Wednesday, September 21, 2022

आंख मिचौली का खेल आखिर हुआ खत्म, दुष्कर्म का आरोपी नंदिया सोनी आखिर चढ़ा पुलिस के हत्थे

बीकानेर बुलेटिन




बीकानेर। दुष्कर्म का आरोपी बंगला नगर निवासी नंदलाल सोनी उर्फ नंदिया पुत्र लक्ष्मीनारायण सोनी गंगाशहर पुलिस के हत्थे चढ़ गया है। आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज था। मुकदमा दर्ज होने के बाद से ही नंदिया पुलिस से बचता फिर रहा था। करीब एक माह से फरार चल रहे आरोपी को पुलिस ने कई बार पकड़ने का प्रयास किया। मगर वह पुलिस के पहुंचने से पहले ही रफूचक्कर हो जाता। आज दोपहर बाद आरोपी के गंगाशहर पेट्रोल पंप से निकलने की सूचना मिली थी। सूचना के साथ ही सब इंस्पेक्टर राकेश स्वामी के नेतृत्व में एचसी मांगीलाल मय टीम ने आरोपी का पीछा किया। आरोपी पुलिस से बचने के चक्कर में मोहता सराय तक भागा। फिर वापिस जैन स्कूल वाली रोड़ पर आकर एक संकरी गली के अंदर झाड़ी के नीचे छिप गया। मगर पुलिस ने उसे देख लिया। पुलिस वाहन देखकर वह मोटरसाइकिल पर फरार होने लगा तभी पुलिस ने उसे घेराबंदी कर दबोच लिया।

उल्लेखनीय है कि आरोपी नंदलाल ने मुकदमा दर्ज होने के बाद भी पीड़ित युवती के फोटो वायरल करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उसने फोन नंबर बंद कर रखे थे। वहीं पुलिस ने घर पर भी कई बार दबिश दी मगर वह नहीं मिला। बता दें कि कानूनन व सामाजिक दोनों ही स्तरों पर किसी भी युवती अथवा महिला के फोटो वायरल करना अपराध है।

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लड़कियों के साथ छेड़खानी करने वाले चार असामाजिक तत्वों को पकड़ा,संभागीय आयुक्त ने हैड कांस्टेबल की पीठ थपथपाई

बीकानेर बुलेटिन




संभागीय आयुक्त ने हैड कांस्टेबल बुगालिया का किया सम्मान

बीकानेर, 21 सितम्बर। संभागीय आयुक्त डॉ. नीरज के. पवन ने बुधवार को यातायात पुलिस के हैड कांस्टेबल यशवीर बुगालिया का सम्मान किया। बुगालिया ने दो लड़कियों के साथ छेड़खानी करने वाले चार असामाजिक तत्वों को पकड़ा था। यह लड़के राजकीय डूंगर कॉलेज के सामने लड़कियों के साथ छेड़खानी कर रहे थे। इस दौरान एक व्यक्ति ने इसे देखा और इनका पीछा किया। इस व्यक्ति द्वारा भीमसेन चौधरी सर्किल पर खड़े हैड कांस्टेबल बुगालिया को इसकी जानकारी दी तो बुगालिया ने इनका पीछा करते हुए  डॉ. करणी सिंह स्टेडियम के सामने इन लड़कों को पकड़ लिया। इस कार्य के लिए संभागीय आयुक्त ने बुगालिया को सम्मानित किया। इस दौरान अतिरिक्त संभागीय आयुक्त एएच गौरी मौजूद रहे।

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मुख्य नहर में आया कटाव, कटाव की वजह से किसानों के खेतों में भरा पानी, लगातार नहर में बढ़ रहा है कटाव

बीकानेर बुलेटिन




इंदिरा गांधी नहर की पूगल ब्रांच बुधवार दोपहर अचानक टूट गई। इसके बाद नहरी पानी आसपास के खेतों में घुस गया, जिससे बड़ी संख्या में खेत जलमग्न हो गए हैं। फसल चौपट होने के कगार पर पहुंच गई है। नहर टूटने के दो घंटे बाद भी नहर विभाग के अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे। हालांकि अब नहर को फिर से बांधने का काम शुरू हो गया है।

पूगल ब्रांच की नहर RD 153 के पास टूट गई। नहर में लगभग सौ फीट का कटाव आ गया, जिससे पानी नहर से बाहर किसानों के खेतों में पहुंच गया। बहाव तेज होने के कारण फसल भी क्षतिग्रस्त हो गई। आसपास के कई खेत पूरी तरह जलमग्न हो गए। जिससे फसल को भारी नुकसान होने की आशंका है। यहां तक कि नहर कॉलोनी में भी पानी पहुंच रहा है। जिससे लोगों के घरों में भी पानी पहुंच सकता है। सियासर सरपंच खलील खान पडिहार मौके पर पहुंच गए हैं। इसके बाद एसडीएम श्योराम और तहसीलदार डॉ. गिरधारी ने अब मौके पर पहुंचकर नहर को फिर से बांधने के लिए काम शुरू करवाया है। मिट्‌टी से भरे कट्‌टे डालकर पानी का बहाव रोका जा रहा है, साथ ही नहर को आगे टूटने से भी रोका जा रहा है। शुरू में नहर में बीस फीट का कटाव आया था, जो बढ़कर सौ फीट से भी बड़ा हो गया।

अधिकारी बेपरवाह रहे

नहर टूटने की शिकायत करने के दो घंटे बाद भी नहर विभाग का कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। अधिशासी अभियंता ओमप्रकाश को सूचना दी गई लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद खेत में खड़ी ग्वार की फसलें पानी में डूब गई। एक एसएसएम का पटड़ा टूटा तो आबादी क्षेत्र तक पानी पहुंच गया। इसके बाद भी प्रशासनिक व नहरी अधिकारी दिखाई नहीं दिए। बाद में स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी, पुलिस ने अधिकारियों को फोन करके मौके पर बुलाया।

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गंगाशहर में विवाहिता ने घर के कमरे में चुन्नी लगा की आत्महत्या

बीकानेर बुलेटिन





बीकानेर। गंगाशहर में 35 वर्षीय महिला ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। सूचना मिलने पर हेड कांस्टेबल हेतराम टीम के साथ मौके पर पहुंचे और महिला को पीबीएम अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। हेतराम ने बताया कि मृतका की पहचान गंगाशहर, पाबू चौक निवासी पूजा (35) पत्नी कमलकिशोर के रूप में हुई है। विवाहिता ने अपने घर के कमरे में चुन्नी का फंदा बनाकर पंखे से लटक गई, जिससे मौत हो गई। फिलहाल आत्महत्या के कारणों का पता नहीं चला है।

पुलिस के अनुसार मृतका ने कोई सुसाइड नोट नहीं छोड़ा है। वह मेडिकल कॉलेज की स्थापना शाखा में सूचना सहायक थी। उसके दो बेटे हैं तथा शादी को नौ साल हुए बताते हैं। घटना के वक्त पति घर पर नहीं था। वहीं सास ससुर तथा देवर देवरानी घर पर थे। ख़बर लिखने तक शव मोर्चरी रूम में था।

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रुला गया सबको हंसाने वाला,मशहूर कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव नहीं रहे

बीकानेर बुलेटिन





मशहूर कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव का एम्स में निधन हो गया। वे लंबे समय से दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती थे। हार्ट अटैक आने के बाद उन्हें यहां लाया गया था। पिछले 42 दिन से उनका यहां इलाज चल रहा था। 
10 अगस्त से वेंटिलेटर पर थे

कॉमेडियन को 10 अगस्त को सुबह हार्ट अटैक आया था, जिसके बाद उन्हें दिल्ली के AIIMS में भर्ती कराया गया था। बुधवार देर रात से ही उन्हें बार-बार दौरे पड़ रहे थे। डॉक्टरों ने उनके सिर का सीटी स्कैन कराया तो दिमाग के एक हिस्से में सूजन मिली थी।

राजू 10 अगस्त से वेंटिलेटर पर थे। इसके बाद जानकारी मिली कि उन्होंने अपना एक पैर मोड़ा था, लेकिन उन्हें होश नहीं आया और उनका ब्रेन भी रिस्पॉन्स नहीं कर रहा था।



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प्रदर्शन किया, तालेबंदी भी की, लेकिन किसी अधिकारी को इनकी आवाज सुनाई नहीं दी, पैरों में छाले लिए पैदल चल पड़े स्टूडेंट्स

बीकानेर बुलेटिन






पिछले आठ महीने से टीचर्स की डिमांड कर रहे गांव के बच्चों की बात कोई नहीं सुन रहा था। पत्र लिखे, स्कूल के आगे प्रदर्शन किया, तालेबंदी भी की, लेकिन किसी अधिकारी को इनकी आवाज सुनाई नहीं दी। परेशान होकर मंगलवार दोपहर में ये स्टूडेंट्स हाथ में तिरंगा लेकर निकल पड़े बीकानेर के लिए। राज्यभर का शिक्षा मुख्यालय बीकानेर में है और शिक्षा मंत्री भी बीकानेर से हैं, लेकिन इन बच्चों का दर्द कोई समझा ही नहीं। पैरों छालों के बाद ये बच्चे बुधवार सुबह फिर हाथ में तिरंगा लेकर रवाना हो गए हैं। करीब बारह बजे ये बच्चे शिक्षा निदेशालय पहुंच जाएंगे।

दोपहर तक तो यही माना जा रहा था कि बच्चों को ग्रामीणों ने उकसाया है, वो गांव से निकल तो पड़े है लेकिन पहुंचेंगे नहीं। ब्लॉक जिला शिक्षा अधिकारी से लेकर शिक्षा निदेशक तक किसी ने इस यात्रा को गंभीरता से नहीं लिया। शाम होते-होते बच्चे थक गए, किसी के पैर दर्द कर रहे थे तो किसी के सिर में दर्द शुरू हो गया। रात करीब दस बजे ये बच्चे बीकानेर से कुछ ही किलोमीटर दूर खारा गांव पहुंच गए। तब तक बच्चों की तबियत बिगड़नी शुरू हो गई। इनके साथ चल रहे ग्रामीणों ने बच्चों को खारा में ही एक मंदिर में रोक लिया। आगे जाने से रोक दिया। बोला अभी आराम कर लो, सुबह फिर चलेंगे। बच्चे वहां रुके तो पता चला कि किसी के पैर में फाले हो गए हैं ताे किसी के पैरों से चमड़ी उतरने लगी है। डॉक्टर्स को फोन किया गया। बीसीएमओ डॉ. सुनील हर्ष ने एक टीम को मौके पर भेजा, आशा सहयोगिनी ने पहुंचकर बच्चों के पैरों में पट्‌टी बांधी। तब जाकर आराम आया।

फिर जाग गया प्रशासन

खारा में बच्चों के पहुंचने के बाद न सिर्फ तहसीलदार को होश आया, बल्कि शिक्षा निदेशक गौरव अग्रवाल तक ने इसे गंभीरता से लिया। यहां तक कि मामला शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला तक पहुंच गया। तुरंत शिक्षा निदेशक ने एक आदेश जारी किया और प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल की नियुक्ति कर दी। मजे की बात है कि संयुक्त निदेशक कार्यालय में अर्से से ये अधिकारी एपीओ के रूप में आराम फरमा रहे थे। दो टीचर्स का डेपुटेशन कर दिया गया है, जबकि दो अन्य टीचर्स जो यहां से अन्यत्र डेपुटेशन चल रहे थे, उन्हें भी वापस सोढवाली रवाना कर दिया है। इन छह टीचर्स के बाद भी स्कूल में सात टीचर्स के पद रिक्त है। देर रात करीब दस बजे शिक्षा निदेशालय के स्टॉफ ऑफिसर अरुण शर्मा ने मीडिया को जानकारी दी कि स्कूलों के रिक्त पदों में कुछ नियुक्ति और प्रतिनियुक्ति हो गई है।

गांव के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में वर्तमान में 500 से अधिक स्टूडेंट्स के लिए मात्र 10 का स्टाफ है। इनमें से दो शिक्षकों का करीब तीन साल से अन्यत्र प्रतिनियुक्ति पर लगा रखे हैं तथा शाला में वर्तमान में 14 शिक्षकों के पद रिक्त है। जिससे विद्यालय की शिक्षण व्यवस्था अस्त-व्यस्त होने से छात्र-छात्राओं का भविष्य अंधकार में है। विद्यालय में नियुक्त 10 शिक्षकों में से 2 प्रतिनियुक्ति के अलावा 14 पद लम्बे समय से रिक्त है। ग्रामीणों के अनुसार विद्यालय में प्रधानाचार्य व उप प्रधानाचार्य के पद खाली है। इसके अलावा द्वितीय श्रेणी में गणित, विज्ञान व अंग्रेजी, तृतीय श्रेणी में एल-वन के तीन, एल-टू के 2 पद तथा एक-एक पद सामान्य शिक्षक, कनिष्ठ लिपिक व सहायक कर्मचारी के खाली चल रहे है।

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