बीकानेर:चारण ने दिया ईमानदारी का परिचय
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शिक्षण संस्थानों में कक्षाओं का संचालन निम्न दिशा-निर्देशों के साथ शुरू होगा-
राज्य के सरकारी / निजी विश्वविद्यालय / महाविद्यालय / विद्यालयों (कक्षा 9वीं 12वी तक) की नियमित शिक्षण गतिविधियों का संचालन 50 प्रतिशत क्षमता के साथ 1 सितम्बर से प्रारम्भ किया जा सकेगा. विश्वविद्यालय / महाविद्यालय / विद्यालय के शैक्षणिक व अशैक्षणिक स्टाफ एवं संस्थान के लिए आवागमन हेतु संचालित बस, ऑटो एवं कैब के चालक इत्यादि को 14 दिन पूर्व वैक्सीन की कम-से-कम एक खुराक अनिवार्य रूप से लेनी होगी.
• प्रदेश के समस्त कोचिंग संस्थान अपने शैक्षणिक और अशैक्षणिक स्टाफ के वैक्सीन की दोनों खुराक ले चुके होने की अनिवार्यता की शर्त के साथ 1 सितम्बर से बैठक 50 प्रतिशत क्षमता के साथ संचालित हो सकेंगे. साथ ही, संबंधित संस्थान द्वारा - intimation के माध्यम से ऑनलाइन पोर्टल https://covidinfo.rajasthan.gov.in पर संस्थान में अध्ययनरत विद्यार्थियों की संख्या बैठक क्षमता एवं कु स्टाफ / कार्मिकों / विद्यार्थियों के प्रतिशत वैक्सीनेशन की सूचना अपलोड करनी होगी.
• शैक्षणिक व अशैक्षणिक स्टाफ / विद्यार्थियों के आवागमन हेतु संचालित स्कूल बस / ऑटो / कैब इत्यादि वाहन की बैठक क्षमता के अनुसार ही अनुमत होंगे.
• नियमित कक्षाओं के अध्ययन के लिये छात्रों की बैठक व्यवस्था एक सीट छोड़कर इस प्रकार की जायेगी कि प्रत्येक कक्ष में छात्रों की उपस्थिति कक्ष की क्षमता के 50 प्रतिशत से अधिक नहीं हो.
• ऑनलाइन / डिस्टेंस लर्निंग अध्यापन को वरीयता और प्रोत्साहन दिया जाएगा.
• विद्यालयों में कक्षा 1 से 8वीं तक की नियमित शिक्षण गतिविधियां आगामी आदेश तक केवल ऑनलाइन माध्यम से संचालित रहेंगी.
राज्य में शिक्षण गतिविधियों के सुचारू रूप से संचालन हेतु शिक्षण संस्थाओं (विश्वविद्यालय / महाविद्यालय / विद्यालय / कोचिंग संस्थान द्वारा सुनिश्चित की जाएगी-
शिक्षण संस्थानों में आने से पूर्व सभी विद्यार्थियों द्वारा अपने माता-पिता / अभिभावक से लिखित अनुमति लेना अनिवार्य होगा. यदि माता पिता/ अभिभावक अपने बच्चों को अभी ऑफलाइन अध्ययन हेतु कक्षाओं में नहीं भेजना चाहते तो उन पर संबंधित संस्थान द्वारा उपस्थिति के लिए दबाव नहीं बनाया जाएगा. इन विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन अध्ययन की सुविधा निरन्तर संचालित रखी जाएगी.
शिक्षण संस्थानों द्वारा प्रार्थना सभा का आयोजन नहीं किया जायेगा.
अध्ययन अवधि के दौरान संस्थान में एवं आवागमन के दौरान फेस मास्क पहनना अनिवार्य होगा. मास्क नहीं तो प्रवेश नहीं के नियम की पालना आवश्यक है. किसी विद्यार्थी / स्टाफ के पास मास्क नहीं होने पर संस्थान द्वारा मास्क उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाएगा.
शिक्षण संस्थानों द्वारा प्रत्येक शैक्षणिक व अशैक्षणिक स्टाफ / विद्यार्थी की स्क्रीनिंग की व्यवस्था करनी होगी एवं इसके उपरान्त ही प्रवेश दिया जाएगा. मुख्य द्वार पर प्रवेश एवं निकास के दौरान संस्था परिसर, कक्षाओं में सामाजिक
दूरी (दो गज की दूरी) का ध्यान रखा जाएगा एवं संस्थान में किसी भी स्थान पर विद्यार्थी अभिभावक / कर्मचारी अनावश्यक रूप से एकत्रित न हो एवं संस्थान परिसर में स्थित कैंटीन को आगामी आदेशों तक बंद रखा जायेगा.
प्रत्येक फ्लोर पर क्लासरूम एवं फैकल्टी रूम में कुर्सियों, सामान्य सुविधाओं एवं मानव सम्पर्क में आने वाले सभी बिन्दुओं जैसे रेलिंग्स, डोर हैण्डल्स एवं सार्वजनिक सतह, फर्श आदि को प्रतिदिन सेनेटाइज किया जाएगा एवं खिड़की / दरवाजों को खुला रखा जाएगा, ताकि हवा का पर्याप्त प्रदाह सुनिश्चित रहे.
संस्थान में प्रतिदिन काम में आने वाली स्टेशनरी एवं अन्य उपकरणों को सेनेटाइज करना अनिवार्य होगा.
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प्रफुल्ल कुमार आईपीएस महानिरीक्षक पुलिस बीकानेर रेन्ज, बीकानेर द्वारा चलाये जा रहे आपरेशन वज्र के तहत जिले में अवैध हथियारों की खरीद-फरोख्त होने के संबंध में गुप्त सूचना प्राप्त हुई। जिस पर विशेष टीमों का गठन कर आसूचना एकत्र कर कार्यवाही करने बाबत निर्देशित किया गया।
जिसके परिणामस्वरूप डीएसटी टीम ने मुखबिर सूचना व तकनीकी विश्लेषण की सहायता से जानकारी जुटाकर पुलिस थाना रावतसर की टीम के सहयोग से दिनांक ११ अगस्त को सड़क आम रावतसर से खेतावाली नजद पदम विहार कॉलोनी, रोही चक २४ डीडब्लयूडी रावतसर से दो मुल्जिमानों गुरलाल सिंह व सुखवन्त सिंह के कब्जा से ३२ बोर के कुल ६ पिस्तल (माउजर) मय ०९ मैग्जीन सहित गिरफ्तार किया गया।
मुल्जिम सुखवन्त के खिलाफ पुलिस थाना हनुमानगढ़ टाउन में एससी/एसटी के तहत पूर्व में मामला दर्ज है। पुलिस ने दोनों पर अभियोग संख्या ३९०/२०२१ धारा ३,५,७,८,/२५ (१)(सी), ३/२५(६), ३/२५(८) आम्र्स एक्ट में मामला दर्ज कर अनुसंधान अशोक कुमार बिश्नोई पुलिस निरीक्षक थानाधिकारी रावतसर द्वारा शुरू किया गया।
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स्टेशन रिडेवलपमेंट से बढ़ेगा इलाक़े में रोज़गार
आरएलडीए के वाइस चेयरमैन वेद प्रकाश डुडेजा ने कहा, " स्टेशन पुनर्विकास वस्तुत: आंतरिक रूप से शहरी विकास से जुड़ा हुआ है. इन स्टेशनों का पुनर्विकास यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं प्रदान करेगा और उनका यात्रा अनुभव बेहतर होगा. इससे खुदरा, रियल एस्टेट और पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार के कई गुना अवसर बनेंगे. एक जिम्मेदार संघठन के रूप में, नए भारत की आकांक्षाओं को पूरा करते हुये रेल भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) निर्धारित समयानुसार पुनर्निर्मित स्टेशनों को देश की जनता को सौपनें के लिए प्रतिबद्ध है."
इन रेलवे स्टेशनों को रिडेवलपमेंट के लिए चुना गया है
पीपीपी मॉडल पर होगा रिडेवलपमेंट
आरएलडीए ने हाल ही में पुरी और लखनऊ रेलवे स्टेशनों के लिए पुनर्विकास प्रक्रिया में भाग लेने के लिए योग्य डेवलपर्स से बोलियां आमंत्रित करने के लिए रिक्वेस्ट फॉर क्वॉलिफ़िकेशन ( आरएफक्यू ) की प्रक्रिया पूरी की है. परियोजनाओं को डेवलपर्स और निवेशकों से समान रूप से उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली है. इसके अलावा, देहरादून, नेल्लोर, तिरुपति, पुडुचेरी, एर्नाकुलम और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास के लिए, आरएफक्यू को अंतिम रूप दिया गया है और जल्द ही आरएफपी जारी किए जाएंगे. इन सभी स्टेशन परियोजनाओं का सरकारी निजी कंपनी भागीदारी ( पीपीपी ) मॉडल के तहत पुनर्विकास किया जाएगा.
आरएलडीए के पास चार मैंडेट हैं
रेल भूमि विकास प्राधिकरण ( आरएलडीए ) रेलवे भूमि के डेवलपमेंट के लिए रेल मंत्रालय के तहत एक वैधानिक प्राधिकरण है. विकास योजना के तहत आरएलडीए के पास चार प्रमुख मैंडेट हैं- 1. कॉमर्शियल जगहों को पट्टे पर देना 2. कॉलोनी पुनर्विकास, 3. स्टेशन पुनर्विकास और 4. मल्टीपरपज़ कैम्पस बनाना
रेलवे की वो ख़ाली पड़ी ज़मीनें जिन पर अब विकास होगा
भारतीय रेलवे के पास पूरे भारत में लगभग 43,000 हेक्टेयर खाली भूमि है। साथ ही, आरएलडीए वर्तमान में 84 रेलवे कॉलोनी पुनर्विकास परियोजनाओं को संभाल रहा है और हाल ही में पुनर्विकास के लिए गुवाहाटी में एक रेलवे कॉलोनी को लीज पर दिया है. आरएलडीए के पास लीज पर देने के लिए देश भर में 100 कमर्शियल (ग्रीनफ़ील्ड) साइटें हैं और प्रत्येक के लिए पात्र डेवलपर्स को एक खुली और पारदर्शी बोली प्रक्रिया के माध्यम से चुना जाएगा.
कुल 172 रेलवे स्टेशनों का हो रहा है कायाकल्प
आरएलडीए वर्तमान में 109 स्टेशनों पर चरणबद्ध तरीके से काम कर रहा है, जबकि इसकी सहायक कंपनी, आईआरएसडीसी अन्य 63 स्टेशनों पर कार्य कर रही है. पहले चरण में, आरएलडीए ने पुनर्विकास के लिए नई दिल्ली, तिरुपति, देहरादून, नेल्लोर, कटक और पुडुचेरी जैसे प्रमुख स्टेशनों को प्राथमिकता दी है. भारत सरकार द्वारा शुरू की गई स्मार्ट सिटी परियोजनाओं के एक हिस्से के रूप में भारत भर के रेलवे स्टेशनों को पीपीपी मॉडल पर पुनर्विकास किया जाएगा.
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