बीकानेर प्रेस क्लब का पुरस्कार वितरण समारोह, केके आहूजा कोरोना वारियर्स से सम्मानित
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बीकानेर@ गंगाशहर के बेटी और बहु छत्तीसगढ़ IAS के पद पर पदोन्नत हुयी है। इस समाचार के गंगाशहर पहुंचते ही यहां ख़ुशी का माहौल बन गया है।छत्तीसगढ़ राज्य सरकार के चीफ सेक्रेटरी कार्यालय में डिप्टी सेक्रेटरी के पद पर पदस्थ बिश्रामपुर की बेटी राजस्थान के गंगाशहर की बहू व बेटि जयश्री जैन को आईएएस अवार्ड हो गया है। जयश्री ने सूरजपुर व बीकानेर जिले की पहली महिला आईएएस होने का गौरव हासिल किया है। जयश्री को आईएएस अवार्ड होने से। दोनों क्षेत्रों के निवासियों में हर्ष व्याप्त है।
श्रीमती जयश्री जैन (भूरा) का अखिल भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS)में पदोन्नति हुई है। उन्होंने छत्तीसगढ़ में डिप्टी कलेक्टर के पद पर 2005 में अपने सेवा की शुरुवात की। वे श्रीमती कमला देवी व तोलाराम जी मालू पुत्र भंवरलाल जी मालू गंगाशहर निवासी छत्तीसगढ़ प्रवासी की पुत्री तथा श्रीमती कंचन देवी व मालचंद जी पुत्र लाधुराम जी भूरा गंगाशहर निवासी असम प्रवासी की पुत्रवधू हैं। वे अपने पति जयंत भूरा (CA) व अपने दो पुत्रों के साथ रायपुर में निवासरत हैं। जयश्री के प्रशासनिक जीवन की शुरुवात जिला कोरिया से हुई। Sub-divisional magistrate , नजूल अधिकारी , उप जिला निर्वाचन अधिकारी आदि विभिन्न पदों पर रायपुर जिले में अपनी सेवाएं दी। छत्तीसगढ माध्यमिक शिक्षा मंडल में एक वर्ष तथा लगभग 4 वर्षों तक मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में कुशलता पूर्वक कार्य किया। वर्तमान में मुख्य सचिव कार्यालय में deputy secretary ke पद पर कार्यरत हैं। इनकी शिक्षा govt school बिश्रामपुर व होलीक्रॉस कॉलेज अंबिकापुर से हुई। वे प्रारंभ से ही मेधावी छात्रा रही हैं। 10 वीं में मेरिट लिस्ट में तथा BSc में यूनिवर्सिटी में प्रथम स्थान प्राप्त कर गोल्ड मेडल प्राप्त किया।
छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने सात आईएएस पदों के लिए राज्य के 21 वरिष्ठ राज्य प्रशासनिक सेवा अधिकारियों के नामों की सूची आईएएस अवार्ड के लिए यूपीएससी दिल्ली को प्रेषित की थी। यूपीएससी की दिल्ली में संपन्न बैठक में आईएएस अवार्ड के लिए छत्तीसगढ़ राज्य के सात राज्य प्रशासनिक सेवा अधिकारियों के नामों की अनुशंसा किए जाने के बाद भारत सरकार के डीओपीटी द्वारा छत्तीसगढ़ के सात राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को अखिल भारतीय प्रशासनिक सेवा के पद पर पदोन्नत करते हुए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। आईएएस कैडर में पदोन्नत किए जाने वालों में पहला नाम चीफ सेक्रेटरी कार्यालय रायपुर में डिप्टी सेक्रेटरी के पद पर पदस्थ जयश्री जैन का है।आईएएस अवार्ड पाने वालों में जयश्री जैन के अलावा चंदन संजय त्रिपाठी, प्रियंका हरीश अमोनिया, डा. फरिहा आलम, रोक्तिमा यादव, दीप कुमार अग्रवाल एवं तुलिका प्रजापति नाम शामिल हैं।
बीकानेर। लूप्त हो रही राजस्थानी संस्कृति बचाने में प्रयासरत कलाकार पवन व्यास 2019 में अंगुलीयों पर सबसे छोटी राजस्थानी पाग – पगड़ीयां बांध कर विश्व में बीकानेर – राजस्थान का नाम रोशन कर चुके है। हाल ही में व्यास द्वारा बांधी गई विश्व की सबसे बड़ी पगड़ी को लन्दन की वर्ल्ड बुक द्वारा डेटा जाँच करने के उपरांत सत्यपित कर विश्व की सबसे लम्बी पहनने योग्य पगड़ी बताई गई जो बिना किसी ग्लू व आलपिन के जरिए बनाई गई है। जो कि 1569 फीट (478.5मीटर) लम्बी है ।
वर्ल्ड बुक द्वारा जारी किया गया प्रमाण पत्र बीकानेर पूर्व विधायिका सिद्धि कुमारी व उद्यमी सविता पुरोहित द्वारा पवन व्यास को सस्नेह पूर्वक प्रदान किया गया । सिद्धि कुमारी ने बताया कि वर्ल्ड बुक में बीकानेर का नाम सजने पर मुझे बहुत खुशी है साथ ही महेश सिंह ने कहा कि युवाओं के नवाचार से मुझे बहुत प्रशंसा होती है ।
लोकेश व्यास ने बताया कि पवन व्यास तकनीकी शिक्षा के विद्यार्थी है। उन्होंने बीकानेर के राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज से इलेक्ट्रॉनिक्स में इंजीनियरिंग डिप्लोमा किया है । व्यास पिछले 11 वर्षो से साफा बांधने का कार्य कर रहे है, विभिन्न प्रकार के साफे बांधने की कला में माहिर व्यास ने अभी तक हजारों साफे निःशुल्क बांध दिये। व्यास की इस कला को जागृत करने में पिता बृजेश्वर लाल व्यास व चाचा गणेश लाल मुख्य योगदान है । वर्ष 2019 में व्यास ने 1-3 सेंटीमीटर की सबसे छोटी 10 अलग अलग तरह की पगड़ी अपनी हाथों की अंगुलियों में बांध कर अपना नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज करवाया था । हाल ही में बनाई गई विश्व की सबसे बड़ी पगड़ी का रिकॉर्ड लंदन की वर्ल्ड बुक में दर्ज होने के बाद दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे छोटी पगड़ी के रिकॉर्ड व्यास के नाम हो गये हैं ।
बीकानेर। मरुधारा, कोलकाता का भुवालका जनकल्याण ट्रस्ट पुरस्कार इस साल हिंदी व राजस्थानी साहित्य में विशिष्ठ कार्य के लिए मधु आचार्य ‘ आशावादी ‘ को दिया जायेगा। पुरस्कार स्वरूप आचार्य को 41000 रुपये और प्रशस्ति पत्र दिया जायेगा।
मरुधारा की सचिव मधु बागड़ी ने बताया कि 17 जनवरी को ये पुरस्कार वर्चुअल आयोजन में दिया जायेगा। राजस्थानी साहित्य और संस्कृति के संरक्षण के लिए ये पुरस्कार दिया जाता है। बीकानेर के डॉ नंदकिशोर आचार्य को पहले ये पुरस्कार मिल चुका है।
बीकानेर के वरिष्ठ रंगकर्मी, पत्रकार व साहित्यकार मधु आचार्य ‘आशावादी’ की अब तक हिंदी व राजस्थानी में 86 कृतियाँ प्रकाशित हो चुकी है। साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली द्वारा प्रदान किये जाने वाले सर्वोच्च राजस्थानी भाषा पुरस्कार से समादृत आचार्य की रचनाएं पाठ्यक्रम में पढ़ाई जाती है। आचार्य के साहित्य पर शोध भी हुआ है।
भारत के स्वतंत्रता संग्राम में बीकानेर के योगदान को सामने लाने में भी आचार्य का महती योगदान है। आचार्य ने लगभग 200 नाटक किये हैं, इनमें से 75 नाटकों का निर्देशन भी किया है
बीकानेर@ महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय बीकानेर के पंचम दीक्षांत समारोह का आयोजन वर्चुअल माध्यम से किया गया। इस वर्चुअल कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय लोकसभा स्पीकर श्री ओम बिरला थे।
इस वर्ष स्वर्ण पदक प्राप्त किए विद्यार्थियों को ऑनलाइन माध्यम से महामहिम राज्यपाल महोदय श्री कलराज मिश्र द्वारा स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। इसी कड़ी में शहर की बेटी नेहा जोशी पुत्री ओम प्रकाश जोशी ने मास्टर ऑफ साइंस (पर्यावरण विज्ञान) में स्वर्ण पदक प्राप्त किया। नेहा जोशी ने अपनी इस सफलता के पीछे अपने माता पिता एवं परिवार का हाथ होना बताया।
बीकानेर / राजस्थान, राजस्थान सम्पूर्ण राष्ट्र में अपनी संस्कृति तथा प्राकृतिक विविधता के लिए पहचाना जाता है। राजस्थान के रीति- रिवाज, यहां की वेशभूषा तथा भाषा सादगी के साथ-साथ अपनेपन का भी अहसास कराते है। राजस्थान के लोग रंगीन कपड़े और आभूषणों के शौकीन होते हैं। राजस्थान के समाज के कुछ वर्गों में से कई लोग पगड़ी पहनते हैं, जिसे स्थानीय रूप से साफा, पाग या पगड़ी कहा जाता है।
पगड़ी राजस्थान के पहनावे का अभिन्न अंग है। बड़ो के सामने खुले सिर जाना अशुभ माना जाता है। यह लगभग 18 गज लंबे और 9 इंच चैड़े अच्छे रंग का कपड़े के दोनों सिरों पर व्यापक कढ़ाई की गई एक पट्टी होती है, जिसे सलीके से सिर पर लपेट कर पहना जाता है। पगड़ी सिर के चारों ओर विभिन्न व विशिष्ट शैलियों में बाँधी जाती है तथा ये शैलियां विभिन्न जातियों और विभिन्न अवसरों के अनुसार अलग-अलग होती है। रियासती समय में,पगड़ी को उसे पहनने वाले की प्रतिष्ठा (आन) के रूप में माना जाता था। कवि भरत व्यास भी कहते है कि –
जब तक मरू की संतान रहे, इस पगड़ी का सम्मान रहे।
मरूधर के बच्चे – बच्चे को अपनी पगड़ी पर नाज रहे।।
यही पगड़ी वही पुरानी है, सब ही चीर पहचानी है ।
बीते गौरव के गाथा की केवल यही बची निशानी है।।
लूप्त राजस्थानी संस्कृति बचाने का एक अथक प्रयास
इसी ऐतिहासिक परम्परा को आगे बढ़ाने का जिम्मा ऊठाया है बीकानेर के कलाकार पवन व्यास ने, व्यास पहले भी अंगुलीयों पर सबसे छोटी राजस्थानी पाग – पगड़ीयां बांध कर विश्व में बीकानेर – राजस्थान का नाम रोशन कर चुके है।
बीकानेर@ भारत सरकार ने ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से वित्तीय वर्ष 2019- 20 ग्रेडिंग प्रक्रिया मे एसबीआई आरसेंटी बीकानेर का ग्रेडिंग प्रक्रिया में सर्वोच्च और रेटिंग का सम्मान दिया गया है ही सम्मान मंगलवार को आरसीटी के राज्य निदेशक प्रेम एन उमरारिया भोपाल मध्य प्रदेश की ओर से जिला मुख्यालय पर संचालित ग्रामीण स्वरोजगार एवं प्रशिक्षण केंद्र में प्रदान किया गया एस बी आई आरसे टी गत 7 वर्षों से इसी प्रकार की ग्रेडिंग में AA रेटिंग का सम्मान प्राप्त कर गौरवान्वित होता रहा है इस मौके पर राज्य निदेशक प्रेम एन ने आर से टी संस्थान में चल रहे सॉफ्ट टॉय मेकिंग प्रशिक्षण
कार्यक्रम के प्रशिक्षणार्थियों से रूबरू होकर प्रशिक्षण गुणवत्ता को परखा एवं संस्था की ओर से प्रशिक्षणार्थियों जारी निशुल्क सेवा और सुविधाओं के बारे में जानकारी प्राप्त कर सेवाओं को सराहना की इस मौके पर राज्य निदेशक प्रेम एन उमरारिया व संस्था के निदेशक लालचंद वर्मा की ओर से सभी प्रशिक्षणार्थियों को सम्बोधित किया श्री वर्मा ने कहा कि संस्थान ग्रामीण क्षेत्र बेरोजगार युवक-युवतियों के उत्थान के मार्गदर्शन एवं स्वरोजगार के लिए हमेशा वचनबद्ध है इस कार्यक्रम के अवसर पर बैंक के मुख्य प्रबंधक जिला अग्रणी बैंक श्री सुरेश कुमार नाबार्ड से पधारे श्री रमेश ताम्बिया इत्यादि उपस्थित थे
बीकानेर। अभियांत्रिकी महाविद्यालय बीकानेर की सहायक आचार्य इंदु भूरिया मेघवाल को मोदी तकनीकी विश्वविद्यालय लक्ष्मणगढ़ ने पीएचडी की उपाधि प्रदान की है। उन्होंने डॉ. राजीव पौरुष और डॉ. देवाराम गोदारा के संयुक्त निर्देशन में “एटिनयुषन स्टडी ऑफ मिलीमीटर वेव प्रोपेगेशन थ्रू फोलिएज इन डेजर्ट” विषय पर शोध कार्य पूर्ण किया। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ जयप्रकाश भामू ने इस उपलब्धि पर बधाई दी।
शोध कार्य की उपयोगिता
शोध कार्य में मिलीमीटर तरंगों की उपयोगिता की संभावना प्रस्तुत की गई है। इस शोध कार्य में राजस्थान के पश्चिमी हिस्से में 5जी तकनीक की स्थापना हेतु महत्वपूर्ण बिंदु एवं पहलुओं पर प्रकाश डाला गया है। शोध कार्यों द्वारा प्रस्तुत नतीजों का भारतीय सेना के लिए मिलीमीटर तरंगों पर आधारित राडार के कार्यान्यन में मुख्य भूमिका रहेगी।