Tuesday, August 10, 2021

उज्ज्वला योजना 2.0: जानिए कैसे लाभदायक है ये सरकारी योजना और आप कैसे उठा सकते हैं इसका फायदा

बीकानेर बुलेटिन




प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आज उत्तर प्रदेश में एलपीजी कनेक्शन सौंपकर उज्ज्वला योजना के दूसरे चरण (प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना - पीएमयूवाई) का शुभारंभ कर दिया है। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों से बातचीत भी की। आइए उज्ज्वला योजना के बारे में विस्तार से जानते हैं-

क्या है प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना?
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत सरकार गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले लाभार्थियों को एलपीजी का कनेक्शन बांटती है। इस योजना का लाभ केवल महिलाएं उठा सकती हैं। आवेदक महिला की उम्र कम से कम 18 साल होनी चाहिए।
साथ ही एक ही घर में इस योजना के तहत कोई अन्य एलपीजी कनेक्शन नहीं होना चाहिए।

उज्ज्वला 1.0 से उज्ज्वला 2.0 तक की यात्रा
वर्ष 2016 में शुरू किए गए उज्ज्वला योजना 1.0 के दौरान, गरीबी रेखा से नीचे जीवन बिताने वाले परिवारों की पांच करोड़ महिला सदस्यों को एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया था। इसके बाद, अप्रैल 2018 में इस योजना का विस्तार कर इसमें सात और श्रेणियों (अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति, पीएमएवाई, एएवाई, अत्यंत पिछड़ा वर्ग, चाय बागान, वनवासी, द्वीप समूह) की महिला लाभार्थियों को शामिल किया गया। साथ ही, इसके लक्ष्य को संशोधित कर आठ करोड़ एलपीजी कनेक्शन कर दिया गया। इस लक्ष्य को निर्धारित तिथि से सात महीने पहले अगस्त 2019 में ही हासिल कर लिया गया था।

वित्तीय वर्ष 21-22 के केंद्रीय बजट में पीएमयूवाई योजना के तहत एक करोड़ अतिरिक्त एलपीजी कनेक्शन के प्रावधान की घोषणा की गई थी। इन एक करोड़ अतिरिक्त पीएमयूवाई कनेक्शन (उज्ज्वला 2.0 के तहत) का उद्देश्य कम आय वाले उन परिवारों को जमा-मुक्त एलपीजी कनेक्शन प्रदान करना है, जिन्हें पीएमयूवाई के पहले चरण के तहत शामिल नहीं किया जा सका था।

उज्ज्वला 2.0 से क्या होगा फायदा?
  • उज्ज्वला 2.0 के तहत लाभार्थियों को जमा मुक्त एलपीजी कनेक्शन के साथ-साथ पहला रिफिल और हॉटप्लेट निःशुल्क प्रदान किया जाएगा।
  • साथ ही, इसमें नामांकन की प्रक्रिया के लिए न्यूनतम कागजी कार्रवाई की जरूरत होगी। उज्ज्वला 2.0 में प्रवासियों को राशन कार्ड या निवास प्रमाण पत्र जमा करने की जरूरत नहीं होगी।
  • 'पारिवारिक घोषणा' और 'निवास प्रमाण', दोनों, के लिए स्वयं द्वारा एक घोषणा पर्याप्त है।
  • उज्ज्वला 2.0 एलपीजी तक सभी की पहुंच के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को साकार करने में मदद करेगी।

कैसे करें उज्ज्वला योजना 2.0 के लिए आवेदन?

  • यदि आप भी उज्ज्वला योजना 2.0 के लिए आवेदन करना चाहते हैं तो उसके लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें-

https://www.pmuy.gov.in/

  • यहां ऑनलाइन आवेदन का विकल्प चुनें।
  • अब ये सेलेक्ट करें कि आप किस कंपनी का गैस कनेक्शन लेना चाहते हैं।
  • उसके बाद आपसे कुछ जानकारियां मांगी जाएंगी, जिन्हें भरकर सबमिट करना होगा।
  • आप चाहे तो यहां से फॉर्म डाउनलोड कर के उसे भरकर नजदीकी गैस एजेंसी डीलर के पास भी जमा करा सकते हैं।

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Monday, June 7, 2021

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम 5 बजे देश को संबोधित करेंगे

बीकानेर बुलेटिन




देश में जानलेवा कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम पांच बजे देश को संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट करके ये जानकारी दी है. हालांकि पीएम मोदी किस मुद्दे पर अपनी बात देश से साझा करेंगे, इसकी अभी कोई सटीक जानकारी सामने नहीं आई है. लेकिन माना जा रहा है कि पीएम मोदी का संबोधन कोरोना वायरस और टीकाकरण अभियान को लेकर हो सकता है.


बताया जा रहा है कि पीएम मोदी कोरोना के संकट काल में कमजोर पड़ रही अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखते हुए कोई बड़ा एलान कर सकते हैं. इसके अलावा पीएम मोदी अनलॉक 2.0 को लेकर बात कर सकते हैं. वह लोगों से कोरोना को लेकर सावधानी बरतनें और लापरवाही नहीं करने की भी अपील कर सकते हैं.

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Wednesday, June 2, 2021

मॉडल टेनेंसी एक्ट को मिली कैबिनेट की मंजूरी, किराएदार और मकान मालिक को मिलेंगे कई नए अधिकार

बीकानेर बुलेटिन




केंद्र सरकार ने बुधवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए मॉडल टेनेंसी एक्ट को मंजूरी दे दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में इस एक्ट को मंजूरी दी गई। आपको बता दें कि इस एक्ट के आने के बाद भारत में रेंटल हाउसिंग के क्षेत्र में सुधार देखने को मिलेगा। आगे इस क्षेत्र में कई बदलाव लाने के लिए या इस मसौदे को कानून बनाकर या फिर मौजूदा कानून में संशोधन करके इसमें दिए गए प्रावधान लागू किए जा सकते हैं।

राज्य और केंद्र शासित प्रदेश बना सकेंगे अब कानून

आपको बता दें कि आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने 2019 में मॉडल टेनेंसी बिल के ड्राफ्ट को तैयार किया था और अब जाकर इस एक्ट को कैबिनेट की मंजूरी मिली है।

मॉडल टेनेंसी एक्ट के ड्राफ्ट को राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को भेजा जाएगा और उसके बाद राज्य और केंद्र शासित प्रदेश इस ड्राफ्ट को अपनाकर इसे कानून का रूप दे सकेंगे।

इस एक्ट से क्या होंगे फायदे

- आपको बता दें कि इस एक्ट के जरिए रेंटल हाउसिंग मार्केट को बेहतर बनाया जा सकेगा। यह सभी आय समूहों के लिए पर्याप्त किराये के आवास स्टॉक के निर्माण को सक्षम करेगा, जिससे बेघरों की समस्या का समाधान होगा। मॉडल टेनेंसी एक्ट औपचारिक बाजार की ओर धीरे-धीरे शिफ्ट करके किराये के आवास के इंस्टीट्यूनेशनालाइजेशन को सक्षम बनाएगा।

- मॉडल टेनेंसी एक्ट किराए के आवास उद्देश्यों के लिए खाली घरों को खोलने की सुविधा प्रदान करेगा। इससे आवास की भारी कमी को दूर करने के लिए एक व्यवसाय मॉडल के रूप में किराए के आवास में निजी भागीदारी को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

- मॉडल टेनेंसी एक्ट से लोगों को प्रॉपर्टी किराये पर लेने में आसानी होगी। धोखाधड़ी या प्रताड़ना से बचने का पूरा अधिकार मिलेगा। इसके लिए लोगों के पास अदालत में जाने का भी विकल्प होगा। अगर किरायेदार और मकान किराए पर देने वाले दोनों को फायदा होगा। दोनों को किसी बात को लेकर विवाद होने पर अथॉरिटी में जाने का अधिकार होगा। इसके लिए अलग से कोर्ट को भी व्यवस्था होगी।

सरकार ने दावा किया है कि मॉडल टेनेंसी एक्ट किराये के आवास के लिए खाली मकानों को खोलने की सुविधा प्रदान करेगा।

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Thursday, December 10, 2020

आज नई संसद की आधारशिला रखेंगे पीएम मोदी, सुप्रीम कोर्ट की रोक के चलते नहीं होगा निर्माण

 



नई दिल्ली: आज देश की नई संसद की नींव रखी जाएगी. पीएम मोदी नए संसद भवन का शिलान्यास करेंगे. नई संसद पुरानी से बड़ी होगी और इसका डिजाइन भी काफी अलग रहने वाला है. ये नया संसद भवन ना केवल पुराने भवन से बड़ा होगा बल्कि इसका आकार भी गोल ना होकर त्रिभुज के जैसा होगा. लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर यानी संसद को आज तक हम बाहर से ऐसी गोलाकार इमारत और उसके खंभों से पहचानते आए हैं. करीब 100 पुराने इस भवन को अब एक नया रंग रूप मिलने जा रहा है. आइए जानते हैं इससे जुड़ी दस बड़ी बातें...


1. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दोपहर एक बजे नए संसद भवन का भूमि पूजन करेंगे. इस समारोह में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी, आवास एवं शहरी मामलों के राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह शामिल होंगे. केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, राज्य मंत्री, संसद सदस्य, सहित लगभग 200 लोग लाइव वेबकास्ट के जरिये भूमि पूजन समारोह में मौजूद रहेंगे.

2. अक्टूबर 2022 तक नए भवन का निर्माण पूरा करने की तैयारी है, ताकि देश की आजादी की 75 वीं वर्षगांठ पर इसी भवन में सत्र का आयोजन हो. यह अगले सौ साल की जरूरतों के मद्देनजर बनाया जाएगा. ताकि भविष्य में सांसदों की संख्या बढ़ने पर भी कोई दिक्कत न आए.


3. नए संसद भवन को शास्त्री भवन के पास की खाली ज़मीन पर बनाया जाएगा. नया संसद भवन का निर्माण करीब 64500 वर्गमीटर जमीन पर होगा. नई संसद पुरानी संसद से 17 हजार वर्गमीटर बड़ी है और इसे बनाने में करीब 971 करोड़ रूपए की लागत आएगी.


4. नए संसद भवन में लोकसभा सदस्यों के लिए 888 सीटें और राज्यसभा सदस्यों के लिए 326 से ज्यादा सीटें होंगी. इतना ही नहीं इसमें 1224 सदस्यों के एक साथ बैठने की भी व्यवस्था होगी. प्रत्येक सदस्यों के लिए 400 वर्गफुट का एक कार्यालय भी इस नए भवन में होगा.


5. मौजूदा पार्लियामेंट हाउस बिल्डिंग का निर्माण आज़ादी से कई साल पहले सन् 1911 में शुरू हुआ था और आखिरकार इसके 20 साल बाद यानि 1927 में हुआ था इसका उद्घाटन हुआ. 100 साल से भी ज़्यादा वक्त से खड़े संसद भवन के नवनिर्माण या इसकी जगह नई इमारत बनाने की मांग सालों से की जा रही थी.


6. नया संसद भवन अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा. साथ ही इसमें भारतीय संस्कृति और शिल्पकारों की कलाकृतियों को भी झलक दिखेगी. नए संसद भवन को भूकंप रोधी बनाया जाएगा. नए संसद भवन के निर्माण का कॉन्ट्रैक्ट टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को दिया गया है. वहीं इसका डिजाइन एचसीपी डिजाइन और प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने बनाया है.


7. वैसे सरकार का प्लान तो संसद के अलावा इसके पास की सरकारी इमारतों को भी नए सिरे बनाने का था. इन सभी भवनों का दिल्ली का सेंट्रल विस्टा कहा जाता है. इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन की ओर करीब 3 किलोमीटर का ये सीधा रास्ता और इसके दायरे मे आने वाली इमारतें जैसे कृषि भवन, निर्माण भवन से लेकर संसद भवन, नॉर्थ ब्लॉक, साउथ ब्लॉक, रायसीना हिल्स पर मौजूद राष्ट्रपति भवन तक का पूरा इलाका सेंट्रल विस्टा कहलाता है.


8. मोदी सरकार का प्लान इसी पूरे सेंट्रल विस्टा को बदलने का था लेकिन कुछ वजहों से सुप्रीम कोर्ट निर्माण कार्य पर रोक लगा दी. सुप्रीम कोर्ट ने नई संसद समेत कई अहम सरकारी इमारतों वाले सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट में किसी भी निर्माण पर फिलहाल रोक लगा रखी है.


9. सुप्रीम कोर्ट की रोक का आधार सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला लंबित है. इन याचिकाओं पर कोर्ट ने 5 नवंबर को फैसला सुरक्षित रखा था. तब कोर्ट ने कहा था कि वह इस पहलू पर करेगा कि क्या प्रोजेक्ट के लिए सभी कानूनी ज़रूरतों का पालन किया गया है. नई संसद और दूसरी इमारतों का निर्माण तभी शुरू हो सकेगा, जब कोर्ट उसे मंजूरी देगा.


10. नए संसद भवन के निर्माण के दौरान पर्यावरण अनुकूल कार्यशैली का इस्तेमाल होगा. नए भवन में उच्च गुणवत्ता वाली ध्वनि औरदृश्य-श्रव्य सुविधाएं, बैठने की आरामदायक व्यवस्था, आपातकालीन निकासी की व्यवस्था होगी. इमारत उच्चतम संरचनात्मक सुरक्षा मानकों का पालन करेगी.


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