Wednesday, August 11, 2021

ओबीसी आरक्षण बिल लोकसभा के बाद आज राज्यसभा से भी पास, राज्य तैयार कर सकेंगे जातियों की सूची

बीकानेर बुलेटिन




लोकसभा से पारित होने के बाद ओबीसी आरक्षण संशोधन विधेयक आज राज्यसभा से भी पास हो गया. राज्यसभा में मानसून सत्र का ये पहला दिन है जब किसी बिल पर इतनी लम्बी चर्चा हुई हो. इस बिल पर चर्चा के दौरान लगभग सभी दलों ने एक स्वर से बिल का समर्थन किया.  


सभी राज्यों में 50 फीसदी आरक्षण की सीमा पहले ही भर चुकी है- सिंधवी


राज्यसभा में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री विरेंद्र कुमार के प्रस्ताव के साथ ओबीसी बिल पर चर्चा शुरू हुई. इसके तुरंत बाद कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने बिल का समर्थन करते हुए भी इस बिल को अर्थहीन बताया. अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि ओबीसी बिल के माध्यम से सरकार राज्यों को एक काग़ज़ी दस्तावेज भर थमा रही है. ये अर्थहीन है क्योंकि देश के 80 फीसदी राज्यों में आरक्षण की सीमा पहले ही 50 फीसदी को पार कर चुकी है. अब राज्य ओबीसी की नई सूची बना कर करेगी क्या. ये एक ऐसा बर्तन है जो ख़ाली है. नागालैंड मिज़ोरम में 80 फीसदी, महाराष्ट्र में 65 फीसदी इसी तरह अन्य राज्यों में भी है आरक्षण.   


बीजेपी ने मंडल आयोग लागू करने में क्रेडिट लेने के लिए दी ये दलील


बिहार के बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा मैं समविधान संशोधन विधेयक के समर्थन में खड़ा हुआ हूं. पिछड़ों को सम्मान सिर्फ़ उन सरकारों से मिला जिनमें जनसंघ और बीजेपी शामिल थीं. वीपी सिंह की उस सरकार में जनसंघ के लोग शामिल थे जिसने मंडल आयोग लागू किया. मोदी सरकार ने प्रोफ़ेसर और असिस्टेंट प्रोफ़ेसर के मामले में डिपार्टमेंट की जगह विश्विद्यालय को यूनिट माना. संसद के सेंट्रल हाल में अम्बेडकर का चित्र हमनें लगाया. अम्बेडकर को भारत रत्न उनके मरने के 34 साल बाद हमारे सहयोग से दिया गया. सुशील मोदी ने आरएसएस के दत्ता त्रेय होसबोले के बयान को सदन में कोट किया कि आरक्षण तब तक रहेगा जब तक समाज में उसकी ज़रूरत रहेगी. सुशील मोदी ने कहा कि 2024 में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही बनेंगे क्योंकि सबका साथ सबका विकास वही करेंगे और कोई नहीं करेगा. 


आप सांसद ने बिल के बहाने यूपी सरकार को घेरा 


आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि बिल का समर्थन करता हूं. ये वही बीजेपी है जिसके मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के राज में पिछड़ों की 18 हज़ार नौकरी खा ली. मंडल पे कितना बड़ा झूठ बोला सदन में इन्होंने. मंडल के समय तो ये कमंडल ले के निकल गए थे. मंदिर में चंदा चोरी करते हैं. यूपी में दलितों का जो हाल योगी सरकार ने कर रखा है उसके चलते यूपी में हाथरस कांड होता है, बलिया में जय प्रकाश पाल की एसडीएम के सामने हत्या कर दी गई. इनके राज में दलितों को मूँछ रखने पर मार दिया जाता है.  आरक्षण की 50 फीसदी की सीमा बढ़ाने का भी बिल लाइए वरना ये ओबीसी बिल सिर्फ़ दिखावा है. मैंने चंदा चोरी का मामला उठाया तो मुझ पर 15 मुक़दमे कर दिए गए.  मुझे गैंगेस्टर बनाना चाहते हैं.  किसानों की आवाज़ नहीं सुनी जा रही.   


वामपंथी पार्टियों ने भी किया बिल का समर्थन


केरल से सीपीआई सांसद बिनॉय विश्वम ने कहा कि मैं इस बिल का समर्थन करता हूं. ये अत्यावश्यक बिल है.  वीपी सिंह की सरकार को गिराने का काम इसी बीजेपी के लोगों ने किया था और आज यहां सुशील मोदी वीपी सिंह के हवाले से मंडल में क्रेडिट लेना चाहते हैं. बीजेपी को सिर्फ़ झूठ बोलना आता है. ये तो मंडल के ख़िलाफ़ कमंडल ले कर आ गए थे. इन्होंने हिन्दू समाज को बांटने का काम किया है. और अब जनता को धोखा दे रहे हैं.  मोदी सरकार दलितों की किलिंग कर रही है. मैं बिल का सपोर्ट और सरकार की राजनीति का विरोध करता हूं.


50 फीसदी की सीमा बढ़ाने का बिल भी लाए सरकार-कांग्रेस


कांग्रेस सांसद राजमनी पटेल ने कहा कि मध्यप्रदेश से   इस बिल के बारे में यही कह सकते हैं कि - लाशें वही है लेकिन कफ़न बदला है. ये बिल सरकार की गलती का सुधार मात्र है. 52 फ़ीसदी ओबीसी है इस देश में. ओबीसी के प्रति सरकार की नीयत ठीक नहीं है. ये तो मंडल का विरोध कर रहे थे कमंडल के कर. मध्य प्रदेश में कहीं भी ओबीसी के 27 फीसदी आरक्षण का पालन नहीं हो रहा. कुल 74फीसदी आरक्षण है मध्य प्रदेश में. लेकिन 50 फीसदी की सीमा सुप्रीम कोर्ट की ओर से होने के कारण इसका पालन नहीं हो रहा. इसलिए ये सीमा बढ़ाई जानी चाहिए.  जाति जनगणना होनी चाहिए. तभी शासन की नीतियों का फ़ायदा ओबीसी को मिल सकती है. क्रीमी लेयर को समाप्त करना चाहिए.   


'बिल के बहाने दलितों का सगा बनने की होड़'


बीजेपी सांसद हरनाथ सिंह यादव ने कहा कि बिल के समर्थन में खड़ा हुआ हूं. कांग्रेस ने हमेशा वंचितों का नुक़सान किया लेकिन मुलायम सिंह यादव ने भी पिछड़ा आयोग को कभी संवैधानिक दर्जा दिलाने की कोशिश नहीं की.  कांग्रेस ने किसान के बेटे पटेल को प्रधानमंत्री नहीं बनने दिया. जगजीवन राम को अपमानित किया. वहीं मल्लिकार्जुन खड़गे सहित कांग्रेस सांसदों ने बीजेपी पर मंडल के ख़िलाफ़ कमंडल ले कर आ जाने का इतिहास याद दिलाया. 


सामाजिक न्याय मंत्री का सदन में जवाब 


सामाजिक न्याय मंत्री वीरेंद्र कुमार ने ओबीसी बिल पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए एक महत्वपूर्ण बात ये कही कि आरक्षण की 50 फीसदी सीमा को बढ़ाने पर चर्चा होनी चाहिए क्योंकि इस नियम को 30 साल पहले लागू किया गया था और अब परिस्थितियां बदल चुकी. ये कह कर दरअसल सरकार ने विपक्ष की ही मांग को समर्थन देने की ओर इशारा किया. कांग्रेस समेत सभी विपक्षी पार्टियों ने बिल पर चर्चा के दौरान ये कहा था कि आरक्षण की सीमा बढ़ाए बिना ओबीसी बिल का कोई सार्थक उपयोग नहीं हो पाएगा.


वीरेंद्र कुमार ने अपने जवाब में कहा कि जवाब मुझे बहुत खुशी है कि पूरा सदन समर्थन में है. हमारी सरकार सामाजिक न्याय के लिए प्रतिबद्ध है. हमारी सरकार द्वारा ओबीसी वर्ग के लिए जो कदम उठाए गए वो इसको दर्शाता है. राज्य सरकार द्वारा मराठा आरक्षण में ये फ़ैसला आया है, उच्च न्यायालय ने संविधान 102 को बरकरार रखते हुए कहा है कि यह संशोधन संविधान के बुनियादी ढांचे को चोट नहीं पहुंचा सकता और कहा की राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग के हिसाब से ओबीसी कमिशन तय करेगा और राज सरकार को वंचित कर दिया.




Source:Ani,Abp



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Tuesday, August 10, 2021

सुप्रीम कोर्ट के अहम निर्देश: सांसदों-विधायकों के खिलाफ मामला हाईकोर्ट की मंजूरी के बगैर वापस नहीं होगा

बीकानेर बुलेटिन



सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को राजनीतिक पार्टियों के उम्मीदवारों के अपराधीकरण से जुड़े एक मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। इसके तहत अब सभी राजनीतिक पार्टियों को उम्मीदवारों के एलान के 48 घंटे के भीतर मुकदमों की जानकारी जारी करनी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि सांसदों और विधायकों के खिलाफ कोई आपराधिक मामला संबंधित हाईकोर्ट की मंजूरी के बगैर वापस नहीं लिया जा सकता है। शीर्ष अदालत के इस फैसले का उद्देश्य राजनीति में अपराधीकरण को कम करना है। जस्टिस आरएफ नरीमन और बीआर गवई की पीठ ने इस संबंध में अपने 13 फरवरी, 2020 के फैसले में निर्देश को संशोधित किया है। बता दें कि पीठ बिहार विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों के आपराधिक इतिहास को प्रकाशित करने में विफलता का आरोप लगाते हुए दायर अवमानना याचिकाओं में अपना फैसला सुना रही थी।

गौरतलब है कि फरवरी 2020 के फैसले के पैरा 4.4 में, सुप्रीम कोर्ट ने सभी राजनीतिक पार्टियों को आदेश दिया था कि उम्मीदवारों के चयन के 48 घंटों के भीतर या नामांकन दाखिल करने की पहली तारीख से कम से कम दो सप्ताह पहले उनका विवरण प्रकाशित करना होगा। लेकिन आज के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि राजनीतिक पार्टियों को उम्मीदवारों के एलान के 48 घंटे के भीतर मुकदमों की जानकारी देनी होगी।

चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से की सख्त कदम उठाने की मांग
सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से अपील करते हुए कहा कि उम्मीदवारों के आपराधिक इतिहास का खुलासा नहीं करने वाली पार्टियों के चुनाव चिन्ह को फ्रीज या निलंबित रखा जाए। आयोग ने यह सुझाव सुप्रीम कोर्ट के पुराने आदेश का उल्लंघन के मामले में दिया है।

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Friday, June 18, 2021

कोरोना फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए ‘क्रैश कोर्स प्रोग्राम’ की शुरूआत, खत्म नहीं हुआ कोरोना, रुप बदल रहा है-पीएम मोदी

बीकानेर बुलेटिन





प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोविड-19 फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ कर दिया है. इस शुभारंभ के साथ 26 राज्यों के 111 प्रशिक्षण केन्द्रों में इस कार्यक्रम की शुरूआत हो गई है. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना से लड़ रही वर्तमान फोर्स को सपोर्ट करने के लिए देश में करीब 1 लाख युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है. ये कोर्स 2-3 महीने में ही पूरा हो जाएगा, इसलिए ये लोग तुरंत काम के लिए उपलब्ध भी हो जाएंगे.


सावधानी के साथ आने वाली चुनौतियों से निपटना होगा- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा, ‘’ये वायरस हमारे बीच अभी भी है और इसके मयूटेट होने की संभावना भी बनी हुई है. इसलिए हर इलाज और सावधानी के साथ आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए हमें देश की तैयारियों को बढ़ाना होगा. इसी लक्ष्य के साथ देश में एक लाख फ्रंटलाइन कोरोना वॉरियर तैयार करने का महाअभियान शुरू हो रहा है.’’ उन्होंने कहा, ‘’इस अभियान से कोविड से लड़ रही हमारी हेल्थ सेक्टर की फ्रंटलाइन फोर्स को नई ऊर्जा भी मिलेगी और हमारे युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी बनेंगे.’’


पीएम मोदी ने कहा, ‘’कोरोना की दूसरी लहर में हम लोगों ने देखा कि इस वायरस का बार बार बदलता स्वरूप किस तरह की चुनौतियां हमारे सामने ला सकता है. ये वायरस हमारे बीच अभी भी है और इसके म्यूटेड होने की संभावना भी बनी हुई है. इस महामारी ने दुनिया के हर देश, हर संस्था, हर समाज, हर परिवार, हर इंसान के सामर्थ्य को बार-बार परखा है. वहीं इस महामारी ने साइंस, सरकार, समाज, संस्था और व्यक्ति के रूप में हमें अपनी क्षमताओं का विस्तार करने के लिए सतर्क भी किया है.’’


पीएम मोदी ने आगे कहा, ‘’कोरोना से लड़ रही वर्तमान फोर्स को सपोर्ट करने के लिए देश में करीब 1 लाख युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है. ये कोर्स 2-3 महीने में ही पूरा हो जाएगा, इसलिए ये लोग तुरंत काम के लिए उपलब्ध भी हो जाएंगे. इस अभियान से कोविड से लड़ रही हमारी हेल्थ सेक्टर की फ्रंट लाइन फोर्स को नई ऊर्जा भी मिलेगी और हमारे युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी बनेंगे.’’


2 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा भी मिलेगा- मोदी


मोदी ने कहा, ‘’बीते 7 साल में देश में नए एम्स, नए मेडिकल कॉलेज, नए नर्सिंग कॉलेज के निर्माण पर बल दिया गया है. इनमें से कई ने काम करना भी शुरु कर दिया है. मेडिकल शिक्षा और इससे जुड़े संस्थानों में रिफॉर्म को भी सपोर्ट किया जा रहा है. फ्रंटलाइन वर्कर्स के विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत, उम्मीदवारों को निःशुल्क ट्रेनिंग, स्किल इंडिया का सर्टिफिकेट, भोजन और आवास सुविधा, काम पर प्रशिक्षण के साथ स्टाइपेंड और प्रमाणित उम्मीदवारों को 2 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा प्राप्त होगा.’’


क्या है प्रोग्राम का उद्देश्य


इस प्रोग्राम का उद्देश्य देशभर में एक लाख से अधिक कोविड योद्धाओं को कौशल से लैस करना और उन्हें कुछ नया सिखाना है. कोविड योद्धाओं को होम केयर सपोर्ट, बेसिक केयर सपोर्ट, एडवांस्ड केयर सपोर्ट, इमरजेंसी केयर सपोर्ट, सैंपल कलेक्शन सपोर्ट और मेडिकल इक्विपमेंट सपोर्ट जैसे छह कार्यों से जुड़ी विशिष्ट भूमिकाओं के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा.


गैर-चिकित्सा स्वास्थ्यकर्मियों को तैयार करेगा प्रोग्राम


इस प्रोग्राम को 276 करोड़ रूपए के कुल वित्तीय परिव्यय के साथ प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 3.0 के केन्द्रीय घटक के तहत एक विशेष कार्यक्रम के रूप में तैयार किया गया है. यह प्रोग्राम स्वास्थ्य के क्षेत्र में श्रमशक्ति की वर्तमान और भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए कुशल गैर-चिकित्सा स्वास्थ्यकर्मियों को तैयार करेगा.

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Thursday, June 10, 2021

कोरोना वैक्सीन पर बाबा रामदेव का 'शीर्षासन', कहा- जल्द लगवाऊंगा टीका

बीकानेर बुलेटिन




योग गुरु बाबा रामदेव कोरोना टीका न लगवाने के अपने रुख से अब पलट गए हैं। योग गुरु का कहना है कि वह कोरोना का टीका लगवाएंगे। इसके साथ ही बीते कई दिनों से एलोपैथी चिकित्सा पद्धति और डॉक्टरों पर निशाना साधने वाले बाबा रामदेव ने कहा कि अच्छे डॉक्टर देवदूत के समान होते हैं। बाबा रामदेव ने खुद टीका लगवाने का ऐलान करने के साथ ही अन्य लोगों से भी वैक्सीन लेने की अपील की है। रामदेव ने कहा कि योग और आयुर्वेद के साथ ही टीका भी लेना जरूरी है। इसके साथ ही रामदेव ने पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से देश के सभी लोगों को मुफ्त वैक्सीन लगाए जाने का ऐलान करने की भी तारीफ की। 

देश में सभी के मुफ्त टीकाकरण अभियान की शुरुआत 21 जून से शुरू हो रही है। इसी दिन अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का भी आयोजन होता है। बाबा रामदेव की ओर से टीका लगवाने और अन्य लोगों से अपील करने की बात उनके पुराने रुख के एकदम विपरीत है। इससे पहले उन्होंने कोरोना टीकों के असरदार होने को लेकर सवाल उठाया था। उन्होंने यहां तक कहा था कि हजारों डॉक्टरों को वैक्सीन लेने के बाद भी कोरोना हो गया और तमाम मर भी गए। हालांकि बाद में पतंजलि की ओर से सफाई में कहा गया था कि बाबा रामदेव ने एक वॉट्सऐप मेसेज पढ़ते हुए यह बात कही थी। यह उनका बयान नहीं था।




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Friday, May 21, 2021

केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने की 9 राज्यों के स्वास्थ्य मंत्री से बैठक, कहा- ब्लैक फंगस ने बढ़ाई चिंता

बीकानेर बुलेटिन





देश में जानलेवा कोरोना वायरस की दूसरी लहर बरकरार है. हालांकि पहले की तुलना में अब नए मामलों में गिरावट दर्ज की जाने लगी है. कोरोना की दूसरी लहर के बीच आज केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने 9 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों से बातचीत की है. बैठक में हर्षवर्धन ने इन राज्यों में कोरोना और ब्लैक फंगस की ताजा स्थिति की जानकारी ली.


ब्लैंक फंगस के बढ़ते मामलों ने बढ़ाई चिंता- डॉ हर्षवर्धन



बैठक में डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि ब्लैंक फंगस के बढ़ते मामलों ने चिंता बढ़ा दी है. अब देश में ब्लैक फंगस की दवा का प्रोडक्शन बढ़ा रहे हैं. हर्षवर्धन ने हर राज्य से ब्लैक फंगस को नोटिफाइड डिजीज की सूची में डालने को कहा है.


बैठक में हर्षवर्धन ने कहा, ''कोरोना वायरस आने वाले समय में बच्चों पर प्रभाव डाल सकता है. लेकिन सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तैयारी तेज कर दी है.''


ब्लैक फंगस की रोकथाम के लिए तीन चीजें बहुत महत्वपूर्ण- डॉ हर्षवर्धन

ब्लैक फंगस को लेकर इससे पहले एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने बताया, ''ब्लैक फंगस की रोकथाम के लिए तीन चीजें बहुत महत्वपूर्ण हैं. पहला शुगर कंट्रोल बहुत अच्छा होना चाहिए, दूसरा हमें स्टेरॉयड कब देने हैं, इसके लिए सावधान रहना चाहिए और तीसरा स्टेरॉयड की हल्की या मध्यम डोज़ देनी चाहिए.''


जल्दी पहचानने से सफल होगा इलाज- नरेश त्रेहन


वहीं, मेदांता अस्पताल के चेयरमैन डॉ.नरेश त्रेहन ने बताया, ''ब्लैक फंगस खासकर मिट्टी में मिलता है, जो लोग स्वस्थ होते हैं उन पर ये हमला नहीं कर सकता है. हम इस बीमारी को जितनी जल्दी पहचानेंगे, इसका इलाज उतना ही सफल होगा.''

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Saturday, April 17, 2021

पीएम मोदी की आला अधिकारियों संग रात 8 बजे बैठक,देश मे कोरोना के हालात,वैक्सीनेशन में लोगों की लापरवाही

बीकानेर बुलेटिन





नई दिल्ली: देश में कोविड-19 की बेकाबू होती दूसरी लहर की समीक्षा के लिए पीएम नरेंद्र मोदी आज रात 8 बजे एक बैठक करेंगे. बैठक में विभिन्न मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे.


बता दें देश में कोरोना के मामले बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं. तीसरे दिन लगातार दो लाख से ज्यादा नए कोरोना केस आए हैं. यही नहीं महामारी शुरू होने से लेकर अबतक पहली बार एक दिन में सबसे ज्यादा संक्रमितों की मौत हुई है.


स्वास्थ्य मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट के अनुसार पिछले 24 घंटों में 234,692 नए कोरोना केस आए हैं और 1341 संक्रमितों की जान चली गई है. हालांकि 1,23,354 लोग कोरोना से ठीक भी हुए हैं. इससे पहले गुरुवार को 217,353 नए केस आए थे. वहीं 15 सितंबर को सबसे ज्यादा 1290 मौत हुई थी.


देश में आज कोरोना की स्थिति-

कुल कोरोना केस- एक करोड़ 45 लाख 26 हजार 609
कुल डिस्चार्ज- एक करोड़ 26 लाख 71 हजार 220
कुल एक्टिव केस- 16 लाख 79 हजार 740
कुल मौत- 1 लाख 75 हजार 649
कुल टीकाकरण- 11 करोड़ 99 लाख 37 हजार 641 डोज दी गई

वैक्सीनेशन के बाद लोगों ने बरती लापरवाही

AIIMS के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया का कहना है कि जनवरी-फरवरी में कोरोना टीकाकरण शुरू होने के बाद लोगों ने कोविड नियमों के पालन में लापरवाही बरती. जिसकी वजह से कोरोना के मामलों में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई.


डॉ. गुलेरिया ने कहा कि कोविड मामलों में वृद्धि के कई कारण हैं लेकिन 2 मुख्य कारण हैं. जब जनवरी-फरवरी में टीकाकरण शुरू हुआ और मामलों में कमी आई तो लोगों ने कोविड नियमों का पालन करना बंद कर दिया और इस समय वायरस उत्परिवर्तित (mutated) हो गया और यह तेजी से फैल गया.


डॉ. गुलेरिया ने कहा कि यह एक ऐसा समय है जब हमारे देश में बहुत सारी धार्मिक गतिविधियां होती हैं और चुनाव भी चल रहे हैं. हमें समझना चाहिए कि जीवन भी महत्वपूर्ण है. हम इसे सीमित तरीके से कर सकते हैं ताकि धार्मिक भावनाएं आहत न हों और कोविड के दिशा निर्देशों का पालन किया जा सके.

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