बीकानेर पुलिस ने तीन ईरानी नागरिकों को गिरफ्तार कर आठ देशों की दस लाख रुपए से अधिक की मुद्रा, अफीम और फर्जी आधार कार्ड बरामद किए हैं। तीनों टूरिस्ट वीजा पर भारत आए थे और वीजा समाप्त होने के तीन माह बाद भी देश में घूम रहे थे। पुलिस के अनुसार तीनों आरोपी जोधपुर, अजमेर और बीकानेर के होटलों में खुद को भारतीय नागरिक बताकर ठहरे।
पुलिस ने इनके किसी अंतरराष्ट्रीय गैंग से जुड़े होने की आशंका जताई है। सेना, बीएसएफ सहित सीमावर्ती क्षेत्र में सक्रिय एजेंसियों के अधिकारी इनसे पूछताछ कर रहे हैं। इनसे दस अलग-अलग नाम के आधार कार्ड, भारतीय व विदेशी मोबाइल सिम कार्ड, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा एक्सचेंज कार्ड, एजेंसियों के विजिटिंग कार्ड, उर्दू भाषा में लिखे कागजात, 1 लाख 13 हजार रुपए, अलग-अलग राज्यों के वाहनों की नम्बर प्लेट के अलावा 7 हजार 770 अमेरिकन डॉलर, 700 यूरो, 100 कनेडियन डॉलर, 11 ईरानी रियाल, 200 सउदी अरब रियाल, 100 यूएई दिरम, 500 ओमान और 10 कोरिया की मुद्रा बरामद हुई हैं।
पुलिस अधीक्षक योगेश यादव ने बताया कि इन आरोपियों ने नापासर थाना क्षेत्र में 3 फरवरी को व्यापारी हंसराज जाट के नौरंगदेसर मार्ग स्थित होटल पर धोखाधड़ी की वारदात को अंजाम दिया। तीनों ने व्यापारी को बंद हो चुके पांच सौ और एक हजार रुपए के नोट दिए। इसी दौरान हाथ की सफाई दिखाते हुए उन्होंने एक लाख रुपए पार कर लिए थे।
वीजा खत्म फिर भी भारत में
इन लोगों का भारत में रहने का वीजा खत्म हो चुका है, इसके बाद भी लंबे समय से भारत में रह रहे हैं। होटल में अपना पासपोर्ट दिखाकर कमरा लेते हैं। पुलिस ने सख्ती से पूछताछ पर कुछ और राज खुलने की उम्मीद जताई है।
इनकी रही भूमिका
इस मामले में एडिशनल एसपी अमित कुमार के साथ ही डीएसटी टीम के हेड कांस्टेबल दीपक यादव की विशेष भूमिका रही। दरअसल, साइबर टीम के सहयोग से ही इस सारी कार्रवाई को अंजाम दिया जा सका है। थानाधिकारी महेश सीला, नवनीत, विक्रम, वेदपाल की भी भूमिका रही।