अस्थाई पटाखा दुकान की मझधार में फंसे व्यवसायी,ना लाइंसेंस का पता ना स्थान का, एक स्थान पर खतरा भी बढ़ेगा

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बीकानेर बुलेटिन




बीकानेर। (पत्रकार रोशन बाफना की रिपोर्ट) बीकानेर जिले के करीब चार सौ अस्थाई पटाखा दुकानदारों के चूल्हे संकट में है। वजह, स्थाई व अस्थाई दुकानदारों के बीच भेदभावपूर्ण फैसला है। दरअसल, प्रशासन ने हाल ही में अस्थाई दुकानदारों को शहर के किसी दूर स्थित एक मैदान में एक जगह ही दुकानें अलॉट करने का निर्णय लिया। सुरक्षा कारणों के मद्देनजर यह फैसला लिया गया है। मगर दूसरी तरफ शहर की मटका गली, रामपुरिया मार्केट, कोटगेट, रानी बाजार जैसे भीड़भाड़ वाले इलाकों में स्थाई दुकानदारों को अनुमत किया गया है।

अस्थाई दुकानदार इस निर्णय के विरोध में है। कई आधारों पर विरोध किया जा रहा है।‌ इसी समस्या को लेकर अस्थाई दुकानदार आज अतिरिक्त जिला कलेक्टर पंकज शर्मा से भी मिले। इससे पहले वे कलेक्टर से मिले थे। मगर दोनों ही जगह से आशा की कोई किरण नज़र नहीं आई। अब अस्थाई दुकानदारों ने मंगलवार को संभागीय आयुक्त नीरज के पवन से मिलने का निर्णय लिया है।

उल्लेखनीय है कि हर बड़े इलाके में एक दो स्थाई दुकानदार ही हैं। इनमें भी अधिकतर इलाकों में एक एक स्थाई दुकानदार है। दूसरी तरफ आजकल त्योहार की बड़ी खरीददारी दीपावली के दो तीन दिनों में ही होती है। लोग इतने व्यस्त होते हैं कि नजदीकी दुकानदारों से ही खरीददारी कर लेते हैं। ऐसे में किसी एक स्थान पर समस्त अस्थाई दुकानदारों को दुकानें अलॉट करने से इन छोटे दुकानदारों की कमर टूट जाएगी। दूसरी तरफ स्थाई दुकानदारों की चांदी हो जाएगी। इस चांदी के साथ लूटपाट का खतरा भी बढ़ेगा। कोरोना काल में शराब की दुकानों पर ऐसा ही मंजर देखा गया था, जब कुछ ही दुकानें अनुमत की गई थी। ऐसे में बड़े बड़े इलाकों का सारा भार एक दो दुकानों पर आने से लूटपाट, चोरी सहित बड़ी दुर्घटना का खतरा भी पनपेगा।साथ ही अभी तक लाइंसेंस प्रकिया भी शुरू नही की करीब 250 दुकाने दीवाली पर लगती हैं मगर अब तक स्थाई दुकानें के अलावा कोई निर्णय नही लिया गया।अब छूटकर दुकानदार जो पहले अडवांस में माल स्टॉक करवा चुके है उन्हें दोहरी मार झेलनी पड़ेगी।और जो अब माल लेंगे उन्हें दुगने भाव मे खरीद करनी पड़ेगी।

हालांकि एक ही मैदान में सारी दुकानें लगवाना भी खतरनाक है। गरीब के चूल्हे पर आए इस संकट से प्रशासन कैसे निपटता है, यह महत्वपूर्ण होगा। अस्थाई दुकानदारों के इस असंतोष को दूर करने का बेहतर उपाय यही है कि कड़े नियमों व सुरक्षा इंतजामात के साथ पहले की भांति ही दुकानें लगाने की अनुमति दी जाए अथवा स्थाई व अस्थाई दोनों ही श्रेणी के दुकानदारों को एक ही स्थान पर अनुमत किया जाए। 

बता दें कि दूर दराज किसी एक स्थान पर पटाखा मार्केट बनाना ग्रामीण इलाकों से आने वाले ग्राहकों के लिए भी परेशानी का सबब बनेगा।

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