यूपीआई के जरिए किए जाने वाले लेन-देन पर एक अप्रैल 2023 से लगाए जाने वाले ट्रांजैक्शन चार्ज को लेकर नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने स्पष्टीकरण जारी किया है. एनपीसीआई ने यूपीआई पेमेंट पर चार्ज लगाये जाने की खबरों का खंडन किया है. एनपीसीआई ने कहा बैंक अकाउंट से दूसरे बैंक अकाउंट में यूपीआई के जरिए लेन-देन करने पर कस्टमर्स को कोई शुल्क नहीं देना होगा. अपने बयान में एनपीसीआई ने कहा कि देश में सबसे ज्यादा 99.9 फीसदी यूपीआई ट्रांजैक्शन बैंक अकाउंट के जरिए ही किया जाता है.
एनपीसीआई ने कहा कि यूपीआई पेमेंट किए जाने पर बैंक या कस्टमर किसी को भी कोई चार्ज नहीं देना होगा. साथ ही एक बैंक से दूसरे बैंक में यूपीआई ट्रांजैक्शन किए जाने पर भी कोई शुल्क नहीं देना होगा. एनपीसीआई ने कहा कि रेग्युलेटरी गाइडलाइंस के मुताबिक प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट (PPI Wallets) अब इंटरऑपरेबल यूपीआई इकोसिस्टम का हिस्सा है. इसे देखते हुए एनपीसीआई ने पीपीआई वॉलेट्स को इंटरऑपरेबल यूपीआई इकोसिस्टम का हिस्सा होने की इजाजत दे दी है. इंटरचेंज चार्ज केवल पीपीआई मर्चेंट ट्रांजैक्शन ( Prepaid Payment Instruments Merchant Transactions) पर ही लागू होगा. और कस्टमर को इसके लिए कोई शुल्क नहीं देना पड़ेगा.
एनपीसीआई के सर्कुलर के मुताबिक गूगलपे, पेटीएम, फोनपे या दूसरे ऐप के जरिए किए जाने भुगतान पर 1.1 फीसदी तक इंटरचेंज तार्ज देना होगा. पेटीएम ने भी इसे लेकर सफाई दी है.
एनपीसीआई ने अपने स्पष्टीकरण में कहा कि यूपीआई के जरिए एक बैंक अकाउंट से दूसरे बैंक अकाउंट में पेमेंट किए जाने पर भी कोई शुल्क नहीं देना होगा. साथ कस्टमर के पास ये विकल्प होगा कि वे यूपीआई आधारित ऐप्स पर बैंक अकाउंट, रूपे क्रेडिट कार्ड. प्रीपेड वॉलेट्स का इस्तेमाल कर सकते हैं. यूपीआई के मुताबिक देश में हर महीने 8 बिलियन यूपीआई ट्रांजैक्शन कस्टमर्स और मर्चेंट्स के लिए बिलकुल मुफ्त में प्रोसेस किया जाता है.