Friday, July 22, 2022

जिला कलक्टर ने रीट संबंधी व्यवस्थाओं का लिया जायजा

बीकानेर बुलेटिन




बीकानेर, 22 जुलाई। जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने शुक्रवार रात रोडवेज बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, वेटरनरी कॉलेज और बिश्नोई धर्मशाला में राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा (रीट) से संबंधित व्यवस्थाओं का जायजा लिया।

उन्होंने परीक्षार्थियों के परिवहन, ठहरने और खाने संबंधी इंतजामों को देखा। परीक्षार्थियों से बातचीत करते हुए व्यवस्था संबंधी फीडबैक लिया। हैल्प डेस्क को प्रभावी तरीके से कार्य करने के निर्देश दिए तथा कहा कि परीक्षार्थियों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं आए। उन्होंने परीक्षार्थियों को प्राथमिकता के आधार पर धर्मशालाओं में शिफ्ट करने के निर्देश दिए। निःशुल्क भोजन पैकेट वितरण संबंधी व्यवस्था देखी। इसकी गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि व्यवस्थाओं के लिए अधिकृत अधिकारी प्रभावी मॉनिटरिंग करें। रेलवे स्टेशन के दोनों प्रवेश द्वारों पर की गई व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दौरान नगर निगम आयुक्त गोपाल राम बिड़दा और एचसीएम रीपा के अतिरिक्त निदेशक अरुण प्रकाश शर्मा साथ रहे।

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अज्ञात वाहन की टक्कर से बाइक सवार की मौत

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अज्ञात वाहन की टक्कर से बाइक सवार की मौत हो जाने का मामला सामने आया है। इस सम्बंध में नया शहर थाने में चौखुंटी गली नम्बर 11 के रहने वाले भूपेन्द्र धवल ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है। घटना शनिचर मंदिर पूगल फांटा बस स्टैंड के पास 21 जुलाई की रात की है। प्रार्थी ने बताया कि उसका भाई नरेन्द्र बाइक लेकर जा रहा था। इसी दौरान पीछे से एक अज्ञात वाहन ने उसको टक्कर मार दी। जिससे वह बुरी तरीके से घायल हो गया। आसपास के लोगों के सहयोग से उसे अस्पताल पहुंचाया गया। जहां पर इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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राहगीरों से छीना झपटी करने के मामले में दो आरोपी गिरफ्तार

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बीकानेर के व्यास कॉलोनी थाना पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए राहगीरों से छीना झपटी करने के मामले में सुन्दर उर्फ सुरेन्द्र पुत्र प्रकाश रेगर व रोहित पुत्र मूल चन्द रेगर निवासी रेगरो का मौहल्ला शिव बाड़ी को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों से जय नारायण व्यास कॉलोनी थाना क्षेत्र में दो अन्य वारदात करना स्वीकार किया आरोपियों से पूछताछ जारी है। वारदात का खुलासा करने मे कॉन्स्टेबल राजेन्द्र सिंह का विशेष योगदान रहा।



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अजय त्यागी उपभोक्ता अधिकार संरक्षण मंच के कार्यवाहक राष्ट्रीय अध्यक्ष बने

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उपभोक्ता अधिकार संरक्षण मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष मेघराज आचार्य ने अपने पद और संस्थान की सदस्यता से त्याग पत्र दे दिया है। अपने व्यक्तिगत कारणों और अस्वस्थता के चलते मेघराज आचार्य ने ये त्यागपत्र दिया है। संस्थान के राष्ट्रीय महासचिव अजय त्यागी और राष्ट्रीय संयोजक वीरेंद्र आभानी द्वारा त्यागपत्र स्वीकार कर लिया गया गया है। आगामी सभा में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का निर्णय होने तक अजय त्यागी कार्यवाहक राष्ट्रीय अध्यक्ष का पदभार संभालेंगे।



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बीकानेर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने PM नरेंद्र मोदी का पुतला फूंका, पढ़े पूरी ख़बर

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बीकानेर 22 जुलाई – कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्षा सोनिया गांधी जी के खिलाफ जबरन ईडी जांच के विरोध में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर बीकानेर शहर जिला कांग्रेस ने आज कोटगेट पर विरोध प्रदर्शन करते हुए जिला अध्यक्ष यशपाल गहलोत के नेतृत्व में प्रतीक रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला फूंका और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
जिला अध्यक्ष यशपाल गहलोत ने कहा की आज जिस तरह से भाजपा नीत मोदी सरकार विपक्ष को खत्म करने लगी है। और कांग्रेसी नेताओं को जानबूझकर ईडी और अन्य जांच एजेंसियों से परेशान करवा रही है।

पूर्व विधानसभा प्रत्याशी कन्हैयालाल झवर ने कहा की भाजपा अपनी गलत नीतियों की वजह से देश को बरबादी की कगार पर ले गई है। उन्ही नीतियों को बचाने और अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए ईडी का प्रयोग कर रही है। ताकि जनता का ध्यान भटका रहे। आने वाले समय में भाजपा को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा

राज्य मंत्री मदनगोपाल मेघवाल ने कहा की कांग्रेस इनकी नीतियों के खिलाफ लगातार संघर्ष करती रहेगी। इस अवसर पर बड़ी संख्या में कांग्रेस के पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद थे।

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मनरेगा श्रमिकों के कार्य समय में बदलाव

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बीकानेर, 22 जुलाई। राज्य में वर्षा के मौसम को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा महात्मा गांधी नरेगा के कार्यों का समय  01 अगस्त  से प्रातः 9 बजे से सायं 5 बजे तक (विश्राम काल 1 घण्टे सहित) निर्धारित किया गया है। जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने यह जानकारी दी।

यदि कोई श्रमिक समूह समय से पूर्व निर्धारित टास्क के अनुसार कार्य पूर्ण कर लेता है तो वह कार्य की माप मेट के पास उपलब्ध मस्टररोल में अंकित टास्क प्रपत्र में करवाने के उपरान्त एवं समूह के मुखिया के हस्ताक्षर के उपरान्त कार्य स्थल छोड़ सकता है।

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REET 2022: तैयारियां पूरी, कड़ी निगरानी में होगी परीक्षा, परीक्षा शुरू होने से एक घंटे पहले तक ही मिलेगी प्रवेश की अनुमति

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बीकानेर, 22 जुलाई। राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा (रीट) शनिवार और रविवार को दो पारियों में आयोजित होगी। दोनों पारियों में परीक्षार्थियों को परीक्षा प्रारम्भ होने से एक घंटे पूर्व परीक्षा केन्द्र में प्रवेश की अनुमति रहेगी। इसके बाद किसी भी परीक्षार्थी को प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि परीक्षार्थियों को प्रथम पारी के लिए प्रातः 9 बजे तक एवं द्वितीय पारी के लिए दोपहर 2 बजे तक ही प्रवेश करने की अनुमति रहेगी। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित होने वाली परीक्षा के लिए 44 परीक्षा केन्द्र निर्धारित किए गए हैं। इन परीक्षा केन्द्रों पर 23 तथा 24 जुलाई को दो पारियों में परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। प्रथम पारी का समय प्रातः 10 से 12ः30 बजे तक एवं द्वितीय पारी का समय दोपहर 3 बजे से 05ः30 बजे तक रहेगा।
जिला कलक्टर ने बताया कि सभी परीक्षा केन्द्रों पर प्रश्नपत्र रखने के स्थान व सभी परीक्षा कक्षों में सीसीटीवी कैमरे लगवाये गये हैं। जिनकी लाइव फीड माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर के कार्यालय, अभय कमाण्ड सेंटर (पुलिस विभाग), संभागीय आयुक्त एवं जिला कलक्टर कार्यालय में उपलब्ध रहेगी। उन्होंने बताया कि स्ट्रांग रूम व संग्रहण स्थल पर सीसीटीवी के माध्यम से निरंतर निगरानी की जाएगी। प्रश्नपत्र ले जाने वाले सभी वाहनों (कुल 44 पेपर कॉर्डिनेटर) में जीपीएस लगाए गए हैं। प्रत्येक वाहन के साथ एक वीडियोग्राफर एवं पुलिस के सशस्त्र जवान भी रहेंगे। ओ.एम.आर. संग्रहण करने वाले सभी 15 दलों के वाहनों के साथ भी एक वीडियोग्राफर एवं पुलिस के सशस्त्र जवान रहेंगे। इन वाहनों में भी जीपीएस सिस्टम लगाए गए हैं।
परीक्षा की गोपनीय सामग्री संगहण के लिए बनाए गए संग्रहण केन्द्र पर राजस्थान तहसीलदार सेवा के एक अधिकारी को सामान्य व्यवस्था हेतु प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया गया है। परीक्षा के दौरान परीक्षा केन्द्रों पर शत-प्रतिशत राजकीय कार्मिकों को नियुक्त किया गया है। निजी परीक्षा केन्द्रों के भवनों का अधिग्रहण करते हुए समस्त केन्द्रों पर राजकीय कार्मिकों को नियुक्त किया गया है। आवश्यक सेवा के प्राइवेट कार्मिकों (वीडियोग्राफर एवं ड्राईवर) का पुलिस सत्यापन करवाया जाकर उन्हें पहचान पत्र जारी किए गए हैं। उन्होंने बताया कि परीक्षा के सुचारू एवं सफल संचालन हेतु जिला स्तर पर एक नियंत्रण कक्ष जिला कलक्टर कार्यालय में स्थापित किया गया है। यह नियंत्रण कक्ष 21 जुलाई से 25 जुलाई तक संचालित रहेगा। नियंत्रण कक्ष का दूरभाष नम्बर 0151-2226031 है।

परीक्षार्थियों के लिए लगाई हैल्प डेस्क
अतिरिक्त जिला कलक्टर (नगर) एवं परीक्षा समन्वयक पंकज शर्मा ने बताया कि जिले के बाहर से आने वाले परीक्षार्थियों के लिए रेलवे स्टेशन, रोडवेज बस स्टेण्ड व वेटरनरी कॉलेज ग्राउन्ड प्राइवेट बस स्टैण्ड में हैल्प डेस्क लगाई गई है। सामान्य व्यवस्था के लिए जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी शहजाद अली एवं रोडवेज बस डिपो (राज. राज्य पथ परिवहन निगम) पर तहसीलदार नगर विकास न्यास कालूराम पडिहार को प्रभारी नियुक्त किया गया है। भामाशाहों के सहयोग से रोड़वेज स्टेण्ड, रेलवे स्टेशन व प्रमुख धर्मशालाओं में निःशुल्क फूड पैकेट की व्यवस्था की जा रही है।

उन्होंने बताया कि परीक्षार्थियों के रुकने के लिए 44 धर्मशालाओं में व्यवस्था के अलावा रोडवेज बस स्टैण्ड, रेलवे स्टेशन पर टैन्ट एवं गद्दों की व्यवस्था की गई है। पुलिस द्वारा होटल मालिकों को परीक्षार्थियों से वाजिब किराया ही वसूल करने के लिए पाबंद करवाया जा रहा है।

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बीकानेर के लिए नासूर बन चुकी इस समस्या से अब मिलेगा छुटकारा, पूरी होगी बरसों की आस

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बीकानेर. शहर की दशकों पुरानी समस्या को पंख लग गए हैं। अगर यह कहते हैं, तो आशय भले ही यह निकलता हो कि समस्या बढ़ गई है, लेकिन यहां इसका आशय दूसरा है। दरअसल, यहां बात हो रही है बीकानेर शहर के लिए दशकों से नासूर बने दो रेलवे फाटकों की, जिनकी वजह से दिन भर में कई बार जैसे शहर ही दो हिस्सों में बंट जाता है। जहां तक समस्या को पंख लगने की बात है, तो आशय यह है कि बीकानेर की यह समस्या अब पंख लगा कर उड़ जाने को तत्पर है। दरअसल, राज्य और केंद्र के सम्मिलित प्रयास से अब इस तरह के प्रयासों को एक आकार मिला है, जिससे शहर को रेलवे क्रासिंग के रूप में मिले इन दो नासूरों से छुटकारा मिल जाएगा।

यह हैं वह दो रेलवे क्रासिंग

जिन दो रेलवे क्रासिंग पर समस्या समाधान की ठोस और संजीदा पहल हुई है, उनमें से एक है सांखला फाटक, जहां पर अंडरपास निर्माण के लिए रेलवे प्रशासन और नगर विकास न्यास ने ड्रॉइंग को अंतिम रूप दे दिया है। जानकारी के मुताबिक ड्राइंग को मंजूरी भी मिल चुकी है। यहां तक कि अंडरपास निर्माण शुरू करने के लिए दस फीट गहराई से मिट्टी के नमूने लेने का कार्य भी जल्दी ही पूरा कर लिया जाएगा। यहां करीब पांच मीटर चौड़ा और तीन मीटर गहराई का अंडर पास बनेगा। इसमें से कार-जीप, एम्बुलेंस और बाल वाहिनी आसानी से निकल सकेंगी।

दूसरी समस्या, जिससे मिलेगी निजात

ऐसा ही दूसरा रेलवे अंडरपास रानीबाजार फाटक पर बनाया जाना है। आमजन के लिए राहत की एक और बड़े काम को हरी झंडी मिली है। रेलवे पटरी के दोहरीकरण का सर्वे करने की मंजूरी मिल गई है। हालांकि इस काम में कुछ दिक्कतें आ सकती हैं, क्योंकि कुछ सौ मीटर तक के इलाके में जगह बेहद कम है या यूं कहें सकरी है, जिसमें दूसरी रेलवे लाइन डालने के लिए ही जगह नहीं है। हालांकि बीकानेर से लालगढ़ रेलवे स्टेशन के बीच लगने वाले अवांछित अतिरिक्त समय को कम करने की दिशा में ठोस पहल करते हुए इस रेलवे लाइन के दोहरी करण को भी मंजूरी मिल चुकी है।

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लोकतंत्र का हनन और अफसरशाही हावी, नियमों को दरकिनार कर महापौर की स्वीकृति बिना आयुक्त गोपाल राम ने जारी किया 4.80 करोड़ का टेंडर

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देश जहां एक ओर आजादी की 75 वीं वर्षगांठ अमृत महोत्सव के रूप में बना रहा है वही राजस्थान में लोकतंत्र का बुरा हाल है। राजस्थान के राजनीतिक गलियारों में मंत्री और विधायकों पर हावी अफसरशाही की चर्चाएं आम है। आए दिन गहलोत सरकार के मंत्रियों और विधायकों की पीड़ा सीएम को लिखे पत्र सोशल मीडिया या बयानों में साफ नजर आती है।
कुछ ऐसा ही हाल पिछले 3 महीने से नगर निगम बीकानेर का है। होना भी लाजमी है जहां सत्तापक्ष के विधायकों और मंत्रियों की सुनवाई नहीं हो रही तो निगम में तो फिर भी विपक्ष की महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित है। मेयर राजपुरोहित भी पूरे कायदे कानून और साहस से लोकतंत्र की रक्षा के लिए अभी हावी हो रही अफसरशाही का डट कर सामना कर रही है।
ताजा प्रकरण नगर निगम द्वारा कचरा परिवहन हेतु ट्रैक्टर ट्रॉली की पुनः जारी निविदा से जुड़ा है। दरअसल नगर निगम हर वर्ष ट्रैक्टर ट्रॉली आपूर्ति की निविदा जारी करता है । इस वर्ष जारी निविदा आयुक्त गोपालराम बिरडा के आते ही विवादों का घर बनी हुई है।1 करोड़ से ऊपर के सभी टेंडर में महापौर की स्वीकृति ली जानी अनिवार्य है। आयुक्त ने पहले नियम विरुद्ध बिना उपापन समिति की अनुशंसा और सक्षम स्तर बोर्ड/महापौर की स्वीकृति के टेंडर को निरस्त कर दिया और जब मामला महापौर के संज्ञान में पहुंचा तो आयुक्त ने आनन-फानन में टेंडर बहाल कर दिया। जबकि आरटीपीपी नियम धारा 78 के अनुसार जो टेंडर एक बार निरस्त कर दिया गया है वह पुनः बहाल नहीं की जा सकता। खैर यह अनियमितता यहां ही नहीं रुकी बल्कि आयुक्त द्वारा एक गलती छुपाने के लिए गलतियों पर गलतियां की गई। टेंडर में शामिल तीनों फर्मों को नियम विरुद्ध कार्य करने के लिए लिखा गया। न्यूनतम दर दाता के बिना लिखित असमर्थता के क्रमशः L2 L3 को लिखा गया और बाकी दोनों के मना करने पर तीनों फर्मों की अमानत राशि जप्त कर ब्लैक लिस्ट कर दिया गया।
हालांकि नियमों के विपरीत आयुक्त के इस कृत्य के विरुद्ध किसी संवेदक ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है तो किसी ने डीएलबी का। इसके बाद भी आयुक्त द्वारा एक बार फिर बिना उपापन समिति की अनुशंसा और बिना सक्षम स्तर बोर्ड/महापौर की स्वीकृति के पुनः टेंडर निरस्त कर नया टेंडर जारी करने की कार्यवाही शुरू कर दी गई।
आयुक्त गोपाल राम की हठधर्मिता और आयुक्त पद का रसूख दिमाग पर इस कदर सवार हुआ कि इन्होंने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर 4.80 करोड़ का टेंडर जारी कर दिया जोकि बोर्ड या महापौर की स्वीकृति से ही जारी हो सकता था, नियमों को दरकिनार कर खुद के स्तर पर जारी कर दिया। गौरतलब है कि पत्रावली पर उपापन समिति सदस्यों द्वारा महापौर की अनुशंसा की बात लिखी थी लेकिन आयुक्त द्वारा नियमों के खिलाफ लाइन काटकर हस्ताक्षर कर दिए गए। एक ही पत्रावली पर इतनी बार नियमों की अवहेलना और आयुक्त की "अहम ब्रह्मास्मि" की कार्यशैली नगर निगम की चर्चाओं में शुमार है।

कार्यवाहक स्वास्थ्य अधिकारी अशोक व्यास मूल रूप से जिम्मेदार

इस टेंडर में हुई अनियमितता के लिए मुख्य जिम्मेवार कार्यवाहक स्वास्थ्य अधिकारी अशोक व्यास है। यह टेंडर स्वास्थ्य शाखा से संपादित की जा रहा है ऐसे में पत्रावली में हुई अनियमितताओं के लिए समस्त जिम्मेदारी कार्यवाहक स्वास्थ्य अधिकारी अशोक व्यास की है। पत्रावली में इतनी अनियमितताओं के बावजूद कार्यवाहक स्वास्थ्य अधिकारी अशोक व्यास पत्रावली पर हस्ताक्षर कर अग्रेषित करते रहे। नियमों के खिलाफ जाना अशोक व्यास के लिए नया नहीं है। पूर्व में भी नियमों के खिलाफ फर्म को अनुचित लाभ देने एवं भ्रष्टाचार के मामले में स्वास्थ्य अधिकारी का पद अशोक व्यास से छीन लिया गया था। जिसकी जांच रिपोर्ट में उपायुक्त द्वारा अशोक व्यास पर लगे आरोपों को प्रमाणित भी किया जा चुका है। हालांकि इस प्रकरण में भी अशोक व्यास पर कोई कार्यवाही नहीं हुई बल्कि एक बार फिर से स्वास्थ्य अधिकारी का कार्यभार दे दिया गया। भ्रष्टाचार में लिप्त होने के बावजूद बार-बार स्वास्थ्य अधिकारी का कार्यभार मिलने का मुख्य कारण अशोक व्यास का बीकानेर पश्चिम विधायक डॉक्टर बी डी कल्ला के करीबियों में होना है।

वित्तीय सलाहकार की जगह कनिष्ठ लेखाकार ने किये हस्ताक्षर

नगर निगम द्वारा जारी होने वाली निविदाओं के लिए आयुक्त द्वारा गठित स्थाई उपापन समिति में वित्तीय सलाहकार सदस्य हैं। वर्तमान में वित्तीय सलाहकार ना होने के कारण उनका लिंक  अधिकारी मुख्य लेखाधिकारी सुमेर सिंह है। परंतु टेंडर में वित्तीय सलाहकार की जगह कनिष्ठ लेखाकार प्रमोद जाट ने हस्ताक्षर कर दिए। प्रमोद जाट का भी विवादों से पुराना नाता है । प्रमोद जाट पर पुलिस थाना नोखा में मारपीट के एक मामले में  एफ आई आर दर्ज है।


क्या कहता है नियम
1. आरटीपीपी एक्ट 2013 धारा 78 के अनुसार कोई उपापन/निविदा एक बार निरस्त होने के बाद पुनः बहाल नहीं की जा सकती संस्था उस उपक्रम या कार्य कि नियमानुसार पुनः निविदा जारी कर सकती है।
2. राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 के लेखा नियमानुसार नगर निगम में प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति की शक्तियां
रुपए 25 लाख तक -उपायुक्त
रुपए एक करोड़ तक -आयुक्त
रुपए दो करोड़ तक -मेयर
रुपए 5 करोड़ तक -वित्तीय समिति
और इससे अधिक -बोर्ड
वर्तमान में कमेटियों का विवाद न्यायालय में लंबित होने के कारण समितियों की समस्त शक्तियां मेयर के पास है । ऐसे में पुरानी निविदा निरस्त करने से पूर्व भी तथा नई निविदा जारी करने से पूर्व भी मेयर से स्वीकृति ली जानी अनिवार्य थी।
3. पूर्व में किए गए टेंडर को जारी करने से पूर्व महापौर से स्वीकृति ली गई थी। फिलहाल आयुक्त द्वारा पूर्व की स्वीकृति को मानकर नई निविदा जारी कर दी गई हैं जो कि गलत है क्योंकि पूर्व में महापौर द्वारा दी गई स्वीकृति वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए थी वर्तमान में वित्तीय वर्ष बदल चुका है । अतः टेंडर जारी करने से पूर्व प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति महापौर से ली जानी अनिवार्य थी।

राजनैतिक संरक्षण व्यवस्था बिगड़ने का मुख्य कारण

आयुक्त गोपाल राम खुले तौर पर कई मर्तबा यह कहते नजर आए हैं की उन्हें कल्ला जी और उनके भतीजे ने लगवाया है और वे सिर्फ उन्हीं की सुनेंगे। ऐसे में नगर निगम की इस बिगड़ती व्यवस्था का कारण मंत्री कल्ला का राजनैतिक संरक्षण है। अगर महापौर की माने तो मंत्री जी का अत्यधिक हस्तक्षेप का कारण नगर निगम में कांग्रेस को मिली हार है। नगर निगम चुनाव के समय कल्ला जी प्रतिष्ठा दाव पर थी ऐसे में कांग्रेस की हार, भाजपा का बोर्ड और मेयर सुशीला कंवर को मंत्री कल्ला आज तक पचा नहीं पाए है।

मेयर पहुंची निदेशालय जयपुर
इस पूरे प्रकरण पर मेयर पहले ही डीएलबी शिकायत कर चुकी है। डीएलबी निदेशक ने प्रकरण की जांच उप निदेशक क्षेत्रीय को भी सौंपी ।परंतु जांच अपनी धीमी गति में है। ऐसे में मेयर सुशीला कंवर खुद जयपुर कूच कर चुकी है। आज संभवत है शासन सचिव तथा निदेशक से मिलकर प्रकरण पर चर्चा करेंगी। हालांकि दो दिन पहले मेयर जिला कलेक्टर से भी मिली और आयुक्त पर कार्यवाही ना होने पर खासा नाराज भी नजर आई थी। 2 महीने बीत जाने और 10 से अधिक प्रकरणों में आयुक्त के विरुद्ध साक्ष्य देने के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं  हुई। जिसमें प्रशासन शहरों के संग अभियान में की गई भारी आंकड़ों की गड़बड़ी का मुद्दा अहम था।

लगातार कानून और नियमों के साथ आयुक्त गोपाल राम बिरड़ा के नियम एवं विधि विरुद्ध रवैए से लड़ रही महापौर सुशीला कंवर जल्द हार मानने वालों में से नहीं है। जानकारों का मानना है कि राज्य सरकार और स्वायत्त शासन विभाग को महापौर द्वारा आयुक्त की नियम विरुद्ध कार्यशैली और वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े साक्ष्यों पर संज्ञान लेकर शीघ्र कार्यवाही कर देनी चाहिए ताकि सरकार की साख बच सके।




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घरों दुकानों के बाद चोरों ने भगवान को भी नही बख्शा, मंदिर से मूर्ति चोरी

बीकानेर बुलेटिन




बीकानेर में चोरों ने चारों ओर कोहराम मचा रखा है। हालात यह है कि चोर भगवान को भी नहीं बख्श रहे। आज सुबह सुबह अज्ञात चोर ने तीर्थंकर शांतिनाथ भगवान की प्रतिमा चुरा ली। घटना लक्ष्मीनाथ पार्क परिसर में स्थित नाकोड़ा पार्श्वनाथ मंदिर की है। सूचना के अनुसार पुजारी ने सुबह 5 बजे मंदिर खोला था, तब तक मूर्ति थी। 6 बजे देखा तो मूर्ति नहीं मिली। चोरी हुई प्रतिमा वीतराग भगवान शांतिनाथजी की है। महेंद्र बरड़िया के अनुसार धातु निर्मित यह प्रतिमा आठ आठ इंच लंबी व पांच इंच चौड़ी है। मंदिर से जुड़े लोगों को शक है कि दर्शन करने आए किसी व्यक्ति ने ही प्रतिमा चुराई हो। इस मंदिर में सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं। संभावना है कि चोर को सीसीटीवी ना होने की जानकारी भी हो। 

ख़बर लिखने तक कोतवाली पुलिस थाने में चोरी की सूचना दे दी गई थी। कोतवाल नवनीत सिंह मौके पर पहुंच रहे थे। बता दें कि प्रतिमा का भौतिक मूल्य अधिक नहीं है। मगर भगवान की प्रतिमा चुराना अपने आप में बड़ी वारदात है। लक्ष्मीनाथ परिसर में पचास से अधिक मंदिर है। अगर चोरों को सबक नहीं सिखाया गया तो उनके हौसले बुलंद होंगे और फिर किसी मंदिर की ओर बुरी नजर करेंगे। पुलिस को चाहिए कि वह मामले को गंभीरता से लेकर चोरों की तलाश करें ताकि चोरी की कोई बड़ी वारदात ना हो।

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अवैध डोडा पोस्त से भरी कार जब्त,दो गिरफ्तार

बीकानेर बुलेटिन






अवैध मादक पदार्थों के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई करते हुए बड़ी मात्रा में डोडा पोस्त के साथ 2 को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई बज्जू पुलिस ने की है। पुलिस ने थानाधिकारी भूपसिंह सारण के नेतृत्व में आर 910 के बीच की है। जहां पर गश्त के दौरान पुलिस को एक कार आती हुई दिखायी दी। पुलिस ने कार को रोका और पुछताछ की। पुछताछ के दौरान कार में मौजूद व्यक्ति संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया। जिसके चलते कार की तलाशी ली गयी । कार में करीब एक क्विंटल डोडा मिला। पुलिस ने डोडा के साथ जैसला निवासी प्रकाश और प्रेम को गिरफ्तार कर कार को जब्त कर लिया है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।


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