राजस्थान:अब भी नही करवाया रजिस्ट्रेशन तो 30 अप्रेल के बाद 3 महीने नही मिलेगी ये सुविधा
बीकानेर बुलेटिन
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बीकानेर@ महापौर सुशीला कँवर ने बताया कि शिववैली में शहर का तीसरा अग्निशमन केंद्र एवं यहीं पर 12 बीघा में टाउन लेवल पार्क बनाने की तैयारी की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि नये अग्निशमन केंद्र के लिए निविदा जारी की गयी है।
महापौर ने बताया कि वर्तमान में शहर में 2 अग्निशमन केंद्र है जो की मुरलीधर कॉलोनी एवं बीछवाल में स्थित है। उन्होंने बताया कि शहर के मुख्य बाजार एवं जयपुर रोड तथा गंगाशहर के इलाकों में आग लग जाने की स्थिति में अग्निशामक वाहन पहुँचने में समय भी लगता था।
भारी आग लग जाने की स्थिति में फायर ब्रिगेड को पुन: जलराव हेतु वापस मुरलीधर अथवा बीछवाल जाना पड़ता था। महापौर ने कहा कि शिववैली में अग्निशमन केंद्र स्थापित हो जाने से मुख्य बाजारों एवं गंगाशहर, रानीबाजार औद्योगिक क्षेत्र, रानी बाजार, सादुलगंज, जेएनवी कॉलोनी, मुख्य बाजार,चौधरी कॉलोनी एवं अन्य कई इलाकों में अनहोनी होने पर अग्निशामक वाहन की त्वरित उपलब्धता सुनिश्चित हो पाएगी।
उन्होंने बताया कि शहर में पर्यवारण संरक्षण की दिशा में कार्य करते हुए शिववैली के पास करीब 2,78,897 स्क्वायर फीट लगभग 12 बीघा का सिटी लेवल पार्क वरिष्ठ नगर नियोजक से स्वीकृत करवा लिया है। जल्द ही इस पार्क का शिलान्यास किया जाएगा। नगर निगम द्वारा इस पार्क को बहुत ही योजनाबद्ध एवं अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त बनाया जाएगा।
नगर निगम की योजना के अनुसार 12 बीघा में फैले इस अत्याधुनिक पार्क में योगा पार्क, बच्चों का पार्क, ओपन जिम, विज्ञान पार्क तथा 2 बड़े उद्यान भी बनाए जायेंगे साथ ही वाहनों की पार्किंग हेतु भी माकूल व्यवस्था की गयी है। योजना प्रारूप के अनुसार पार्क में 74 चौपहिया वाहन तथा 136 दोपहिया वाहनों के पार्किंग की व्यवस्था की जायेगी।
पार्क में नवीन टेक्नोलॉजी से युक्त ई-टॉयलेट या सार्वजनिक शौचालय का भी निर्माण प्रस्तावित हैत्र पार्क के चारों तरफ भ्रमण पथ तथा बीच में फाउन्टेन अथवा अत्याधुनिक शिल्पकला से सुसज्िजत सर्किल का निर्माण करवाया जाएगा। गंगाशहर एवं आसपास के वाशिंदों के लिए यह पार्क वरदान साबित होगा।
वर्तमान में गंगाशहर एवं नजदीकी इलाके में ऐसा कोई भी पार्क नही है। पार्क के निर्माण से जहाँ गंगाशहर वासियों को ताजा एवं शुद्ध हवा मिलेगी वहीँ इस पार्क के विकास से रोजगार के भी नए अवसर पैदा होंगे।
गौरतलब है की हाल ही में 27 नवम्बर को महापौर के 1 साल का कार्यकाल पूर्ण होने पर संकल्प 2021 में टाउन लेवल पार्क एवं अग्निशमन केंद्र की घोषणा की थी। महापौर ने बताया की शहर के बीच अग्निशमन केंद्र एवं गंगाशहर तथा आस पास के वाशिंदों के लिए एक बड़े टाउन लेवल पार्क की जरूरत काफी समय से देखी जा रही थी।
इस पर काम करते हुए हमने ये दोनों प्रोजेक्ट अपने संकल्प 2021 में घोषित किये थे और 2 महीनों के भीतर ही इसे पूरा कर लिया गया है। अग्निशमन केंद्र की निविदा जारी कर दी गयी है जिसका भूमिपूजन एवं शिलान्यास आगामी दिनों में कर दिया जाएगा साथ ही टाउन लेवल पार्क भी वरिष्ठ नगर नियोजक से स्वीकृत हो गया है।
जल्द ही निगम द्वारा आगामी कार्यवाही करते हुए पार्क के निर्माण कार्य की निविदा जारी की जायेगी।
जयपुर, 5 जनवरी। राज्य सरकार ने अलग-अलग अधिसूचना जारी कर राजस्थान वरिष्ठ अधिस्वीकृत पत्रकार सम्मान योजना 2020, राजस्थान पत्रकार और साहित्यकार कल्याण कोष नियम 2001 एवं राजस्थान राज्य अधिस्वीकृत पत्रकार चिकित्सा सुविधा योजना 2005 में संशोधन किया है।
आयुक्त, सूचना एवं जनसम्पर्क श्री महेन्द्र सोनी ने बताया कि इन संशोधन के बाद राजस्थान वरिष्ठ अधिस्वीकृति पत्रकार सम्मान योजना (संशोधन) 2020, राजस्थान पत्रकार और साहित्य कल्याण कोष (संशोधन) नियम 2020 एवं राजस्थान राज्य अधिस्वीकृत तथा सवैतनिक गैर अधिस्वीकृत पत्रकार चिकित्सा सुविधा योजना (संशोधन) 2020 होगा। उन्होंने बताया कि उक्त संशोधन नियम तत्काल प्रभाव से लागू होंगे ।
उन्होंने बताया कि ‘‘ राजस्थान वरिष्ठ अधिस्वीकृत पत्रकार सम्मान योजना (संशोधन) नियम-2020 के अनुसार ऎसे पूर्णकालिक अधिस्वीकृत पत्रकार जिनकी आयु 60 वर्ष या उससे अधिक हो को 5 हजार रुपये प्रतिमाह के स्थान पर 10 हजार रुपये प्रतिमाह की सम्मान राशि दी जायेगी।
श्री सोनी ने बताया कि ‘‘ राजस्थान पत्रकार और साहित्कार कल्याण कोष (संशोधन) नियम-2020 के अनुसार सभी प्रकार की गम्भीर बीमारियों यथा- कैंसर, कुष्ठ रोग, वाल्व रिपलेसमेंट, एन्ज्योप्लास्टी, बाइेपास सर्जरी, किडनी ट्रांसप्लान्ट, ब्रेन स्ट्रोक (मस्तिष्क एवं तंत्रिका संबंधी बीमारियां), मिर्गी के दौर, दुर्घटना में गम्भीर घायल, गंम्भीर संक्रमित बीमारी – ब्रेन इन्फेक्शन, फेफड़ों का संक्रमण/निमोनिया, शरीर के अन्य अंगों में गम्भीर संक्रमण, जनरल सर्जरी-(हरनिया, एपेंडिक्स, किडनी व गॉल ब्लैडर में पथरी), गर्भावस्था (सीजेरियन) एवं महिला रोग संबंधित गम्भीर बीमारियां, अत्यधिक रक्त स्त्राव संबंधी बीमारियां, पैरालिसिस /लकवा/पक्षाघात, अस्थमा, अल्जाइमर, कोविड़-19, थाइराइड इत्यादि गम्भीर बीमारियों के लिए आर्थिक सहायता देय होगी। पूर्व में केवल छः गम्भीर बीमारियों पर ही आर्थिक सहायता देय थी।
जयपुर, 30 दिसम्बर। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा माह नवम्बर एवं दिसम्बर में सामाजिक सुरक्षा पेंशन के अन्तगर्त पेंशन प्राप्त कर रहे लाभार्थियों के भौतिक सत्यापन का कार्य करवाया जा रहा है। अब पेंशनर्स प्रदेश के किसी भी ई-मित्र से यह कार्य करवा सकेंगे।
निदेशक एवं संयुक्त शासन सचिव श्री ओ.पी. बुनकर ने बताया कि पेंशनार्थियों की सुविधा के लिए नियमों में बदलाव करते हुए सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लाभार्थियों को राज्य में किसी भी ई-मित्र से भौतिक सत्यापन कराये जाने हेतु छूट प्रदान की गई है। पूर्व में पेंशनर्स को उनके जिले में संचालित ई-मित्र से भौतिक सत्यापन करवाये जाने की व्यवस्था थीे। नवीन आदेशानुसार पेंशनर्स राज्य में संचालित किसी भी ई-मित्र केन्द्र से भौतिक सत्यापन करा सकते हैं।
उन्होने बताया कि विभाग द्वारा विभिन्न श्रेणियों यथा इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृृद्धावस्था पेंशन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय निःशक्तजन पेंशन, मुख्यमंत्री वृृद्धजन सम्मान पेंशन, मुख्यमंत्री एकलनारी सम्मान पेंशन, मुख्यमंत्री विशेष योग्यजन सम्मान पेंशन तथा राजस्थान लघु एवं सीमान्त कृृषक सम्म्मान पेंशन योजना के 82 लाख पेंशनर्स को इससे सुविधा होगी।
नई दिल्ली: क्या आपने भी एलआईसी (Life Insurance Corporation) पॉलिसी करा रखी है…क्या आपके पास भी ऐसे फोन कॉल्स आते हैं जो आपको पॉलिसी के बारे में गलत सलाह देते हैं. अगर ऐसा है तो आप सावधान हो जाएं. इन दिनों धोखाधड़ी के कई मामले सामने आ रहे हैं. जालसाज अपनी बातों में लोगों को फंसाकर पॉलिसी की पूरी रकम को हड़प लेते हैं. इस तरह की घटनाओं को देखते हुए कंपनी ने अपने ग्राहकों को सावधान किया है.
LIC ने ट्वीट करके दी जानकारी
LIC ने ट्वीट करके बताया कि सभी ग्राहक ऐसे फोन कॉल्स से सावधान रहें जो ग्राहकों को पॉलिसी की गलत जानकारी देकर ठगते हैं. इसके साथ ही धोखाधड़ी करने वाले ग्राहकों को LIC अधिकारी, IRDAI अधिकारी बनकर धोखा दे रहे हैं.
नई दिल्ली: आज देश को बिना ड्राइवर के चलने वाली पहली मेट्रो की सौगात मिल गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए दिल्ली मेट्रो की मजेंटा लाइन पर देश की पहली चालक रहित मेट्रो को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. साथ ही वह एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) सेवा की भी शुरुआत भी की. इस कार्यक्रम में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी शामिल हुए.
इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा, "मुझे आज से लगभग 3 साल पहले मजेंटा लाइन के उद्घाटन का सौभाग्य मिला था. आज फिर इसी रुट पर देश की पहली ऑटोमेटिड मेट्रो का उद्घाटन करने का अवसर मिला. ये दिखाता है कि भारत कितनी तेजी से स्मार्ट सिस्टम की तरफ आगे बढ़ रहा है."
पीएम मोदी ने आगे कहा, 'आज नेशनल कॉमन मॉबिलिटी कार्ड से भी मेट्रो जुड़ रही है. पिछले साल अहमदाबाद से इसकी शुरुआत हुई थी. आज इसका विस्तार दिल्ली मेट्रो की एयर पोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर हो रहा है.'
2025 तक 25 से ज़्यादा शहरों में होगी मेट्रो
पीएम मोदी ने कहा, '2014 में सिर्फ 5 शहरों में मेट्रो रेल थी. आज 18 शहरों में मेट्रो रेल की सेवा है. 2025 तक हम इसे 25 से ज़्यादा शहरों तक विस्तार देने वाले हैं, साल 2014 में देश में सिर्फ 248 किलोमीटर मेट्रो लाइन्स आपरेशनल थीं. आज ये करीब तीन गुनी यानी सात सौ किलोमीटर से ज़्यादा है.'
प्रधानमंत्री ने प्रस्तावित दिल्ली-मेरठ RRTS के मॉडल पर भी बात की. उन्होंने कहा, 'दिल्ली मेरठ RRTS का शानदार मॉडल दिल्ली और मेरठ की दूरी को घटाकर एक घंटे से भी कम कर देगा. उन शहरों में जहां यात्री संख्या कम है वहां मेट्रोलाइट वर्जन पर काम हो रहा है. ये सामान्य मेट्रो की 40 प्रतिशत लागत से ही तैयार हो जाती है. जिन शहरों में सवारियां और भी कम है वहां पर मेट्रो नियो पर काम हो रहा है. ये सामान्य मेट्रो की 25 प्रतिशत लागत से ही तैयार हो जाती है. इसी तरह है वॉटर मेट्रो- ये भी आउट ऑफ द बॉक्स सोच का उदाहरण है.'
बीकानेर@ कोविड-19 के प्रसार को रोकने की आवश्यकता को देखते हुए केन्द्रीय सड़क परिवहन तथा राजमार्ग मंत्रालय ने डीएल, आरसी परमिट आदि जैसे वाहन संबंधी दस्तावेजों की वैधता 31 मार्च, 2021 तक बढ़ा दी है। मंत्रालय ने आज इस संबंध में राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेश प्रशासनों को एक परामर्शी जारी की है।
सड़क परिवहन तथा राजमार्ग मंत्रालय ने इससे पूर्व मोटर वाहन अधिनियम, 1988 तथा केन्द्रीय मोटर वाहन नियमों, 1989 से संबंधित दस्तावेजों की वैधता के विस्तार के संबंध में 30 मार्च, 2020, 9 जून, 2020 तथा 24 अगस्त, 2020 को परामर्शी जारी की थी। सुझाव दिया गया था कि फिटनेस, परमिट (सभी प्रकारों के), लाइसेंस, पंजीकरण या किसी और संबंधित दस्तावेज की प्रमाणिकता 31 दिसम्बर, 2020 तक वैध समझी जाए।
परामर्शी में कहा गया है, ‘‘कोविड-19 के प्रसार को रोकने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए परामर्श दिया जाता है कि उपरोक्त उल्लेखित सभी दस्तावेजों की प्रमाणिकता 31 मार्च, 2021 तक वैध समझी जाए। इसमें वे सभी दस्तावेज शामिल हैं जिनकी वैधता 1 फरवरी, 2020 को समाप्त हो गई है या 31 मार्च, 2021 तक समाप्त हो जाएगी।’’
इसमें यह भी कहा गया है, ‘‘प्रवर्तन प्राधिकारियों को ऐसे दस्तावेजों को 31 मार्च, 2021 तक वैध मानने का परामर्श दिया गया है। यह नागरिकों की सोशल डिस्टेंसिंग बरकरार रखते हुए परिवहन संबंधित सेवाओं का लाभ उठाने में सहायता करेगा।’’
केन्द्रीय मंत्रालय ने कहा कि सभी राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों से इस परामर्शी को मूल भावना के साथ कार्यान्वित करने का आग्रह किया गया है जिससे कि नागरिक, ट्रांसपोर्टर तथा विभिन्न अन्य संगठन, जो कोविड महामारी के दौरान इस कठिन समय में प्रचालन कर रहे हैं, को कोई परेशानी न हो और उन्हें दिक्कतों का सामना न करना पड़े।
बीकानेर, 22 दिसम्बर। राजस्थान अनुसूचित जाति, जनजाति वित्त एवं विकास सहकारी निगम लिमिटेड बीकानेर द्वारा अनुसूचित जाति, सफाई कर्मचारी वर्ग, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं निशक्तजन वर्ग के व्यक्तियों को निगम कार्यालय से स्वरोजगार एवं विभिन्न योजनाओं में ऋण देने के लिए 31 दिसम्बर तक आवेदन आमंत्रित किए गए हैं।
ऋण लेने के ईच्छुक आवेदक अपनी स्वयं की एस.एस.ओ. आईडी के माध्यम से वेब पार्टल- अनुजा निगम पर स्वयं या ई-मित्र, ई-मित्र प्लस, राजीव गांधी सेवा केन्द्र आदि के माध्यम से आॅन-लाईन आवेदन कर सकते है। इन वर्गों के लिए स्वरोजगार हेतु महिला समृद्धि, लघु साख वित, शिल्प समृद्धि, लघु व्यवसाय ग्रामीण, लघु व्यवसाय शहरी योजना, जीप टैक्सी, सोलर लाईट, डेयरी योजना आदि व्यवसायों हेतु ईच्छुक आवेदक आवेदन कर सकते हैं। इन योजनाओं में प्रार्थी की आय शहरी क्षेत्र में 60 हजार 120 रुपए ग्रामीण क्षेत्र में 54 हजार 300 रुपए तक हो उन्हें 10 हजार की अनुदान राशि देय होगी।
जयपुर@ मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के कुशल नेतृत्व एवं निर्देशन में जलदाय विभाग ने राज्य सरकार के दो वर्षों के कार्यकाल में प्रदेश के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में गांव-ढ़ाणी, कस्बे तथा नगर-नगर में घर-घर तक लोगों को स्वच्छ पानी उपलब्ध कराते हुए पेयजल प्रबंधन में नई मिसाल कायम की है।
जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने राज्य सरकार की दूसरी वर्षगांठ के उपलक्ष्य में विभाग द्वारा अर्जित महत्वपूर्ण उपलब्धियों की जानकारी देते हुए बताया कि दो सालों का यह कार्यकाल जलदाय विभाग ने चुनौतियों स्थितियों के बीच पूरे प्रदेश में जनता को समयबद्ध पेयजल आपूर्ति की जिम्मेदारी का जवाबदेही के साथ निर्वहन किया है। उन्होंने बताया कि सरकार के पहले साल मेें वर्ष 2019 की गर्मिर्यों के सीजन में पेयजल आपूर्ति को लेकर विभाग के सामने कई विकट चुनौतियां थी। मानसून और वर्षा की स्थिति को लेकर पूरा प्रदेश चिंतित था। श्री गहलोत के निर्देशन में उन स्थितियों में जलदाय विभाग ने एक के बाद एक ऎसे फैसले लिए जिनसे प्रदेश में कहीं भी जनता को पेयजल को लेकर किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं आई और राज्य में पेयजल का शानदार प्रबंधन किया। मानसून में देरी की वजह से राज्य के समस्याग्रस्त क्षेत्रों में लोगों की जरूरतों का आंकलन कर विभाग द्वारा नलकूपों की स्वीकृति तथा कंटीजेंसी प्लान बनाकर निर्बाध पेयजल आपूर्ति के लिए समय पर कदम बढ़ाए गए। इसके अलावा पाली में रेल के माध्यम से पानी पहुंचाया गया।
डॉ. कल्ला ने बताया कि सरकार के दूसरे साल में भी गर्मियों के सीजन को लेकर जलदाय विभाग ने काफी पहले से तैयारी कर ली थी। कोविड-19 के कारण लॉकडाउन की स्थिति से काफी पहले ही फरवरी माह में ही सभी जिला कलक्टर्स को कंटीजेंसी प्लान के तहत 50-50 लाख की राशि स्वीकृत की गई। प्रदेश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में टैंकर्स के माध्यम से जल परिवहन के लिए 65 करोड़ रुपये भी स्वीकृत किए। मुख्यमंत्री श्री गहलोत ने कोरोना की वैश्विक महामारी के कारण पूरे प्रदेश में लॉकडाउन के कारण लोगों के सामने विकट स्थितियों में स्वयं अग्रिम मोर्चे पर कमान सम्भालते हुए फैसले लिए।
श्री गहलोत ने शासन में संवेदनशीलता और जवाबदेही के अपने संकल्प के अनुरूप लॉकडाउन के दौरान प्रदेश के सभी विधायकों के साथ वीडियों कॉंफ्रेंसिंग से संवाद किया। उन्होंने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति की स्थिति और आवश्यकताओं की निरंतर समीक्षा करते हुए सभी विधायकों को 25-25 लाख रुपये की स्वीकृति पेयजल प्रबंधन पर करने की भी मंजूरी प्रदान की। मुख्यमंत्री द्वारा लिए गए ऎसे ही त्वरित, सामयिक एवं समयबद्ध निर्णयों से विभाग ने राज्य सरकार के दो वर्षों के कार्यकाल में प्रदेश के सभी हिस्सों में निर्बाध रूप से स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति की जिम्मेदारी का सतत रूप से बखूबी निर्वहन किया है।
घरेलू कनेक्शनों पर 15 हजार लीटर तक के उपभोग पर जल शुल्क माफ
जलदाय मंत्री ने बताया कि सरकार के कार्यकाल में राज्य के घरेलू पेयजल उपभोक्ताओं को बिलों पर देय पेयजल शुल्क में संशोधन कर चालू मीटर वाले घरेलू कनेक्शनों पर प्रतिमाह 15 हजार लीटर तक जल उपभोग करने पर जल शुल्क में शत-प्रतिशत छूट का तोहफा दिया। इसके तहत परियोजनाओं से जुड़े ग्रामीण क्षेत्रों में डीडीपी ब्लॉक में 70 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन एवं शेष योजनाओं में 40 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन तक के उपभोग पर जल शुल्क में शत-प्रतिशत छूट दी गई है। अन्य ग्रामीण जल योजनाओं में भी जल उपभोग पर शत-प्रतिशत छूट प्रदान की गई है। पूरे प्रदेश में अब तक इस छूट से शहरी क्षेत्र के 56 लाख एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 280 लाख आबादी को सीधा लाभ मिला है।
गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्रों पर फोकस
डॉ. कल्ला ने बताया कि गत दो सालों में जलदाय विभाग द्वारा प्रदेश में गुणवत्ता प्रभावित बस्तियों को लाभाविंत करने पर भी पूरा ध्यान दिया गया है। राज्य में ऎसी बस्तियों में गत दो सालों में 813 आर.ओ.प्लान्ट तथा 922 सौर उर्जा आधारित डी-फ्लोरिडेशन यूनिट स्थापित किए गए हैं। इसके अलावा प्रदेश में 5 हजार 339 नये नलकूप तथा 11 हजार 317 नए हैण्डपम्प लगाकर उन्हें चालू किया गया है, जबकि 4 लाख 63हजार खराब हैण्डपम्पों को भी सुधार कर पुनः चालू किया गया है।
वृहद पेयजल परियोजनाओं से शहर, गांव और ढाणियां लाभान्वित
जलदाय मंत्री ने बताया कि कोविड-19 के कारण उत्पन्न विषम परिस्थितियों के बावजूद राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी क्षेत्रों में वृहद पेयजल परियोजनाओं के कामों को भी गति देते हुए जल आपूर्ति तंत्र को मजबूती प्रदान की है। इन मेजर प्रोजेक्ट्स के जरिए सतही जल स्रोत से वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 14 शहरों को आंशिक तौर पर तथा 2 हजार 544 ग्राम एवं 2 हजार 497 ढाणियों को स्वच्छ पेयजल आपूर्ति से लाभान्वित किया गया हैं।
उन्होंने बताया कि गत दो वर्षों में प्रदेश में 9 वृहद पेयजल परियोजनाओं को पूर्ण करते हुए इनसे जुड़ी आबादी को सीधे तौर पर फायदा पहुंचाया गया है। इन बड़ी परियोजनाओं में बूंदी जिले की इन्द्रगढ-चाकन पेयजल परियोजना, चम्बल-बून्दी कलस्टर परियोजना (विस्तार चम्बल-भीलवाडा परियोजना), कोटा जिले की बोरावास-पदमपुरा पेयजल परियोजना, बारां जिले की अटरू-शेरगढ़ पेयजल परियोजना, प्रतापगढ़ शहर की विधमान पेयजल अ योजना के पुनर्गठन का कार्य, जयपुर शहर के लिए जयपुर-बीसलपुर पेयजल परियोजना (खोनागोरियन), बांसवाडा-प्रतापगढ़ की 344 ग्रामों की पेयजल परियोजना, झालावाड़ जिले में राजगढ़ पेयजल परियोजना एवं जोधपुर जिले की पांचला-घेवरा चिराई क्षेत्रीय जलप्रदाय योजना शामिल है।
उन्होंने बताया कि जलदाय विभाग ने उक्त सभी मेजर प्रोजेक्ट्स के कार्यों को मौजूदा सरकार के कार्यकाल में पूरा कर इन क्षेत्रों की जनता को शुद्ध पेयजल मुहैया कराया है। इसके अलावा विभाग की राज्य स्तरीय योजना स्वीकृति समिति द्वारा प्रदेश में 16 वृहद पेयजल परियोजनाओं के निर्माण तथा 27 वृहद पेयजल परियोजनाओं की डीपीआर बनाने की स्वीकृति दी गई है। इनके माध्यम से राज्य के अलग-अलग जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर जल कनेक्शन प्रदान किये जाएंगे।
गुलाबी नगर में बीसलपुर पानी के लिए 853 करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास
डॉ. कल्ला ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने जून 2020 में गुलाबी नगरवासियों को 853 करोड़ रुपये की लागत वाले दो महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स, बीसलपुर-जयपुर पेयजल परियोजना फेज-प्रथम स्टेज-2 तथा बीसलपुर-पृथ्वीराज नगर पेयजल परियोजना फेज-प्रथम स्टेज-प्रथम का शिलान्यास कर बड़ी सौगात दी।
उन्होंने बताया कि जयपुर शहर की बढ़ी हुई पेयजल मांग एवं आगामी दिनों में बढने वाली मांग को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने दीर्घकालीन प्रस्ताव केन्द्र सरकार को मंजूरी के लिए भेजे है। केन्द्र सरकार के स्तर पर लम्बित इन प्रस्तावों के बीच जयपुर शहर में पेयजल की बढी हुई मांग के मध्यनजर राज्य सरकार ने अपने स्तर पर तत्काल कदम उठाते हुए 288.90 करोड़ रुपये की बीसलपुर परियोजना फेज-प्रथम स्टेज-2 को स्वीकृति प्रदान की। इससे जयपुर शहर के सभी विधानसभा क्षेत्रों को 170 एमएलडी अतिरिक्त पेयजल उपलब्ध होगा। इसका कार्य अक्टूबर 2022 तक पूर्ण किऎ जाने का लक्ष्य है।
उन्होंने बताया कि जयपुर में पृथ्वीराज नगर के लोगों की सुचारू पेयजल व्यवस्था की मांग के सम्बंध में भी जलदाय विभाग द्वारा बीसलपुर बांध से 170 एमएलडी अतिरिक्त पानी की व्यवस्था को सुनिश्चित करने के बाद इस क्षेत्र के लिए 563.93 करोड़ रुपये की परियोजना को भी स्वीकृत किया गया है। इससे योजना से 175 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में रह रहे लोगों के लिए बुनियादी ढॉंचा विकसित होगा एवं पृथ्वीराज नगर क्षेत्रवासियों को अक्टूबर 2022 तक घर-घर पेयजल उपलब्ध होगा। इस परियोजना का कार्य भी अक्टूबर 2022 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है।
राजस्थान विश्वविद्यालय को भी बीसलपुर का पानी
जलदाय मंत्री ने बताया कि विभाग ने जयपुर स्थित राजस्थान विश्वविद्यालय में पीने के पानी की समस्या को दूर करने के लिए यूनिवर्सिटी कैम्पस को बीसलपुर पेयजल परियोजना से जोड़ने के लिए 15.60 करोड़ रुपये की योजना तैयार की, जिसे राज्य सरकार द्वारा मंजूरी प्रदान की गई है। इस परियोजना के कार्य के लिए 30 सितम्बर 2020 को 7.05 करोड़ रुपये का कार्यादेश जारी किया गया। वर्तमान में योजना का कार्य प्रगति पर है, जिसे अक्टूबर 2021 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है।
बीकानेर 17 दिसंबर। प्रधान डाकघर में डाक जीवन बीमा, ग्रामीण डाक जीवन बीमा और बचत खाता खोलने के लिए मेले का आयोजन किया गया। मेले में मुख्य अतिथि राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र के के पोस्टमास्टर जनरल सचिन किशोर थे। मेले में एक हजार पांच सौ बचत खाते खोले गए। डाक जीवन बीमा में पांच लाख पचास हजार और ग्रामीण डाक जीवन बीमा के तहत तीन लाख पचास हजार रुपयों का प्रीमियम प्राप्त किया गया।
पोस्टमास्टर जनरल सचिन कुमार ने कर्मचारियों को संबोधित करते हुए बचत के लिए सरकार की योजनाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। बीकानेर डाक मंडल के कार्यों की सराहना करते हुए ज्यादा से ज्यादा योजनाओं को आमजन तक पहुंचाने हेतु प्रेरित किया। क्षेत्रीय सहायक निदेशक तरुण शर्मा ने बीकानेर मंडल के कर्मचारियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि जिन कर्मचारियों ने उत्कृष्ट कार्य किया है उन्हें शीघ्र सम्मानित किया जाएगा। मेले में बी.आर. राठौड़, मुकेश सोनी ने भी अपने विचार प्रकट किए। अधीक्षक डाकघर बीकानेर सीताराम खत्री ने बीकानेर मंडल की तरफ से आए हुए अधिकारियों, आमजन, मेहमानों-कर्मचारियों के प्रति आभार व्यक्त किया।
जयपुर। प्रदेश के नहरी सिंचित क्षेत्र ( canal irrigated area of the state ) में अंतिम छोर तक पानी पहुंचाने और इसका संतुलित उपयोग सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने नहर विकास के लिए अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ( Chief Minister Ashok Gehlot ) ने इस संबंध में 75 करोड़ रूपये के अतिरिक्त बजट प्रस्ताव का अनुमोदन किया है, जिसका उपयोग इंदिरा गांधी नहर परियोजना (आईजीएनपी) के द्वितीय चरण के तहत सिंचित क्षेत्र जल प्रबंधन के लिए किया जाएगा।
मुख्यमंत्री से अनुमोदित वित्त विभाग के इस प्रस्ताव के अनुसार, इंदिरा गांधी नहर परियोजना (आईजीएनपी) की तीन नहरों, नोहर-साहवा लिफ्ट, गजनेर लिफ्ट तथा कोलायत लिफ्ट नहरों के कमांड क्षेत्र में दबाव सिंचाई पद्धति के विकास के लिए कार्य प्रगति पर हैं। इसमें कुछ लंबित प्रकरणों के भुगतान तथा प्रगतिरत कार्यों को पूरा करने के लिए अतिरिक्त बजट राशि स्वीकृत की गई है।
अंतिम छोर तक पहुंच सकेगा पानी
गौरतलब है कि कमांड क्षेत्र में दबाव सिंचाई के लिए आधारभूत ढांचे से जुडे़ कार्यों के पूर्ण नहीं होने से केवल नहर के शुरूआती छोर पर स्थित 10 से 12 प्रतिशत किसान ही पानी का समुचित उपयोग कर पा रहे हैं। अंतिम छोर तक पानी नहीं पहुंच रहा है। दबाव सिंचाई के ढांचे का समुचित विकास नहीं होने से इस क्षेत्र में कुल पानी का केवल 10 से 15 प्रतिशत ही प्रभावी ढंग से उपयोग में आ रहा है। अब कमांड क्षेत्र में विकास कार्यों के पूर्ण हो जाने पर प्रतिवर्ष हजारों हैक्टेयर अतिरिक्त भूमि को सिंचाई के लिए पानी मिल सकेगा।
बीकानेर@ जिला उद्योग केन्द्र द्वारा शुक्रवार 18 दिसम्बर को नापासर गाँव में औद्योगिक प्रोत्साहन शिविर का आयोजन किया जायेगा। महाप्रबंधक मंजू नैण गोदारा ने बताया कि शिविर में राजस्थान वित्त निगम, रीको व खादी बोर्ड तथा जिला उद्योग केन्द्र द्वारा संचालित उद्योग आधार, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, एमएलयूपीवाई बुनकर परिचय पत्र, आर्टीजन परिचय पत्र सहित विभिन्न योजनाओं के आवेदन पत्र आॅनलाइन भरने की जानकारी दी जायेगी। शिविर में उद्योग आधार मेमोरेडम जारी के सत्यापन संबंधी कार्य भी किए जाएंगे।
जयपुर। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अब बच्चों को दूध वितरण नहीं हो सकेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के कार्यकाल में शुरू की गई अन्नपूर्णा दूध योजना को वर्तमान गहलोत सरकार ने खत्म कर दिया है। ऐसे में कहा जा सकता है कि अब जब स्कूल खुलेंगे, तो बच्चों को सिर्फ मिड-डे मील ही दिया जाएगा। आपको बता दें कि शिक्षा विभाग ने इसे लेकर पूर्व में ही प्रस्ताव आगे बढ़ा दिया था। लेकिन अब मुख्य सचिव की ओर से इस स्कीम को बंद करने के लिए अंतिम मुहर भी लगा दी गई है। लिहाजा सरकार के स्कूल खोलने के फैसले के बाद अब जब पहली से आठवी तक के बच्चे स्कूल जाएंगे, तो उन्हें सिर्फ मिड- डे ही दिया जाएगा।
नई योजना की गई है प्रस्तावित
मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस की गहलोत सरकार की ओर से इसे लेकर नई योजना प्रस्तावित की गई है, जिसमें बच्चों को फल और मिठाई दी जा सकती है। लेकिन इस मामले में अभी योजना का प्रारूप सामने नहीं आ पाया है। ऐसे में विद्यार्थियों की फिलहाल मिड डे मिल ही दिया जाना संभव हो पाएगा।
ये है योजना
आपको बता दें कि तत्कालीन बीजेपी सरकार ने 2 जुलाई 2018 को राजकीय विधालयों के कक्षा 1 से 8वीं तक के विधार्थियों के लिए मिड डे मील के तहत ‘ अन्नपूर्णा दूध योजना’ की शुरुआत भी की थी। इसके तहत 1 से 5वीं कक्षा तक के बच्चों को 150 एमएल और 6 से 8वीं कक्षा तक के बच्चों को 200 एमएल दूध दिया जाना तय किया गया था। इस योजना में दुग्ध समितिययां को भी जोड़ा गया था, लेकिन कई बार उनके समय से भुगतान नहीं होने के चलते भी कई बार बच्चों को समस्याओं का सामना करना पड़ा।