बीकानेर। राजस्थान हाउसिंग बोर्ड के प्रोजेक्ट इंजीनियर व सहायक लेखाधिकारी के घर और बैंक से भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को करोड़ों रुपए की सम्पत्ति मिली है। सहायक लेखाधिकारी के घर से जहां करीब दो सौ प्रतिशत ज्यादा संपत्ति मिली है, वहीं प्रोजेक्ट इंजीनियर के घर से 33 प्रतिशत ज्यादा संपत्ति बरामद हुई। वर्ष 2019 में इन दोनों को ब्यूरो ने रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार किया था, जिसके बाद अब आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया जा रहा है।
राजस्थान हाउसिंग बोर्ड के तत्कालीन प्रोजेक्ट इंजीनियर पटेल नगर निवासी राज सिंह के पास 33.23 प्रतिशत अधिक संपत्ति मिली है। वेतन भत्तों से उसकी शुद्ध आय एक करोड़ पांच लख पंद्रह हजार रुपए 191 पाई गई जबकि उसके पास एक करोड़ चालीस लाख 9430 रुपए की संपत्ति मिली है। ऐसे में उसके पास 34 लाख 94 हजार रुपए की आय अधिक पाई गई। घर पर नौ लाख रुपए की ज्वैलरी व बीस लाख रुपए की एफडीआर भी मिली है। विभिन्न बैंकों में खुद, पत्नी और बेटे के खाते में लाखों रुपए जमा है। जयपुर के मानसरोवर में मकान, पत्नीके नाम से दुकान और पीलीबंगा में प्लॉट है।
उधर, हाउसिंग बोर्ड के सहायक लेखाधिकारी नीलकंठ पुरोहित के पास स्वयं और परिवार के सदस्यों के नाम से परिसंपत्तियां और व्यय की रकम के दो करोड़ आठ लाख 46 हजार रुपए मिले हैं। आरोपी व उसके पुत्र को सेवा अवधि में वेतन भत्तों व मकान किराए से सत्तर लाख 71 हजार रुपए की आय हुई। ब्यूरो ने एक करोड़ 37 लाख 75 हजार 473 रुपए आय से अधिक माने हैं। जो 194 प्रतिशत ज्यादा है। मकान से बड़ी संख्या में ज्वैलरी व केश मिला था। साढ़े आठ लाख रुपए की एफडीआर और नत्थूसर में प्लाट और जयपुर के मानसरोवर में फ्लैट है।
मामला दर्ज, जांच शुरू
एसीबी के एएसपी रजनीश पूनिया ने बताया कि दोनों आरोपियों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने आशंका जताई कि जांच के दौरान संपत्तियों का आंकड़ा बढ़ सकता है।
तीन साल पहले हुए थे ट्रेप
हाउसिंग बोर्ड के तत्कालीन उपायुक्त व प्रोजेक्ट इंजीनियर राज सिंह और सहायक लेखाधिकारी नीलकंठ को एसीबी ने दस जुलाई 2019 को ट्रेप किया था। ठेकेदार को भुगतान करने की एवज में राजसिंह ने पचास हजार रुपए और सहायक लेखाधिकारी ने बीस हजार रुपए की रिश्वत ली थी। दोनों को राज सिंह के पटेल नगर स्थित आवास से रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था। अब राज सिंह रिटायर हो चुके हैं जबकि नीलकंठ को विभाग ने बहाल कर दिया।