बीकानेर इलाज में लापरवाही के तहत 17 लाख के मुआवजा का आदेश दिया कोर्ट ने

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बीकानेर बुलेटिन




इलाज में लापरवाही के तहत 17 लाख के मुआवजा का आदेश दिया कोर्ट ने एडवोकेट द्वारकादास पारीक ने की पैरवी
बीकानेर शंकरलाल पुत्र श्री लिछु राम उम्र 17 वर्ष निवासी बुचावास तहसील तारानगर जिला चूरु को बुखार व तेज सर दर्द व बेहोशी की शिकायत पर दिनांक 16 मार्च 2011 को डॉ मुमताज एनएच हॉस्पिटल एंड जनरल हॉस्पिटल नई सड़क चूरु को दिखाया चेकअप करके दिनांक 22 अप्रैल 2011 तक भर्ती रहा बदल बदल कर दवाइयां दी जाती रही दिनांक 17 मार्च 2011 को प्रार्थी व पिता ने डॉक्टर को बोला कि आराम नहीं है तथा आंखों की रोशनी भी कम हो रही है धुंधला दिखाई दे रहा है डॉक्टर ने आश्वासन दिया कि इलाज में ऐसा होना स्वभाविक है सब ठीक हो जाएगा इलाज के दौरान दिनांक 22 अप्रैल 2011 तक आंखों की रोशनी बिल्कुल चली गई डॉ मुगालते में रखा आराम नहीं आने से जनरल हॉस्पिटल हिसार फिर रोहतक दिखाया तो जाचे करके बताया कि सिर में पानी भर गया है सिर में कैंसर या टीवी है बुखार का गलत टिक्के लगने से आंखों की रोशनी गई है दिनांक 18: मई 2011 को एस एम एस हॉस्पिटल जयपुर दिखाया भर्ती कर इलाज किया कहा कि अनावश्यक बुखार की दवाइयां देने से आंखें चली गई है सिर का ऑपरेशन करके पानी निकाला सिर में टी बी हो गई दिनांक 22:05 2011 तक भर्ती रहा इलाज लंबा चला दिनांक 29 मई 11 को बीकानेर पीबीएम दिखाया 9 जून 2011 तक भर्ती रहा कुछ आराम आने पर दिनांक 22 जुलाई 2011 को आंखों के डॉक्टर पीबीएम बीकानेर में मुरली मनोहर को दिखाया उन्होंने भी जांच कर कहा कि गलत दवाइयां देने से आंखों की रोशनी गई है जो वापस नहीं आ सकती सो पर्सेंट अंधा हो चुका है 100 % डिसेबिलिटी प्रमाण पत्र जारी किया गया

प्रार्थी शंकरलाल एक होनहार ग्रामीण आंचल का मेधावी छात्र था जो अंधा हो जाने के कारण सुनहरे संसार को नहीं देख पाएगा भविष्य अंधकार मय हो गया मात्र डॉक्टर की लापरवाही व गलत इलाज के कारण

प्रार्थी ने जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच चूरू के समक्ष परिवाद पेश किया जो दिनांक 5 मई 2015 को खारिज कर दिया इससे व्यथित होकर प्रार्थी व उसके पिता ने द्वारकादास पारीक एडवोकेट के माध्यम से राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग सर्किट बेंच बीकानेर में अपील दायर की जिसमें माननीय श्री कमल कुमार बागड़ी सदस्य न्यायिक एवं माननीय श्रीमती शोभा सिंह सदस्य ने दोनों पक्षों को सुनकर व तमाम दस्तावेजों का अवलोकन कर प्रार्थी की अपील स्वीकार कर आदेश दिया कि प्रार्थी को परिवाद प्रस्तुत की दिनांक 17 अगस्त 2011 से ₹200000 9:00 % ब्याज से नगद अदा करें तथा ₹1500000 परिवाद प्रस्तुति कि दिनांक 17 अगस्त 2011 से आज तक 09%ब्याज सहित जोड़कर जो राशि बनती है उस राशि की 10 वर्ष के लिए एफडी बनाई जाए जिसका प्रतिमाह ब्याज प्रार्थी प्राप्त कर सकेगा 10 वर्ष बाद प्रार्थी को मिलने वाली राशि का क्या करेगा यह प्रार्थी शंकरलाल की इच्छा पर निर्भर करेगा जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग चूरु को निर्देश दिया कि विपक्षी के विरुद्ध धारा 340 सीआरपीसी के तहत कार्यवाही खोलकर अलग से जांच करें इस आयोग के डिप्टी रजिस्ट्रार को निर्देश दिया कि अधीनस्थ मंच के रिकार्ड मैं संलग्न दोनों रजिस्टर तथा विपक्षी द्वारा पेश दस्तावेजों D12 /1 से लेकर D 17/1 अलग से सील करके जिला मंच को रिकॉर्ड के साथ भेजें परिवादी की ओर से पैरवी द्वारकादास पारीक एडवोकेट ने की 

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