Saturday, March 11, 2023

19 को बीकानेर में होगा संस्कृति का महाकुंभ, आईजी व एडिशनल कमिश्नर ने किया मिस एंड मिसेज गणगौर राजस्थान 2023 के पोस्टर का विमोचन, पढ़ें ख़बर

बीकानेर बुलेटिन






बीकानेर। हमारी संस्कृति ही हमारा प्राण है। संस्कृति का संरक्षण व संवर्द्धन आवश्यक है। इसी उद्देश्य से ख़बरमंडी न्यूज़ लेकर आया है मिस एंड मिसेज गणगौर राजस्थान 2023 स्टेट लेवल कॉन्टेस्ट। प्रतियोगिता 19 मार्च 2023 को बीकानेर में आयोजित होगी। प्रतियोगिता की ब्रांड एंबेसडर मिस मूमल 2023 गरिमा विजय है। शुक्रवार को पुलिस महानिरीक्षक बीकानेर संभाग ओमप्रकाश पासवान व अतिरिक्त संभागीय आयुक्त ए एच गौरी ने मिस एंड मिसेज गणगौर राजस्थान 2023 के पोस्टर का विमोचन किया। वहीं पुलिस इंस्पेक्टर मनोज शर्मा, पुलिस इंस्पेक्टर बलवंत सिंह, जयनारायण व्यास कॉलोनी थानाधिकारी महावीर प्रसाद विश्नोई, सब इंस्पेक्टर भंवर लाल, सब इंस्पेक्टर जय कुमार सहित हैड कांस्टेबल आनंद कुमार, कांस्टेबल मनोज भादू आदि ने समर्थन में पोस्टर प्रमोशन किया। इस दौरान ख़बरमंडी के संस्थापक व पत्रकार रोशन बाफना साथ रहे। 

आईजी ओमप्रकाश ने कहा कि संस्कृति के संरक्षण की यह प्रतियोगिता समाज के लिए उपयोगी है। ऐसी प्रतियोगिताओं का समर्थन करना चाहिए। अतिरिक्त संभागीय आयुक्त ए एच गौरी ने कहा कि संस्कृति ही समाज को सही दिशा देती है। ऐसी प्रतियोगिताओं से समाज में सकारात्मकता को बल मिलेगा।
बता दें कि मिस एंड मिसेज गणगौर राजस्थान 2023 प्रतियोगिता दो वर्गों में आयोजित हो रही है। मिस गणगौर राजस्थान में 16 व 16 वर्ष से अधिक उम्र की युवतियां हिस्सा ले सकती है। वहीं मिसेज गणगौर राजस्थान में सभी महिलाएं हिस्सा ले सकती है। उपरोक्त श्रेणी में आने वाली राजस्थान की कोई भी युवती व महिला इस प्रतियोगिता में हिस्सा ले सकेगी। पूरी प्रतियोगिता बीकानेर में आयोजित होगी। बाहर से आने वाले प्रतिभागियों की आने जाने व ठहराव की व्यवस्था उनकी स्वयं की रहेगी। प्रतियोगिता के समन्वयक शशिराज गोयल ने बताया कि रजिस्ट्रेशन के लिए पोस्टर में दिए नंबरों पर संपर्क किया जा सकता है। जल्द ही रजिस्ट्रेशन फॉर्म बीकानेर की अलग अलग लोकेशन पर उपलब्ध होंगे। प्रतियोगिता निशुल्क रखी गई है। हालांकि फॉर्म फीस 10 रूपए रखी गई है।





रोशन बाफना ने बताया कि दोनों श्रेणियों में विनर व दो-दो रनर-अप चुने जाएंगे। प्रतियोगियों को गणगौर के साथ ही अपनी प्रस्तुति देनी होगी।‌ प्रतियोगिता पूर्णतः सांस्कृतिक परिधानों में आयोजित होगी, किसी भी प्रकार की फूहड़ता अनुमत नहीं होगी। विजेताओं को बड़े अवॉर्ड सहित बड़े पुरस्कारों से नवाजा जाएगा। अधिक जानकारी के लिए ख़बरमंडी न्यूज़ के फेसबुक पेज़, इंस्टाग्राम पेज़ व मोबाइल नंबरों से जुड़े रहें।

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इलाज के लिए आए परिजनों ने ट्रोमा सेंटर को बना दिया अखाड़ा

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बीकानेर। आये दिन पीबीएम में झगड़ा होते रहते है इसी क्रम में शनिवार सुबह अचानक ट्रोमा सेंटर में दो पक्षो में लाते घुसे चलने शुरु हो गये। जानकारी ऐसी सामने आ रही है कि एक महिला का इलाज चल रहा था, इलाज की बात को लेकर आपस में भिड़े मरीज के परिजन, आपसी किसी बात पर दो लोगों में हुई मारपीट, महिला के पीहर पक्ष ने लगाया ससुराल पक्ष पर प्रताडि़त करने का आरोप। काफी देर तक ट्रोमा सेंटर की ओपीडी में झगड़ा होता रहा है बाद में सुरक्षागार्ड ने मौके पर पहुंचकर दोनों पक्षों को बाहर किया।

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बीकानेर में आवारा कुत्तों का आतंक,ढाई वर्षीय मासूम को कुत्तों ने काटा, हालत नाजुक

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बीकानेर। शहर में दिनोंदिन आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार को घर के आगे खेल रहे ढाई वर्षीय बच्चों को आवारा कुत्तों ने काट लिया। बच्चे की हालत नाजुक है। उसे पीबीएम अस्पताल के ट्रोमा सेंटर में भर्ती किया गया है। पीबीएम से मिली जानकारी के अनुसार आर्मी एरिया क्षेत्र में शुक्रवार शाम को ढाई वर्षीय अविनाश घर के आगे खेल रहा था। तभी आवारा कुत्तों ने उस पर हमला कर दिया। कुत्तों ने बच्चे का पेट व फेंफड़ों पर गहरे घाव कर दिए। बच्चे के रोने पर परिजन व अन्य लोग बचाने दौड़े। बच्चे को कुत्तों से छुड़वाकर पीबीएम अस्पताल के ट्रोमा सेंटर में ले गए, जहां उसका इलाज चल रहा है। ट्रोमा सेंटर के चिकित्सक के मुताबिक बच्चे के पेट व अन्य जगहों पर गहरे घाव हुए हैं। चिकित्सकों ने इमरजेंसी में ऑपरेशन कर टांके लगा दिए हैं। बच्चे को आईसीयू में भर्ती रखा गया है।


बज्जू में बच्चे का हाथ खाया
बज्जू गांव में शुक्रवार को घर की बाखळ में खेल रहे चार वर्षीय शिवम पर आवारा कुत्ते ने हमला कर दिया। कुत्ते ने बच्चे के हाथ को बुरी तरह जख्मी कर दिया। बच्चे को परिजन पीबीएम अस्पताल के ट्रोमा सेंटर लाए, जहां उसका उपचार कर घर भेज दिया गया।

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बीकानेर की पूर्व राजमाता सुशीला कुमारी का निधन

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बीकानेर राजपरिवार की अंतिम महारानी और राजमाता सुशीला कुमारी का शुक्रवार देर रात लालगढ़ स्थित अपने आवास पर निधन हो गया। सुशीला कुमारी का अंतिम संस्कार रविवार को सागर गांव में स्थित राजपरिवार के श्मशान घाट पर किया जाएगा। इससे पहले शनिवार को जूनागढ़ में उनकी पार्थिव देह आम लोगों के दर्शन के लिए एक बजे से रखी गई है। राजपरिवार की रीति नीति के तहत ही उनका अंतिम संस्कार होगा। राजमाता सुशीला कुमारी की पोती और बीकानेर पूर्व की विधायक सिद्धि कुमारी देर रात अस्पताल पहुंच गई थीं।

देश की आजादी के बाद भी राजतंत्र की परंपराओं निबाई जाती थी। ऐसे में साल 1950 में महाराजा सार्दुल सिंह के पुत्र राजकुमार करणी सिंह का राज्याभिषेक किया गया था। उसी समय सुशीला कुमारी को महारानी का सम्मान मिला। साल 1971 में जब प्रिवी पर्स जैसी व्यवस्था समाप्त हो गई। तब तक वो महारानी रही। महाराजा करणी सिंह के निधन के बाद उन्हें राजमाता के रूप में स्वीकार किया गया। पूर्व राजपरिवार सहित बीकानेर में आम आदमी उन्हें राजमाता के रूप में ही संबोधित करता रहा। छह सितम्बर 1988 को महाराजा करणी सिंह के निधन के बाद से राजपरिवार की सारी व्यवस्था सुशीला कुमारी ही संभालती रही।

सुशीला कुमारी का जन्म 1929 में हुआ था। राजसिंह डूंगरपुर की बहन सुशीला कुमारी का जन्म डूंगरपुर राज परिवार में हुआ। उनका विवाह बीकानेर राजपरिवार में हुआ। देश की आजादी से पहले वो महारानी रही। इसके बाद महाराजा करणी सिंह बीकानेर से 1952 से 1977 तक सांसद रहे। ऐसे में सुशीला कुमारी ने लोकतंत्र में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अब उनकी पोती सिद्धि कुमारी बीकानेर पूर्व से पिछले तीन चुनावों में लगातार विधायक है।

खास बात ये थी कि सुशीलाकुमारी से मिलने वालों से राजस्थानी में ही बात करती थी। अगर कोई गलती से भी उनके आगे हिन्दी या अंग्रेजी में बात करता तो वो पूछ लेती थी कि राजस्थानी नहीं आती क्या? खासकर बीकानेर के स्थानीय लोगों से वो राजस्थानी में ही बात करना पसन्द करती थीं। अब उनकी पोती सिद्धि कुमारी भी राजस्थानी में ही बात करती है।

राजमाता पिछले कई सालों से अस्वस्थ थीं। उन्होंने आम लोगों से मिलना बंद कर दिया था। अस्वस्थता के बीच वो सामाजिक जिम्मेदारियां जरूर पूरी करती थीं। बीकानेर के पुष्करणा समाज के सावे की अनुमति देना हो या फिर कोई अन्य राजपरिवार कार्य हो, सुशीला कुमारी स्वयं मिलती थी।

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