यापारी घासीलाल चौधरी पॉश पार्श्वनाथ कालोनी में रहते हैं। उन्होंने युवती के खिलाफ 3 जून को शिकायत दर्ज कराई थी। 

व्यपारी ने बताय कि प्रियंका चौधरी अपने पति के साथ  2016 में मेरे घर आई थी। जहां उसने अपने आप को मेरे गांव के पास का बताकर मेरा मकान किराए ले लिया। धीरे-धीरे वह मुझसे दोस्ती की और मेरे साथ पारिवारिक संबंध बना लिए।


जब प्रियंका को पता चला कि व्यपारी के पास बहुत पैसा और जमीन है तो वह उनसे संपर्क बढ़ाने लगी। इसके बाद कई बार मजबूरी का बहाना बताकर आए दिन रुपए मांगने लग गई। इस तरह उसने व्यपारी को फंसाकर लाखों रुपए ऐंठ लिए। वह जब पैसे दोबार मांगते तो उनको अश्लील सीडी दिखाकर ब्लैकमेल कर फंसाने की धमकी देती।

शुरुआती जांच में सामने आया है कि 2019 में मिसेज इंडिया राजस्थान बनी प्रियंका चौधरी को  लग्जरी लाइफ जीने का शौक था। वह अमीरों की तरह जिंदगी जीना चाहती थी। मंहगी से मंहगी होटल में खाना खाने और आए दिन पार्टी करने जाती थी। लेकिन उसके पास आया ऐसा कोई सीधा जरिया नहीं था जिससे उसकी इतनी कमाई हो सकती। इसलिए उसने साजिश के तहत व्यपारी को अपने जाल में फंसाया।






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Friday, June 11, 2021

अब तक 48 बार बढ़ी हैं पेट्रोल-डीजल की कीमतें,महंगाई पर कांग्रेस का धरना-प्रदर्शन

बीकानेर बुलेटिन




जयपुर में धरना-प्रदर्शन में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं

पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमत देश के हर आम नागरिक की जेब पर असर डालती है. आज देशभर में पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं. 100 से ज्यादा जिलों में पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर के पार पहुंच गया है. पेट्रोल डीजल की अनियंत्रित बढ़ती कीमतों के विरोध में ही आज कांग्रेस पार्टी पेट्रोल पम्पों पर सांकेतिक विरोध प्रदर्शन कर रही है. आखिर क्यों बढ़ रही है पेट्रोल-डीजल की कीमत? सरकारें कितना टैक्स लेती है? इस बारे यहां सबकुछ जानिए.


मई-जून में कितनी बढ़ी पेट्रोल-डीजल की कीमत
मार्च-अप्रैल में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के दौरान पेट्रोल-डीजल की कीमत थमी रहीं. दो मई को चुनाव नतीजे आने के बाद चार मई से दाम बढ़ना फिर शुरू हो गए. मई में कुल 16 बार तेल की कीमतों में इजाफा हुआ. दिल्ली में मई में पेट्रोल 3.83 रुपये और डीजल 4.42 रुपये प्रति लीटर महंगा हुआ. वहीं जून में अबतक 6 बार दाम बढ़ चुके हैं. जून में पेट्रोल 1.66 रुपये जबकि डीजल 1.60 रुपये महंगा हुआ है. साल 2021 में अब तक कीमतें 48 बार बढ़ी हैं. इस दौरान पेट्रोल 12.14 रुपये महंगा हुआ.

पिछले 7 सालों में कितना बढ़ा दाम?

हर साल पेट्रोल-डीजल महंगा ही होता जा रहा है. लेकिन पिछले सात सालों में कीमतों में कुछ ज्यादा ही इजाफा हुआ है. इस दौरान पेट्रोल-डीजल में 30-35 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी देखने को मिली है. 

2014-15- पेट्रोल 66.09 रुपये प्रति लीटर, डीजल 50.32 रुपये प्रति लीटर
2015-16- पेट्रोल 61.41 रुपये प्रति लीटर, डीजल 46.87 रुपये प्रति लीटर
2016-17- पेट्रोल 64.70 रुपये प्रति लीटर, डीजल 53.28 रुपये प्रति लीटर
2017-18- पेट्रोल 69.19 रुपये प्रति लीटर, डीजल 59.08 रुपये प्रति लीटर
2018-19- पेट्रोल 78.09 रुपये प्रति लीटर, डीजल 69.18 रुपये प्रति लीटर
2019-20- पेट्रोल 71.05 रुपये प्रति लीटर, डीजल 60.02 रुपये प्रति लीटर
2020-21- पेट्रोल 76.32 रुपये प्रति लीटर, डीजल 66.12 रुपये प्रति लीटर
11 जून 2021- पेट्रोल 95.85 रुपये प्रति लीटर, डीजल 86.75 रुपये प्रति लीटर

पेट्रोल-डीजल पर कितना टैक्स वसूल रही हैं सरकारें?

सरकार का कहना है कि दाम तो अंतर्राष्ट्रीय कीमतों की वजह से बढ़ रहे हैं. लेकिन असल में एक लीटर पेट्रोल पर केंद्र और राज्य सरकारें आपकी जेब से टैक्स के रूप में पैसा वसूल रही हैं. पेट्रोल पर केंद्र सरकार राज्यों के मुकाबले ज्यादा टैक्स ले रही है. राज्य सरकारों द्वारा पेट्रोल-डीजल पर लगाया गया बिक्री कर या वैट हर राज्य में अलग-अलग होता है. औसतन राज्य सरकारें एक लीटर पेट्रोल पर करीब 20 रुपये और केंद्र सरकार करीब 33 रुपये टैक्स लेती है. यानी कि पेट्रोल-डीजल पर जनता का आधे से ज्यादा पैसा सरकार को टैक्स के रूप में जा रहा है.

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