Tuesday, April 27, 2021

बीकानेर:वायरल वीडियो का सच , कोविड अस्पताल में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं, वीडियो में दर्शाए रोगी थे बाईपेप वेंटिलेटर पर, पीबीएम ने गठित की जांच कमेटी

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जिला कलक्टर के निर्देश पर पीबीएम ने गठित की जांच कमेटी, शीघ्र देगी रिपोर्ट

बीकानेर, 27 अप्रैल। पीबीएम अस्पताल अधीक्षक डॉ. परमिंदर सिरोही ने कहा है कि सोशल मीडिया पर मंगलवार को वायरल हो रहे वीडियो में एमसीएच विंग (कोविड हॉस्पिटल) में ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की मृत्यु होना दर्शाया गया है, जबकि चिकित्सालय में ऑक्सीजन की कमी नहीं है और ऑक्सीजन की आपूर्ति मरीजों को सुचारू रूप से की जा रही है। वीडियो मे स्क्रीन पर जो ऑक्सीजन लेवल दिखाया गया, वह मरीज का ऑक्सीजन लेवल था ना कि ऑक्सीजन सप्लाई का लेवल, जो कि मरीज की बीमारी के अनुसार कम या ज्यादा हो सकता है। उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन प्लांट के पैनल बदलते समय कभी-कभी ऑक्सीजन का प्रेशर कुछ कम हो जाता है। वीडियो में दर्शाए मरीज, जिनकी मृत्यु हुई है वे सभी गंभीर थे और बाईपेप वेंटिलेटर पर थे तथा प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत नहीं होता है कि ऑक्सीजन की कमी से किसी मरीज की मृत्यु हुई है। इसके बावजूद समूचे प्रकरण के सत्यापन के लिए जिला कलक्टर के निर्देश पीबीएम द्वारा वरिष्ठ चिकित्सकों की जांच कमेटी गठित कर दी गई है, जो इस प्रकरण की जांच कर अपनी तथ्यात्मक रिपोर्ट शीघ्र प्रस्तुत करेगी।

विभिन्न स्तरों पर हो रही मोनिटरिंग

सिरोही ने बताया कि एमसीएच विंग में ऑक्सीजन व्यवस्था की मॉनिटरिंग के लिए चार वरिष्ठ चिकित्सकों की कमेटी बनाई गई है। वहीं जिला कलक्टर के निर्देशानुसार वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी भी समूची व्यवस्था देख रहे हैं। मंगलवार से दस नर्सिंग कर्मियों को एमसीएच विंग में ऑक्सीजन की निर्बाध सप्लाई के पर्यवेक्षण के लिए राउंड द क्लॉक के हिसाब से नियुक्त किया गया है।

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कोरोना संकट के बीच पीएम मोदी की हाई लेवल मीटिंग, ऑक्सीजन की स्थिति पर भी हुई चर्चा

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा करने के लिए मंगलवार को शीर्ष अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी को आवश्यक चीजों की उपलब्धता जैसे- ऑक्सीजन, दवाईयां, हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर के बारे में जानकारी दी गई. गौरतलब है कि कोरोना के देश में रोजाना बढ़ते मामलों के चलते देश के अस्पताल फुल हैं और नए मरीजों को भर्ती होने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.


बैठक के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा- “सशक्त समूहों के साथ तीन बैठकों के दौरान हमने ऑक्सीजन स्थिति और इसकी क्षमता बढ़ाने पर चर्चा की. और ज्यादा मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रहे हैं. साथ ही, कोविड-19 प्रोटोकॉल के प्रति जागरुकता बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं.”


बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने अधिकारियों के निर्देश दिए कि वे राज्य सरकारों के साथ बेहतर तालमेल के साथ काम करें ताकि जल्द से जल्द पीएसए ऑक्सीजन प्लांट शुरू किया जा सके. अधिकारियों ने उन्हें यह बताया कि राज्य सरकारें जीवन रक्षक गैस की जरूरतों को पूरा करने के लिए प्लांट लगाने को लेकर काफी इच्छुक है.


प्रधानमंत्री मोदी का यह भी जानकारी दी गई कि राज्यों को ऑक्सीजन के आवंटन को लेकर सशक्त समूहों की तरफ से ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं. इस दौरान यह भी चर्चा की गई कि लिक्विड मेडिकल ऑक्सजीन (एलएमओ) पिछले साल अगस्त से 3 हजार मी. टन उत्पादन बढ़ाया गया है.


प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से दिए गए बयान के मुताबिक, साल 2020 के अगस्त में जहां 5700 मी. टन का प्रति दिन उत्पादन किया जा रहा था तो वहीं 25 अप्रैल तक वर्तमान में 8922 मी. टन का उत्पादन देश में किया जा रहा है.  

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बीकानेर:दहेज उत्पीड़न मामले में विवाहिता का लटका मिला शव

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नयाशहर थाना पुलिस ने दहेज प्रताड़ना देकर पत्नी रश्मि की हत्या करने के आरोप में स्थानीय कृष्णा विहार कॉलोनी निवासी जितेन्द्र के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

मृतका रश्मि के पिता मुरलीधर व्यास कॉलोनी निवासी गणेशलाल कुम्हार पुत्र भैरूंलाल ने सोमवार देर रात को दर्ज मामले में पुलिस को बताया कि उसकी पुत्री कृष्णा विहार कॉलोनी में अपने पति के साथ रहती थी।

परिवादी के अनुसार रश्मि का पति जितेन्द्र रश्मि को दहेज के लिये पीटता था। परेशान करता था। सोमवार को उसने रश्मि की या तो खुद हत्या कर उसके शव को फंदे पर लटका दिया अथवा जितेन्द्र की ज्यादतियों से तंग आकर रश्मि ने खुद फंदे पर झूलकर आत्महत्या कर ली।

परिवादी की रिपोर्ट पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 व 304बी के तहत मामला दर्ज किया है। जांच सीओ सिटी सुभाष शर्मा को सौंपी गई है।

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हनुमान जयंती के दिन संकटमोचक बनकर आये sdp डोनर पुरुषोत्तम दास,फिक्र ए मिल्लत ब्लड हेल्पलाइन द्वारा जरूरतमन्द मरीज आसना को SDP दान

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बीकानेर- सदियों से बीकानेर शहर अपनी गंगा जमनी तहजीब व संस्कृति के लिए जाना जाता है। 
इसी मिसाल को आगे बढ़ाते हुए टीम फिक्र ए मिल्लत साम्प्रदायिक सौहार्द को बढ़ावा देते हुवे इंसानियत की मिसाल कायम कर रही है।

फिक्र-ए-मिल्लत ब्लड हेल्पलाइन के पास आने वाले तमाम केस में टीम के सदस्य ये कभी नही सोचते कि जरूरतमंद कीस धर्म से ताल्लुक रखता है, सदस्यों के सर पर जुनून सवार है तो सिर्फ मदद करने का फिर चाहे जरूरतमंद को जरूरत रक्त की हो,या SDP प्लेटलेट,या प्लाजमा, या फिर खाद्य सामग्री की फिक्र-ए मिल्लत ब्लड हेल्पलाइन सोसायटी बीकानेर ®️ द्वारा जरूरतमंद की ज़रूरत को पूरा करने के  हर संभव प्रयास किये जाते है ।

इसी क्रम में आज दिनांक 27-04-2021 को कोठारी हॉस्पिटल मे बॉडी के अंदरुनी हिस्सो में इंफेक्शन के रोग से पीड़ित 13 वर्षीय आसना पुत्री ओमप्रकाश प्रजापत (मोखा,हाडला,कोलायत) निवासी को डॉक्टर द्वारा  A पोजिटिव सिंगल डोनर प्लेटलेट्स की सख्त आवश्यकता बताई गई ।

फिक्र-ए-मिल्लत के प्रवक्ता अकबर शेख ने बताया कि केस की गंभीरता को देखते हुवे फिक्र-ए-मिल्लत ब्लड हेल्पलाइन सोसायटी बीकानेर के सदस्य एवं कोठारी हॉस्पिटल ब्लड बैंक में सुपरवाइजर की पोस्ट पर कार्यरत जयप्रकाश मुंदड़ा ने नियमित रक्तदाता  बिन्नाणी चोक बीकानेर निवासी पुरुषोत्तम दास (50 वर्ष) से सम्पर्क किया और मासूम आसना के लिए SDP दान करने का निवेदन किया, इस पर हनुमान जयंती के पावन पर्व पर इस महान दान के लिए तुरन्त हा कर दी और मरीज आसना के लिए इस संकट की घड़ी में संकटमोचक बनकर  तुरंत प्रभाव से कोठारी हॉस्पिटल के संजीवनी ब्लड बैंक पहुंचकर  अपनी महत्वपूर्ण SDP दान कर जरूरतमंद मरीज मासूम आसना की जिंदगी बचाने में महत्वपूर्ण सहयोग दिया ।

ब्लड हेल्पलाइन के सचिव अबरार रोशन एवं कोषाध्यक्ष साबीर राव ने बताया कि रक्तदाता पुरुषोत्तम दास के द्वारा ये 6वा sdp डोनेशन था इसके अलावा उन्होंने 54मर्तबा ब्लड डोनेशन भी कर चुके है ।

फिक्र-ए-मिल्लत ब्लड हेल्पलाइन सोसायटी बीकानेर के सरंक्षक फ़रियाद ने बताया कि हमारी संस्था मदद को लेकर हमेशा शहर की आवाम के साथ है, बस जिन्हें मदद की जरूरत हो उनकी सम्पूर्ण ओर सच्ची  जानकारी संस्था के सदस्यों को उपलब्ध करवाई जाए ।

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बीकानेर:बिना मास्क कर रहे थे काम, लगाया 12 हजार जुर्माना

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औद्योगिक इकाईयों में बिना मास्क कर रहे थे काम लगाया 12 हजार जुर्माना

बीकानेर, 27 अप्रैल। औद्योगिक इकाईयों में बिना मास्क कार्य करने वाले कार्मिकों के खिलाफ कार्यवाही करते हुए 12 हजार रुपये का जुर्माना वसूला गया है।

रीको के क्षेत्रीय प्रबंधक सुशील कुमार कटियार ने बताया कि औद्योगिक क्षेत्रों में कोविड गाइडलाइन की अनुपालना सुनिश्चित करवाने के उद्देश्य से मंगलवार को विभिन्न इकाईयों का औचक निरीक्षण किया गया। इस दौरान सात इकाईयों के 24 कार्मिक बिना मास्क कार्य करते पाए गए। इनके खिलाफ 12 हजार रुपये का जुर्माना वसूला गया। साथ ही भविष्य में गाइडलाइन की अवहेलना नहीं करने की हिदायत दी गई। कार्यवाही करने वाली टीम में रीको के सहायक लेखाधिकारी चंद्रशेखर आसोपा, शाखा प्रभारी जगदीश राजपुरोहित और कपिल सिंह शामिल रहे।

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गंगाशहर सहित इन इलाकों में कल रहेगी विद्युत आपूर्ति बाधित

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विद्युत उपकरणों के आवश्यक रख-रखाव के लिए बुधवार को प्रातः 9.30 से 12.30 बजे तक शहर के विभिन्न स्थानों पर विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी।बीकेईएसएल के सहायक अभियंता ने बताया कि बुधवार को नोखा रोड, शिव वैली, गंगाशहर, गणेश टैंट हाउस, चोपड़ाबाडी, हंसा गेस्ट हाउस के सामने, करनानी मोहल्ला, सिंघल हॉस्पिटल, गौतम चैक, संतोषी माता मंदिर, गंगाशहर पुलिस स्टेशन, रामदेव मंदिर, तोलियासर भैरव मंदिर, रांका चोपड़ा मौहल्ला, हरिराम मंदिर, पुरानी लाइन, मालू गेस्ट हाउस, किरण टेलर, बालबाड़ी स्कूल, जैन कॉलेज, बजाज शो-रूम, विद्या निकेतन आदि एरिया में विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी।




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कोरोना अपडेट: राहत के नही दिखे आसार, आज भी 700 पार

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बीकानेर ।बीकानेर में कोरोना की आज की दोनों रिपोर्ट सामने आ गई है। नोडल अधिकारी बीएल मीणा ने बताया कि आज कुल 3206 सेम्‍पल में से 744 नए कोरोना मरीज मिले हैं।


 सुबह की कोरोना रिपोर्ट में 425 रिपोर्ट हुए थे वही अभी आई दूसरी रिपोर्ट में 319मरीज सामने आये है दोनों रिपोर्ट को मिलकर आज 744 नए कोरोना मरीज सामने आये है। ये मरीज किन बीकानेर के क्षेत्रों से सामने आये है इसकी  लिस्ट विभाग ने अभी तक जारी नहीं की है।

मंगलवार सुबह आई रिपोर्ट में बीकानेर शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्र के केस भी शामिल है । कोरोना ने जिले की श्रीडूंगरगढ़ तहसील , नोखा तहसील और श्रीकोलायत तहसील को पूरी तरह अपनी गिरफ्त में लिया हुआ है । उधर लूणकरनसर में भी केस बढ़ रहे हैं।

Today report
Total sample- 3206*
Morning positive-425
Evening positive-319
Total positive- 744*
Precentage- 23.20%

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राजस्थान:जानिए कब से होगा 18 साल से अधिक एज ग्रुप वालों का टीकाकरण,चिकित्सा मंत्री का कहना है की...

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बढ़ती कोरोना संक्रमितों की संख्या के बीच अब 1 मई से 18 साल से 45 साल के एज ग्रुप वालों के भी कोरोना टीकाकरण को लेकर मंजूरी दे दी गई है। केंद्र सरकार की इस घोषणा के बाद महाराष्ट्र और राजस्थान सरकार ने फ्री वैक्सीनेशन का ऐलान किया है। गहलोत सरकार की ओर से वैक्सीनेशन के लिए 3000 करोड़ का बजट आंवटित किया गया है। वहीं बताया जा रहा है कि राजस्थान के लिए सीरम इंस्टीट्यूट को 3.75 करोड़ वैक्सीन देने के लिए ऑर्डर भी दे दिया गए है। अभी प्रदेश में फिलहाल वैक्सीन उपलब्धता के आधार पर पूर्व निर्धारित आयु वर्ग के लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है।


चिकित्सा मंत्री का कहना 15 मई से पहले संभव नहीं

उल्लेखनीय है कि जहां केंद्र की ओर से 1 मई से ही 18 से अधिक आयु वालों को वैक्सीनेशन देने का काम शुरू करने के लिए कहा गया है। वहीं राजस्थान के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा का कहना है कि इस संबंध में विभाग के अफसरों ने सीरम इंस्टीट्यूट से बात की है, जिसमें इंस्टीट्यूट ने 1 मई तक तक वैक्सीन देने में असमर्थता जाहिर की है। उनका कहना है कि सीरम इंस्टीट्यूट ने 15 मई तक केंद्र सरकार को ही सप्लाई का कमिटमेंट पूरा होने में संशय जताया है। ऐसे में एक मई से 18 से 45 आयुवर्ग का वैक्सीनेशन संभव दिखाई नहीं दे रहा है।

केंद्र से मिलेगी वैक्सीन, तो एक मई से होगा वैक्सीनेशन

चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने मीडिया से कहा है कि चिकित्सा विभाग के अफसर लगातार सीरम इंस्टीट्यूट के संपर्क में हैं। 3.75 करोड़ वैक्सीन के ऑर्डर दे दिए हैं। उनका कहना है कि सीरम इंस्टीट्यूट से 15 मई के बाद ही वैक्सीन मिलने के आसार जताए हैं। ऐसे में अगर केंद्र सरकार वैक्सीन भेजता है, तो ही 1 मई से वैक्सीनेशन हो सकता है, अन्यथा समय लगेगा। इधर जानकारों का कहना है कि केंद्र - राज्य सरकार के बीच चल रही तल्खी के बीच प्रदेश में इस आयुवर्ग के वैक्सीनेशन के लिए लगभग छह महीनें तक का भी समय लग सकता है।

अब तक 1.24 करोड़ लोगों का हुआ वैक्सीनेशन

बता दें कि अब तक राजस्थान में 1 करोड़ 3 लाख लोगों को वैक्सीन का पहला डोज और 20.34 लाख लोगों को दोनों डोज मिली है। कुल मिलाकर अभी तक 1.24 करोड़ लोगों को ही राजस्थान में वैक्सीन लगी है। वहीं 3.75 करोड़ आबादी के वैक्सीनेशन के लिए सरकार की ओर से बजट आंवटित कर अब वैक्सीनेशन सप्लाई आने का इंतजार किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने 18 से अधिक उम्र के लोगों के टीकाकरण का जिम्मा राज्य सरकार पर ही छोड़ाहै। राज्य सरकारें ही वैक्सीन निर्माता कंपनी से वैक्सीन खरीदेगी, फिर अपने मुताबिक यह तय करेगी कि किस तरह राज्यों में वैक्सीनेशन का काम किया जाए।

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कोरोना का ग्राफ कम करने के लिए केंद्र ने राज्यों को जारी कीं गाइडलाइंस,कम से कम 14 दिन लागू रखें पाबंदियां

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देश के विभिन्न हिस्सों में तेजी से फैलते कोरोना महामारी के मद्देनजर केंद्र सरकार ने सोमवार को सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों से संक्रमण की श्रृंखला तोड़ने के लिए जिले और क्षेत्रवार गहन, स्थानीय और केंद्रित कंटेनमेंट ढांचे की रणनीति पर काम करने को कहा. सभी राज्यों और केंद्रीय शासित प्रदेशों से एक संवाद में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कंटेनमेंट ढांचे संबंधी केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय की तरफ से 25 अप्रैल को जारी किए गए परामर्श को दोहराते हुए कहा कि जिले के अधिकारियों को प्रतिबंध लागू करने की रणनीति के लिए संवेदनशील बनाना होगा और इसके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जनता के साथ जमीनी स्तर पर काम करने वाले पदाधिकारियों के बीच प्रसारित करना होगा.

देश में कोरोना के केस दिन-ब-दिन बढ़ रहे हैं। बिगड़ते हालात को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यों के लिए गाइडलाइंस जारी की हैं। इसमें कहा गया है कि अब राज्य सरकारों को लोगों पर सख्ती करनी होगी। ये भी बताया गया है कि कितने प्रतिशत कोरोना केस आने पर कितनी कड़ाई करनी है। केंद्र ने राज्यों से कहा है कि स्थानीय प्रशासन को ही तय करने दें कि कहां कंटेनमेंट जोन बनाना है और कहां इससे भी ज्यादा सख्ती करनी है।

एडवाइजरी में लिखा है कि किसी इलाके का पॉजिटिविटी रेट लगातार एक सप्ताह तक 10% आता है या कहीं अस्पतालों में 60% बेड भर जाते हैं तो वहां 14 दिन की सख्त पाबंदियां लगाएं।

राज्यों को जिलों में छोटे-छोटे कंटेनमेंट जोन बनाने की सलाह दी गई है। गृह मंत्रालय ने कहा है कि बड़े कंटेनमेंट जोन बनाने से बचना चाहिए। जरूरत पड़े तो पूरी जांच-पड़ताल के बाद ही यह कदम उठाएं। पहले पता कर लें कि कितनी बड़ी आबादी में संक्रमण फैला है और कितने इलाके को बंद किया जाना है। गृह मंत्रालय ने कहा कि सख्ती करने से पहले एक फ्रेमवर्क तैयार करें, ताकि उसका मकसद पूरा हो सके।

10 पॉइंट्स में समझिए केंद्र की राज्यों के लिए गाइडलाइन

  • कर्फ्यू का समय तय करने की छूट स्थानीय प्रशासन को दें। नाइट कर्फ्यू में जरूरी चीजों को छोड़कर सभी तरह की आवाजाही बंद हो।
  • सामाजिक, राजनीतिक, खेल, मनोरंजन, शिक्षा, संस्कृति, धर्म और उत्सव से जुड़े भीड़ लगाने वाले आयोजनों पर रोक लगाएं।
  • लोगों को आपस में मिलने-जुलने से रोककर ही इस वायरस को फैलने से रोका जा सकता है।
  • शादियों में मेहमानों की संख्या 50 और अंतिम संस्कार में 20 तय कर दें।
  • शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, सिनेमा हॉल, रेस्टोरेंट-बार, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, जिम, स्पा, स्वीमिंग पूल और धार्मिक स्थलों को बंद करें।
  • पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर से जुड़ी जरूरी सेवाओं को ही चालू रखें।
  • ट्रेन, मेट्रो, बस और कैब आधी क्षमता के साथ चलने की छूट दे सकते हैं।
  • अंतरराज्यीय या राज्य के अंदर चलने वाले वाहनों पर पाबंदी ना लगाएं। जरूरी सामान से जुड़े ट्रांसपोर्ट वाहनों को बिल्कुल ना रोकें।
  • आधे कर्मचारियों के साथ ऑफिस खोलने की छूट दे सकते हैं।
  • फैक्ट्री और वैज्ञानिक रिसर्च से जुड़े संस्थानों को छूट दें, लेकिन वहां कोरोना से बचाव के नियमों का पालन हो। समय-समय पर कर्मचारियों का रेपिड एंटीजन टेस्ट हो।

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राजस्थान:ऑक्सीजन की खपत बढ़कर 31 हजार 425 सिलेंडर प्रतिदिन हुई ऑक्सीजन आपूर्ति के भरसक प्रयास -चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री

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जयपुर, 27 अप्रैल। चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा ने बताया कि राज्य में तीन माह पूर्व ऑक्सीजन की खपत लगभग 6500 सिलेंडर प्रतिदिन थी जो वर्तमान में बढ़कर 31 हजार 425 सिलेंडर प्रतिदिन हो गई है। उन्होंने बताया कि इस अप्रत्याशित मांग को पूरा करने के लिए राज्य सरकार भरसक प्रयास कर रही है।
 
राज्य में कोविड-19 महामारी के कारण मरीजों की संख्या में हो रही निरन्तर वृद्धि के कारण आपातकालीन में मेडीकल ऑक्सीजन सिलेण्डर्स की लगातार बढ़ रही है। इस बढ़ती मांग को पूरा करने का भरसक प्रयास किया जा रहा है। 

चिकित्सा सचिव श्री सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि ऑक्सीजन के प्रबन्ध के लिए राज्य सरकार ने युद्ध स्तर पर प्रयास किये है। आपात हालात को देखते हुए जामनगर (गुजरात) से ऑक्सीजन टैंकरों की वायु मार्ग (Air Lifting) से आपूर्ति की गई है। साथ ही राज्य में 1000 सिलेंडर प्रतिदिन उत्पादन क्षमता का अलवर जिले में नया संयंत्र लगाया गया है।

श्री महाजन ने बताया कि अगले सप्ताह तक 1200 सिलेंडर प्रतिदिन क्षमता का संयंत्र दरीबा (राजसमंद) में हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड द्वारा प्रारम्भ किया जा रहा है। इसके अलावा 500 सिलेण्डरर्स का उत्पादन शीघ्र ही शुरू हो रहा है। उन्होंने कहा कि समयबद्ध ऑक्सीजन आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए ऑक्सीजन टैंकर्स में जीपीएस सिस्टम लगाए गए हैं एवं वाहनों की निगरानी राज्य नियंत्रण कक्ष से की जा रही है। 

श्री महाजन ने बताया कि ऑक्सीजन की औद्योगिक प्रयोजनार्थ आपूर्ति पूर्णतः बंद करते हुए समस्त आपूर्ति को मेडीकल प्रयोजनार्थ सुनिश्चित किया गया है एवं औद्योगिक कार्यों में उपयोग में आ रहे सिलेण्डरर्स को अधिग्रहित कर मेडीकल प्रयोजन के लिए उपलब्ध कराये गये है। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन के उत्पादन संयत्रों पर राजकीय अधिकारियों की ड्यूटी लगाई जाकर उनका समयबद्ध संचालन सुनिश्चित करने हेतु पर्यवेक्षण किया जा रहा है।  

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मुख्यमंत्री का मानवीय निर्णय, कोविड-19 से मृतक की पार्थिव देह का होगा ससम्मान अंतिम संस्कार

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नगरीय निकायों को अंतिम संस्कार और कोविड जागरूकता के लिए स्वीकृत किए 34.56 करोड़ रूपए

जयपुर, 26 अप्रेल। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने एक संवेदनशील तथा मानवीय निर्णय लेते हुए प्रदेश में कोविड-19 महामारी से मृत व्यक्तियों की पार्थिव देह का कोविड प्रोटोकॉल के अनुरूप सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार करने तथा जागरूकता गतिविधियों के लिए राज्य के नगरीय निकायों को राजस्थान मुख्यमंत्री सहायता कोष कोविड-19 राहत कोष से 34 करोड़ 56 लाख रूपए उपलब्ध कराने की स्वीकृति दी है। 

उल्लेखनीय है कि श्री गहलोत ने कोविड जनित मृत्यु के मामलों में कोरोना प्रोटोकॉल के साथ ससम्मान अंतिम संस्कार के लिए पार्थिव देह को चिकित्सालय से श्मशान अथवा कब्रिस्तान तक निशुल्क ले जाने तथा अंतिम संस्कार पर होने वाला समस्त व्यय नगरीय निकायों द्वारा वहन किए जाने के निर्देश दिए थे। 

मुख्यमंत्री के निर्देश पर स्वायत्त शासन विभाग ने इस संबंध में सभी नगरीय निकायों को आदेश जारी कर दिए हैं। जारी आदेश के अनुसार जिस अस्पताल क्षेत्र में कोविड जनित मृत्यु हुई है वहां अंतिम संस्कार के लिए एम्बुलेंस, शव वाहन या मोक्ष वाहिनी की व्यवस्था संबंधित नगरीय निकाय द्वारा की जाएगी। यदि परिजन दाह संस्कार पैतृक स्थान पर (निकाय के क्षेत्र से बाहर) करवाना चाहते हैं तो ऐसे मामलों में जिस निकाय के क्षेत्राधिकार में मृत्यु हुई है, वे जिला कलक्टर को सूचित कर एम्बुलेंस की व्यवस्था सुनिश्चित कराएंगे। साथ ही अंतिम संस्कार स्थल ग्रामीण क्षेत्र होने की स्थिति में अंतिम संस्कार के लिए आवश्यक व्यवस्थाओं की मॉनीटरिंग संबंधित उपखंड अधिकारी के स्तर पर की जाएगी।  

स्वायत्त शासन विभाग ने सभी निकायों को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन के अनुरूप एम्बुलेंस, शव वाहन अथवा मोक्ष वाहिनी के साथ ही अंतिम संस्कार के लिए आवश्यक सामग्री की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कहा है। इसके साथ-साथ उक्त राशि का उपयोग नगरीय निकायों की ओर से मास्क वितरण, नो मास्क-नो मूवमेंट अभियान तथा कोविड अनुशासन के लिए नगरीय निकायों द्वारा की जा रही जागरूकता गतिविधियों के लिए भी किया जा सकेगा।  

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