Monday, August 9, 2021

गंगाशहर: सांड की वजह से दुर्घटना में एक युवक की मौत

बीकानेर बुलेटिन



गंगाशहर क्षेत्र में सांड की वजह से हुई सड़क दुर्घटना में एक युवक की मौत हो गई। यह हादसा नोखा रोड़ माणक गेस्ट के सामने हुआ। जहां सुबह 8 बजे भीनासर लखारा गली निवासी कैलाश पुत्र सोहनलाल लखारा मोटरसाइकिल में घर से रवाना हुआ नोखा रोड़ पर अचानक सामने आए सांड से टकरा गया। इसी दौरान आ टैक्सी आ रही थी, जिसकी चपेट में आने से गंभीर घायल हो गया। गंगाशहर थानाधिकारी राणीदान चारण के अनुसार पीबीएम में दौराने इलाज उसकी मौत हो गई। परिजनों ने अज्ञात टैक्सी चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है। जिसकी जांच शुरू कर दी है। बता दें कि शहर के मुख्य मार्गों सहित मुख्य बाजार आवारा पशुओं से भरे पड़े है, परंतु निगम प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। जिसके कारण हादसे हो रहे है और लोग अपनी गंवा रहे है। नोखा रोड पर तो आवारा पशुओं के कारण आये दिन दुर्घटनाएं होती है।

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बूथ लेवल अधिकारी का कार्यग्रहण नहीं करने पर होगी सख्त कार्यवाही

बीकानेर बुलेटिन




बीकानेर, 09 अगस्त। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार विधानसभा निर्वाचक नामावलियोंका प्रारूप प्रकाशन 1 नवम्बर 2021 को किया जायेगा। इससे पूर्व 31 अगस्त से पहले बीएलओ द्वारा सत्यापन का कार्य प्रारम्भ कर मतदाता सूची की तैयारी प्रारंभ की जायेगी।

यह जानकारी उप जिला निर्वाचन अधिकारी बलदेवराम धोजक ने दी। उन्होंने बताया कि मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्यक्रम के मद्देनजर जिले में विभिन्न मतदान केन्द्रों पर नियुक्त बूथ लेवल अधिकारियों में परिवर्तन कर नए बीएलओ की नियुक्ति की गई है। उन्होंने उक्त समस्त नवनियुक्त बूथ लेवल अधिकारियों को निर्देश दिये है कि वे 11 अगस्त तक संबंधित निर्वाचक पंजीयन अधिकारी कार्यालय में उपस्थित होकर सामग्री प्राप्त कर बूथ लेवल अधिकारी का कार्य आरम्भ करंे अन्यथा उनके विरूद्ध लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 32 के तहत कार्यवाही अमल में लाई जायेगी। इसके अलावा उन्होंने सभी कार्यालयाध्यक्षों को निर्देशित किया कि वे सुनिश्चित करें कि उनके अधिनस्थ पदस्थापित जिन कार्मिकों को बूथ लेवल अधिकारी नियुक्त किया गया है, उनके द्वारा कार्यग्रहण कर उक्त आदेशों की पालना की जा चुकी है।

धोजक ने नव नियुक्त बूथ लेवल अधिकारी से कहा कि 11 अगस्त 2021 तक अपनी उपस्थिति संबंधित निर्वाचक पंजीयक अधिकारी के कार्यालय में दे। अनुपस्थित कार्मिकों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही अमल में लाई जायेगी।

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डीजीपी साहब का आगमन बना पीड़ितों के लिए जी का जंजाल!

बीकानेर बुलेटिन



डीजीपी साहब का आगमन बना पीड़ितों के लिए जी का जंजाल! हां सुनने में भले ही आप को अजीब लगे मगर यह सत्य है ।

बीकानेर :-एसपी ने अपनी दबंगई दिखाते हुए एक साल से ज्यादा पुरानी  पेंडिंग एफआईआर में एक साथ एफ आर लगाने का आदेश दे दिया, ताकि डीजीपी साहब को लगे कि पुलिस धड़ाधड़ काम कर रही है, कोई पेंडेंसी नहीं है, चलो इनको नंबर पूरे दे देते हैं। 

डीजीपी साहब इससे अच्छा तो आप नहीं आते तो पीड़ितों को न्याय तो मिलता ।
और जब आ ही गए थे तो उस दिन राजस्थान पत्रिका में छपे लेख को पढ़कर जिला पुलिस कप्तान सिंघम  साहिबा और उनकी टीम की क्लास लेते ।

आज एक दबंग पुलिस अधिकारी एक पीड़ित परिवादी को यह कहकर ढ़ाढ़स बंधाते हुए नजर आया कि देखो अभी डीजीपी साहब आए है ना इसलिए एसपी मैडम के कहने पर एक बार आपकी और अन्य लोगों की एफआईआर में एफ आर लगा दी है। अब जैसे ही डीजीपी साहब बीकानेर से जाएंगे तब मैं खुद एसपी मैडम से मिलकर आपकी फाइल को रि-ओपन करवा कर न्याय दिलाऊंगा।

वाह वाह क्या बात कही आपने!

 आपने तो किसी इंसान की भावनाओं के साथ खेलकर उसकी भावनाएं ही मार दी।

अरे! आपने जिस इंसान को ये लॉलीपॉप वाला ढ़ाढ़स बंधाया उसी  इंसान ने आज मुझे फोन कर कहा कि वकील साहब जिसने साथ बैठकर खाया पिया और आज सुबह तक मुझे यही कहता आया कि तेरे मामले में मुलजिमों को गिरफ्तार करूंगा, आज उसी ने धोखा देकर एफ आर लगा दी। ऐसे दोगले पुलिस अधिकारियों पे विश्वास करने से बेहतर है मैं अपनी जिंदगी कुर्बान कर लूं। और उस पीड़ित इंसान ने मुझे ये तक कह दिया कि मुझे यदि इंसाफ नहीं मिला मैं मर जाऊंगा सुसाइड कर लूंगा।

लेकिन कहते हैं ना जिसका कोई नहीं होता उसका वकील होता है, और मैंने अपना वकील धरम निभाते हुए उसे समझाया कि एफआर लगने से मामले खत्म नहीं हो जाते, एक सिंघम पुलिस अधीक्षक के आदेश दे देने मात्र से एफआर नहीं लग जाया करती।

 इनके उपर भी कानून का शासन है और न्याय की अभी पहली सीढ़ी बंद हुई है अभी तो अंतिम सीढ़ी चढ़नी बाकी है।

और वो न्याय की अंतिम सीढ़ी डीजीपी साहब आप हो आप।

ऐसा सुनते ही पीड़ित परिवादी ने मरने का विचार त्याग कर तुरंत ही मुझे अपना सबकुछ मानते हुए कहा कि वकील साहब आप मुझे अभी उस आखिरी न्याय के देवता डीजीपी साहब से मिलवा दो ।

तो मैने भी उसकी भावनाओं को  समझते हुए चल पड़ा डीजीपी साहब की ओर।

जैसे तैसे बीएसएफ रेस्ट हाउस आकर वहां आपकी सुरक्षा में खड़े  गार्ड को डीजीपी साहब के नाम से ज्ञापन सौंपा तो उन सज्जन पुलिस साथी ने मेरे पीड़ित परिवादी के पत्र को डीजीपी साहब के मंदिर तक पहुंचाने का वादा किया। 

अब डीजीपी साहब पीड़ित को न्याय मिलने की आस आप पर टिकी है । 

खैर सुखद अहसास मेरे लिए ये रहा की मैने आज अपनी वकालत का धर्म निभाते हुए किसी इंसान को तनाव में जाने से बचाया ।

क्यूंकि डीजीपी और आईजी साहब  आपके एसपी और अधीनस्थ अधिकारी केवल मात्र पेंडेंसी कम करने के पीछे पड़े रहते हैं, उनको ये फर्क नहीं पड़ता कि जो फील्ड में लगे हुए पुलिस जवान जैसे कांस्टेबल हेड कांस्टेबल, मुंशीजी जैसे जवान केवल मात्र आपके टूल किट बनते जा रहे हैं । 

आपने उनको सिर्फ काम काम काम सिखाया है लेकिन आपने उनको तनाव से कैसे बाहर निकलना है ये नहीं सिखाया।

यदि यहां आप आकर बड़े सिंघम पुलिस अधीक्षक से बातचीत ना करके 24 घंटे रोड़ पर, थाने में, हाईवे पर गस्त करने वाले ऐसे जवानों के साथ कनेक्ट होकर और परिवार का मुखिया होने के नाते उनके दुःख दर्द को समझने के लिए एक शाम रात्रि भोज एसपी के निवास स्थान के बजाय एक शाम बीकानेर संभाग के सभी पुलिस जवान के नाम रखते और उनसे हंसी मजाक करते उनके बीच बैठकर खाना खाते ओर उनको तनाव से निकाल कर घर परिवार और खाकी से तालमेल करना सिखाते तो आपका आगमन सफल होता।

आपको पता चले कि इसी तनाव से आपका एक जवान काल का ग्रास बन गया , और वो पुलिस साथी आपकी मायावी टूल किट दुनिया से अलविदा हो गया जिसका मुख्य कारण रहा तनाव तनाव तनाव तनाव बस और बस सिर्फ मानसिक तनाव तनाव तनाव तनाव तनाव तनाव तनाव तनाव तनाव तनाव तनाव।

जिससे उबरने का रास्ता आपने भी शायद ही बताया होगा ।

और आपके बीकानेर की पावन धरती पर कदम रखने से पहले आपको जवान के विदा होने की सूचना मिल गई ।

 

जिसकी जिम्मेवार कहीं ना कहीं आपकी टूल किट पॉलिसी है जिसे बदलना होगा ।

खैर आपके आगमन की शाम को यादगार बनाने के लिए एसपी निवास कोठी नई नवेली दुल्हन की तरह चमक रही थी

और एक जवान के घर में सिसकियां निकल रही थी ।

ये शाम आपके जवान की याद में  होती तो बात ही कुछ अलग होती ।

अंत में यही कहूंगा कि आज आपके सामने राजस्थान पत्रिका बीकानेर ने वो आइना दिखाया है जिसको आपकी  सिंघम  कप्तान शायद कभी ना पचा पाए ।

गौर करिए गा खबर पे और पीड़ित परिवादी की फरियाद पे और मेरे विचार पे।
 

 
अनिल सोनी एडवोकेट
 

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हिन्द स्वराज अपनाओं, सामाजिक सरोकार बढ़ाओं विषय पर संगोष्ठी का आयोजन

बीकानेर बुलेटिन



आजादी का अमृत महोत्सव के तहत अगस्त क्रांति सप्ताह की शुरूआत

बीकानेर, 09 अगस्त। राष्ट्रपिता महात्मा गांधीजी के 150वीं जयंति वर्ष तथा भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में ‘‘आजादी का अमृत महोत्सव’’ का आयोजन के संदर्भ में 09 अगस्त से 15 अगस्त, 2021 अगस्त क्रांति सप्ताह के अन्तर्गत सोमवार को ‘‘हिन्द स्वराज अपनाओं, सामाजिक सरोकार बढ़ाओ’’ संगोष्ठी का आयोजन राजकीय महाविद्यालय स्तरीय छात्रावास में किया गया।

संगोष्ठी में राष्ट्रपिता महात्मागांधी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया तथा उनके प्रिय भजनों का प्रस्तुतिकरण किया गया। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उप निदेशक,एल.डी. पंवार ने कहा कि गांधीजी ने अहिंसा, नैतिकता, स्वदेशी, स्वावलंबन, समता, सभ्यातागत विमर्शों पर जोर दिया था।

संगोष्ठी में सामाजिक सुरक्षा अधिकारी नन्दकिशोर राजपुरोहित, छात्रावास अधीक्षक, सुश्री मीनू डाबी, सेवानिवृत परिवीक्षा अधिकारी विजय कुमार महला, मुकेश भाटी, सहायक प्रशासनिक अधिकारी, श्रीमती निभा भटनागर, मालचन्द सोलंकी, सेवाश्रम के विशेष शिक्षा के शिक्षक मनोज, सुन्दर लाल आदि ने अपने विचार रखें। उन्होंने भारत की आजादी में अगस्त क्रांति की महता पर संवाद प्रस्तुत किए गये। सामाजिक सरोकार बढ़ाना वर्तमान समाज के लिए आवश्यक है।

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