गंगाशहर मूल के मुकेश रांकावत पुत्र मांगीलाल रांकावत की आत्महत्या प्रकरण में नया मोड़ आ गया है। मृतक मुकेश के छोटे भाई गंगाशहर नोखा रोड़ निवासी मनीष रांकावत ने बरकत खान नाम के व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है। मनीष के अनुसार 16 फरवरी की शाम को उसके नंबर पर बरकत का फोन आया था। आरोपी ने कहा कि उसने मुकेश को सुबह से बंधक बना रखा है, अगर भाई को छुड़वाना चाहते हो तो उसके पैसे दे दो। इस पर मनीष ने बरकत को अपने पिता मांगीलाल से बात करवाई। मांगीलाल ने बरकत से समझाइश करते हुए परिस्थिति बताई तथा पांच हजार की चार किश्तों में बीस हजार रूपए चुकाने का आश्वासन दिया। इस दौरान बरकत ने मुकेश से भी बात करवाई थी।
परिवादी मनीष के अनुसार बरकत ने फोन काट दिया था, वापिस फोन आया तो उसने भी वही कहा जो पिता ने कहा। इसके बाद वे शादी में चले गए। अगले दिन सुबह मनीष व उसके पिता जयपुर चले गए। मनीष के अनुसार दोपहर करीब दो बजे उसके नंबर पर एक व्यक्ति का फोन आया, जिसने अपना नाम मनोज झाबक बताया। उसने कहा कि आपके भाई ने आत्महत्या कर ली है और फोन काट दिया। मनीष ने अपने पिता मांगीलाल को बात बताई तो मांगीलाल ने मनोज नामक व्यक्ति को फोन मिलाया। मनोज ने आत्महत्या की पुष्टि करते हुए स्वयं को मुकेश के रथखाना स्थित मकान का पड़ोसी बताया।
इसके कुछ देर बाद सदर पुलिस का फोन भी आया।
परिवादी के अनुसार मृतक मुकेश पहले बाहर रहता था। कोरोना काल में उसे पीलिया हुआ, स्थिति गंभीर होने पर उसे बीकानेर लाया गया। अस्पताल में भी भर्ती करवाना पड़ा। इसके बाद उसके स्वास्थ्य को देखते हुए रथखाना स्थित मकान में उसे शिफ्ट किया गया। मनीष के अनुसार पब्लिक पार्क नजदीक होने की वजह से वहां शिफ्ट किया गया था। उसका टिफिन गंगाशहर से ही जाता था। हाल ही में करीब बीस दिन पहले मुकेश ने पॉलीथिन की एक फर्म में नौकरी शुरू कर दी थी। आशंका है कि इसी दौरान बरकत खान से संपर्क हुआ हो।
उल्लेखनीय है कि परिवादी के अनुसार मामला केवल बीस हजार रूपयों का ही था। लेकिन बीस हजार के लिए आरोपी ने मुकेश को सुबह से शाम तक बंधक बनाए रखा। आरोप है कि बरकत खान ने मुकेश को आत्महत्या के लिए मजबूर कर दिया।
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 306 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की है। शुक्रवार को पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया। मामले की जांच एएसआई अरुण कुमार मिश्रा कर रहे हैं।