मौत के बाद भी रहेंगे जिंदा: समाजसेवी श्रीनिवास शर्मा को सलाम, मेडिकल छात्रों के लिए किया देहदान

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बीकानेर बुलेटिन



बीकानेर। रानी बाजार चौपड़ा कटले के पीछे के निवासी श्रीनिवास शर्मा का आज दोपहर निधन हो गया ।  देहदान का संकल्प लेने के कारण उनके पुत्र पायोनियर अशोक कुवेरा ने उनकी देह आज मेडिकल कॉलेज प्राचार्य को सौंपी । शाकद्वीपीय ब्राह्मण बंधु चेरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष आर के शर्मा ने बताया कि ट्रस्ट के संस्थापक ट्रस्टी श्रीनिवास शर्मा ने जीवन पर्यन्त समाज सेवा की वहीं तन, मन व धन से हर संकल्प को पूरा किया । जीवन के अंतिम पड़ाव से पूर्व ही उन्होने अपने देह को भी दान करने का संकल्प लिया जिसका सभी परिजनों ने समर्थन किया ।  मृत्यु भोज को उन्होने कभी प्रोत्साहन नहीं दिया व पत्नी, पुत्रवधू और पुत्री के निधन पर तीसरे दिन ही उठावना कर दिया ।  इसी परिपाटी पर इनके पुत्र ने भी तीसरे दिन 14 दिसम्बर को सांय 5 बजे ही उठावना कर आगे कोई परपंरा का निर्वहन नहीं करने का निर्णय लिया गया ।इस अवसर पर डा. के आर मीणा ने कहा कि ब्रह्मर्षि दघीची ने देवताओं के कहने पर अपनी देहदान की थी जो सबसे महान माना गया लेकिन इस युग में स्वेच्छा से देहदान करने वाला का स्थान सबसे ऊपर है । उन्होने बताया कि एक देह से हजारों चिकित्सकों को अध्ययन में सहयोग मिलता है और उसके बाद भी उनकी हडिडयों व दांतों को भी सहेजा जाता है जो हजारों वर्षो तक आगे आने वाली पीढ़ी के अध्ययन में काम आती है । आज के युग में जहां देहदान में लोग आगे आ रहे है वहीं नये मेडिकल कॉलेज के छात्रों के अध्ययन के लिये देह की आवश्यकता भी बढ़ रही है ।  

इस अवसर पर उनके पौत्र रूचित, कार्तिक, दामाद महेशदास भोजक, मदन लाल सेवग, सत्यदेव शर्मा, देवेन्द्र शर्मा, चन्द्रकांत, निर्मल शर्मा, चन्द्रशेखर शर्मा, विनोद शर्मा, दीपक शांडिल्य, नरोत्तम, रमेश वर्मा, मनीष सूद, चौरूलाल सुथार, डा. ओम कुवेरा, शरद शर्मा, आर के शर्मा, रूपकुमार पुरोहित, नवरतन डोयल, लोकेश, चिन्मय, मनीष सेवग सहित स्नेहीजन साक्षी बने । 

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