तीन माह से राशन सामग्री का वितरण नहीं, ग्रामीण बैठे भूख हड़ताल पर
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बीकानेर@ बीकानेर जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष द्वारका प्रसाद पचीसिया, बीकानेर व्यापार उद्योग मंडल के सचिव वीरेंद्र किराडू ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व स्वायत शासन मंत्री शान्ति धारीवाल को पत्र लिखकर फायर सेस टेक्स हटाने की मांग की। पत्र में बताया गया कि राज्य सरकार की और से जनवरी से फायर सेस के नाम से नया कर सभी औद्योगिक व वाणिज्यिक भवनों पर लगाया गया है। यह कर 15 मीटर की ऊंचाई तक के भवनों पर 50 रूपये प्रति वर्गमीटर व 15 मीटर से 40 मीटर तक 100 रूपये प्रति वर्गमीटर, 40 से 60 मीटर ऊंची बिल्डिंग पर 150 रूपये प्रति मीटर व 60 मीटर से ऊंची बिल्डिंग पर 200 रूपये प्रति वर्गमीटर है । इन दरों से गणना करने पर प्रत्येक औद्योगिक भवन पर लाखों रूपये फायर सेस व फायर अनापत्ति प्रमाण पत्र के बनेंगे और साथ ही एक ही मद में दोहरा कर लिया जा रहा है।वर्तमान में जहां एक और सभी औद्योगिक व व्यापारिक प्रतिष्ठान कोरोना महामारी के कारण आर्थिक हानि से जूझ रहे हैं ऐसे में एक और नया कर उसी मद में लगाना उचित नहीं है । ऐसे में राज्य सरकार को औद्योगिक व व्यापारिक हितों को ध्यान में रखते हुए यह कर तुरंत प्रभाव से वापस लेकर उद्योग एवं व्यापार को राहत प्रदान की जानी चाहिए।
बीकानेर, 4 जनवरी। जिले में कुछ स्थानों पर मृत पक्षियों के सूचना के बाद बर्ड फ्लू की आशंका को ध्यान में रखते हुए जिला कलेक्टर नमित मेहता ने संबंधित विभागों को समन्वय करते हुए ऐसी किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
जिला कलेक्टर नमित मेहता ने इस संबंध में सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक आयोजित कर ये निर्देश दिए। मेहता ने कहा कि ऐसी सूचना पर ऐसे स्थानों की पहचान करने के साथ-साथ मरे हुए पक्षियों की सैम्पलिंग व उचित निस्तारण के लिए वन, पशुपालन विभाग के साथ-साथ पंचायती राज और चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग उचित समन्वय करते हुए सुनिश्चित करें कि बर्ड फ्लू का संक्रमण मनुष्य तक ना पहुंचे। मेहता ने कहा कि ऐसी सूचना के बाद सैंपलिंग की व्यवस्था करने और मृत शरीर के उचित प्रक्रिया की अनुपालना करवाते हुए निस्तारण होना सुनिश्चित हो।
पक्षियों की अप्राकृतिक मौत की सूचना देने के लिए तीन कन्ट्रोल रूम हुए स्थापित-जिला कलेक्टर ने बताया कि जिले में पक्षियों (कौआ) की अप्राकृतिक मृत्यु के मद्देनजर 3 कन्ट्रोल रूम स्थापित कर सतर्कता बरती जा रही है। इन कन्ट्रोल रूम में कोई भी व्यक्ति पक्षियों की अप्राकृतिक मृत्यु की सूचना दे सकता है। इसमें कलक्टर कार्यालय में स्थापित कन्ट्रोल रूम 0151-2226031, पशुपालन विभाग के 0151-2226601 तथा मोबाइल नम्बर 7597419081 है और वन विभाग के 0151-2527901 एवं मोबाईल नम्बर 8955045161 शामिल है।
जिला कलेक्टर में विकास अधिकारियों को सभी ग्राम विकास अधिकारियों को ऐसे किसी भी सूचना मिलने पर कार्रवाई करने में सहयोग करने के लिए पाबंद करने के निर्देश दिए।यदि कोई सैंपल पॉजिटिव पाया जाता है तो यह सुनिश्चित किया जाए कि ऐसे क्षेत्र को सील करें और कोई भी व्यक्ति उस क्षेत्र के संपर्क में ना आए। जिला कलेक्टर ने इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिए कि क्षेत्र में बर्ड फ्लू की संभावना पाए जाने पर क्षेत्र के लोगों के साथ सावधानी उपाय अपनाने के लिए प्रेरित करें। इस कार्य में पीएचसी पर तैनात एएनएम, चिकित्सक को प्रोएक्टिव करें। जिला कलेक्टर ने बताया कि ऐसी सूचना के लिए ब्लॉक लेवल पर भी कंट्रोल रूम में सूचना दी जा सकती है। श्री डूंगरगढ़ व नापासर में मृत पक्षी मिलने की सूचना का विश्लेषण किया जा रहा है।
पीपीई किट की व्यवस्था रहे
मेहता ने कहा कि सैंपल लेने वाले कर्मचारी अनिवार्य रूप से पीपीई किट पहनें। निस्तारण् प्रक्रिया में नियोजित कर्मचारियों के भी पीपीई किट, दास्ताने सेनेटाइजर का उपयोग सुनिश्चित हो। इसके लिए सम्बंधित विभाग पीएचसी स्तर पर भी सम्पर्क कर सकता है। मेहता ने कहा भी कहा कि किसी भी स्थान पर 10 से 20 पक्षी एक साथ अचानक मरने की सूचना मिले तो तुरंत कार्रवाई की जाए।
जिला कलेक्टर ने बताया कि लूणकरणसर श्री डूंगरगढ़ और नापासर में पक्षी मिलने की सूचना के बाद सैंपलिंग की गई है। संबंधित विभाग द्वारा आसपास के क्षेत्र पर नजर रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा कोई केस आता है तो समय रहते एडवाइजरी करवा दी जाएगी।
एक वर्ष से पुराने प्रकरण पर नोटिस जारी
इससे पूर्व जिला कलेक्टर ने संपर्क पोर्टल पर निस्तारित प्रकरणों की समीक्षा करते हुए कहा कि ऐसे समस्त विभाग जहां 1 वर्ष से अधिक के प्रकरण बकाया है उन अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाए। जिला कलेक्टर ने कहा कि सीएमओ, विभिन्न आयोगों से प्राप्त प्रकरणों को प्राथमिकता से निस्तारित कर इसके अनुपालना रिपोर्ट भेजें। मेहता ने कहा कि हर माह दो बार विभिन्न पंचायत समितियों की ग्राम पंचायतों का भ्रमण करेंगे और प्राप्त होने वाले प्रकरणों की निस्तारण की रिपोर्ट 1 सप्ताह में आवश्यक रूप से भेजी जाए।
बिना सूचित किए छुट्टी पर ना जाएं डीएलओ
मेहता ने कहा कि कोई भी जिला स्तरीय अधिकारी कलेक्ट्रेट कार्यालय को बिना सूचना दिए अवकाश पर नहीं जाएगा। बिना सूचना के अवकाश पर पाए जाने की स्थिति में संबंधित के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। पानी बिजली सड़क सहित विभिन्न विभागों की योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की और आवश्यक दिशा निर्देश दिए। जिला कलेक्टर प्रशासन ए एच गौरी सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
बीकानेर, 1 जनवरी। विद्युत उपकरणों के रखरखाव हेतु शनिवार को दोपहर 1.30 बजे से 4.30 बजे तक म्यूजियम सर्किल, जयपुर रोड, कोठी न. 30 सादुल गंज, विद्युत काॅलोनी, वाटर वक्र्स, जे.एन.वी. काॅलोनी सेक्टर 1,2,3,4, अम्बेडकर काॅलोनी, गांधी काॅलोनी, चाण्क्या नगर, पटेल नगर, महिला थाना, मरूधर काॅलोनी, पवनपूरी, वल्लभ गार्डन सुदर्शना नगर, करनी नगर, सेक्टर-6,7 पीबीएम हास्पिटल, मेंिडकल काॅलेज, आखों का अस्पताल अम्बेडकर काॅलोनी, एक्स रे गली, मारवाड हास्पिटल डी आर एम आॅफिस, मार्डन मार्केट, रेल्वे क्वार्टर, ट्रेफिक थाना पटेल नगर, पंचशती सर्किल, मंजू काॅलोनी, कलेक्ट्रेट, कचेरी, धोबी धोरा, पब्लिक पार्क एरिया, तुलसी सर्किल, सर्किट हाउस तीर्थंभ, मेंहरों का बास, कोरियों का मौहल्ला, अग्रवाल स्कूल, आकाशवाणी, सरकारी प्रेस रोड, पुराना फोर्ट स्कूल, गंगा गार्डन फलेम गैस,, हरीजन बस्ती, राजपूत हाॅस्टल, बीएसएनएल आॅफिस, सदर थाना, माजिसा बास, नवल सागर आरसीपी काॅलोनी बीछवाल गांव, आरटीओ आॅफिस, बीकानेर जेल, रिको काॅलोनी, लालगढ पैलेस, करनी सिंह स्टेडियम, सेक्टर सी(समतानगर) समता नगर, करनी नगर करनी नगर गोधी नगर, दरदर्शन कैलाश पुरी काॅलोनी, इन्द्र प्रस्थ काॅलोनी, रामक्ष्ण आश्रम, करनी पैलेस, लालगढ टृयूबवैल,एफसीआई गोदाम, इन्द्रा काॅलोनी एफसीआई गोदाम, भूटृटों का कुआं, उरमूल सर्किल, चूना भटटा, शिव मंदिर के पीछे, नैनों का मस्जिद भूटटों का चैक, लाल क्वाटर, राजस्थान पत्रिका के पीछे, कसाईयों का मौहल्ला, सुभाषपुरा शर्मा काॅलोनी, बंगाली मंदिर, सोनारों की बगीची, धोबी तलाई, दम्माणी क्वाटर रेेल्वे वाशिंग लाईन, पट्टी पेडा वेटेनरी हास्पिटल, बांद्रा बास, हरिजन बस्ती, छीपों का मौहल्ला भगवानपुरा, कायान नगर, जसनाथ चैक, पूनिया चैक, खजांची भवन, चैपडा कटला, राजगढ फोरटिज हास्पिटल, उदासर गांव, पेमासर गांव, विराट नगर, व्न्दावन एनक्लेव, जयपूर रोड, हिममतसर एगी्रक्लचर हिम्मतसर गांव रायसर एग्रीक्लचर रायसर गाव मेघवालों का मौहल्ला, नैनों का बास, रिडमलसर गांव जोधपुर बाई पास, आजाद नगर, रानीसर बास, विवेक नगर, पंजाब गिरान मौहल्ला, पुलिस लाईन रोड, गिन्नाणी एरिया, चैंखूटी, कमला काॅलोनी, सांसी मौहल्ला, विनोवा बस्ती, कुचीलपूरा, फड बाजार, मेन रोड, रोशनी घर चैराहा, भागवानों का मौहल्ला, गिरिषियों का मौहल्ला, रोशनी का चैराहा, हरिजन बस्ती, दैनिक भास्कर, अगुना चैक, जेएनवी काॅलोनी पुलिस स्टेशन, तिलक नगर, वैशाली पूरम, बीबीएस स्कूल, सोफया स्कूल, जयपूर रोड, मण्डा काॅलोनी, राज नगर, देव नगर एलआईसी आॅफिस, जेएनवी सेक्टर 6,7,8 हाॅर्स फार्म, केमल फाॅर्म, कीन काॅलेज, वसुन्धरा काूलोनी, शिव बाडी का चैराहा, शिव काॅलोनी अम्बेडकर काॅलोनी, हरिजन बस्ती, शिव बाडी गांव, हरिजन बस्ती भेरूजी की गली, केईएम रोड, बोथरा काम्पलेक्स रतन बिहारी पार्क, कोटगेट, चैतीना मौहल्ला, उदयरामसर गांव, उदयरामसर रेल्वे स्टेशन,उदयरामसर एग्रीक्लचर आदि क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी।
कड़कड़ाती ठंड में भी ग्रामीण इलाकों में नागरिक पेयजल आपूर्ति के संकट से त्रस्त है और कहीं सुनवाई नहीं होने से आहत है। श्रीडूंगरगढ़ उपखंड से मात्र 21 किलोमीटर दूरी पर स्थित गांव रिड़ी के लिए अधिकारियों ने जवाब दिया गांव है कहां? इसे खासे नाराज युवा गांव में पानी की टंकी पर चढ़ गए है और टंकी के नीचे ग्रामीण लगातार जमा हो रहे है। गांव रिड़ी में ये युवा गांव पेयजल आपूर्ति के लिए गांव के आक्रोशित है और समाधान नहीं किए जाने तक नहीं उतरने की बात कह रहे है। गांव के युवा तुलछीराम जाखड़, पुरनाथ सिद्ध, ओमप्रकाश जाखड़, नंदराम, बलराम, करणाराम, आरएलपी रिड़ी अध्यक्ष मनोज टंकी पर चढें है व पानी की व्यवस्था नहीं होने तक नहीं उतरने की घोषणा की है। सभी युवाओं ने टाइम्स को बताया कि गांव में एक माह से पानी नहीं आ रहा है और आर्थिक मंदी के इस दौर में परिवार के लिए पानी की व्यवस्था करें या राशन लेकर आएं। ये युवा निजी काम धंधे से जुड़ें है और सात सौ रूपए में टैंकर से पानी खरीद खरीद कर परेशान हो गए है। आरएलपी से जुड़े मनोज ने बताया कि प्रशासन को बार बार सूचना करने पर भी सुनवाई नहीं हो रही है और गांव में 6 में से मात्र 2 ट्यूबवैल चालू अवस्था में है जिससे कई इलाके बिना पानी बैठे है। गांव में आवारा पशु पानी को तरस है और ग्रामीण पानी के लिए हैरान हो गए है। टंकी के नीचे ग्रामीण पहुंच रहें है और उपस्थित ग्रामीणों ने तुरंत समाधान की मांग की है। इन युवाओं ने इस जनसमस्या का समाधान नहीं किए जाने तक या कोई अनहोनी होने पर प्रशासन को जिम्मेदार ठहराने की बात कहते हुए नीचे नहीं उतरने का ऐलान किया है।
जयपुर: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को पत्र लिखकर राष्ट्रीयकृत, वाणिज्यिक और भूमि विकास बैंकों से किसानों के बकाया ऋणों (Farmer Loan) को माफ करने की मांग की है. सीएम ने पत्र में लिखा है कि पिछले दिनों एक आरटीआई के जवाब से पता चला है कि मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में कुल 7.95 लाख करोड़ रुपये के उद्योगपतियों के कर्ज राइट ऑफ हुए हैं, लेकिन मोदी सरकार ने किसानों के लिये कोई कर्जमाफी नहीं की है. 2018 में कांग्रेस सरकार बनने के बाद राजस्थान में 20 लाख 56 हजार से ज्यादा किसानों के कर्ज माफ किए हैं.
राज्य सरकार ने कुल 14 हजार करोड़ माफ किया है जिसमें 6000 हजार करोड़ बीजेपी सरकार द्वारा घोषित कर्जमाफी के भी शामिल हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मुझे प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर राजस्थान के किसानों की कर्जमाफी के बारे में पुन: ध्यान दिलाना पड़ा क्योंकि 18 दिसंबर को पीएम ने बीजेपी की ओर से आयोजित मध्य प्रदेश के किसान सम्मेलन में कहा कि राजस्थान में किसान कर्जमाफी का इंतजार कर रहे हैं। जबकि ऐसा नहीं है, वास्तविकता दुसरी है. कोई भी किसान ऐसा नहीं है जो राजस्थान सरकार के अधीन आने बाले सहकारी बैंकों से कर्जमाफी का इंतजार कर रहा हो. कर्जमाफी का इंतजार बही बचे हुये किसान कर रहे हैं. जिन्होंने केंद्र सरकार के अधीन राष्ट्रीयकृत एवं वाणिज्यिक बैंकों से कर्ज लिया और केंद्र सरकार ने उनके कर्ज माफ नहीं किये हैं.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मैं याद दिलाना चाहूंगा कि यूपीए सरकार ने राष्ट्रीयकृत और वाणिज्यिक बैंकों से देशभर के किसानों के 72 हजार करोड़ रुपये के कर्ज माफ किये थे NDA सरकार आगे आकर इस तरह किसानों की कर्जमाफी क्यों नहीं करती? यह भी विडंबना है कि एक तरफ तो बीजेपी के नेता भ्रम फैलाकर राजस्थान के किसानों को भड़का रहे हैं और दूसरी ओर जो किसान एक महीने से धरने पर बैठे हुये हैं उनसे अभी तक कोई सकारात्मक संवाद नहीं हुआ है. मीडिया के मुताबिक 40 से अधिक किसानों की मौत हो गई है. अगर केंद्र सरकार ये बिल लाने से पहले किसान संगठनों, कृषि विशेषज्ञों और राजनीतिक दलों से संवाद स्थापित करती तो इस तरह की परिस्थितियां पैदा नहीं होती. किसानों की समस्याओं का समाधान ना करने के कारण उनके दिल-दिमाग में सरकार के प्रति भंयकर आक्रोश है.
बीकानेर@ जिला परिवहन कार्यालय बीकानेर में दो दिन के अवकाश के बाद जब आज ऑफिस खुला तो सुबह से ही सर्वर डाउन होने से इंटरनेट की चाल धीमी रही और दोपहर तक तो बिल्कुल ही बन्द हो गया। जिससे लाइसेंस शाखा का काम बिल्कुल ठप्प सा रहा और सुबह से शाम तक लम्बी दूरी तय करके आये महिलाएं, पुरूष, युवक सभी लंबी-लंबी कतारों में खड़े रहे रहे व इंतजार करते रहे कि !इंटरनेट चले और हमारा लाइसेंस बने। अधिकारियों को मालूम होने पर भी डोंगल से इंटरनेट चलाने की कोई वैकल्पिक व्यवस्था नही करते। इस संदर्भ में आरटीआई एशोसिएशन के जिला अध्यक्ष एडवोकेट हनुमान प्रसाद शर्मा ने बताया कि बार-बार इंटरनेट ठप्प होने की पूर्व में कई शिकायतें की जा चुकी हैं,विभाग केवल बीएसएनल इंटरनेट सेवा पर निर्भर रहता हैं। जनहित में कोई वैकल्पिक व्यवस्था नही करता। रविवार को मुख्यालय से आये अपर परिवहन आयुक्त भी छुटी के दिन ऑफिस का निरीक्षण करके लीपा-पोती करके चले गए एडवोकेट शर्मा ने मुख्यमंत्री,परिवहन मंन्त्री एवं परिवहन प्रमुख शासन सचिव को पत्र लिखकर इंटरनेट सेवा को दुरुस्त करवाने के लिये लिखा।