दिल्ली: भारत में FASTag को सभी वाहनों पर अनिवार्य कर दिया गया है. लोगों को राहत देने के लिए इसकी Last Date पहले कई बार बढ़ाई जा चुकी है लेकिन अब सरकार ने साफ कह दिया है कि फैस्टैग लगवाने की तारीख को नहीं बढ़ाया जाएगा. इसका मतलब ये होगा कि 15 फरवरी तक सभी वाहनों पर FASTag लगवाना ही होगा.
क्या है FASTag
FASTag एक ऐसा स्टीकर है, जिसे वाहन की विंडस्क्रीन पर चिपका दिया जाता है जिसके बाद Toll Plaza किसी भी नकद लेन-देन के लिए वाहन को रोकने की जरूरत नहीं पड़ती है. RFID (Radio frequency identification) तकनीक के जरिए FASTag काम करता है. Toll Plaza से गुजरने पर टोल राशि को FASTag से जुड़े खाते से सीधे काट लिया जाता है.
कब हुई थी FASTag की शुरुआत
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने साल 2019 में FASTag की शुरुआत की थी जिसके बाद NHAI के मुताबिक टोल भुगतानों में FASTag की वर्तमान हिस्सेदारी लगभग 75 से 80 फीसदी हो गई है. इसका मतलब ये हुआ कि हर 100 वाहनों में से लगभग 80 वाहन FASTag का उपयोग कर टोल प्लाजा पर भुगतान कर रहे हैं. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने एक सवाल के जवाब में कहा है कि भारत में FASTag से लेन-देन दिसंबर 2020 में 73.36% तक पहुंच गया है और पूरी उम्मीद है कि 15 फरवरी के बाद ये 100 फीसदी तक पहुंच जाएगा.
कैसे ले सकते हैं FASTag
FASTag को आप अपने पहचान पत्र के साथ वाहन पंजीकरण दस्तावेजों को लेकर भारत के कुछ टोल प्लाजा पर खरीद सकते हैं. इसके अलावा आप इसे बैंक से भी खरीद सकते हैं. आज की तारीख में तकरीबन हर बैंक FASTag की सुविधा दे रहा है. इसके अलावा कई मोबाइल ऐपलिकेशन के जरिए भी FASTag की सुविधा ली जा सकती है. Paytm, Amazon से भी FASTag खरीदा जा सकता है.