पहले पत्नी को मारा, फिर खुद भी खाया जहर, लेकिन बच गया, अब आजीवन कारावास

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बीकानेर बुलेटिन




बीकानेर। नौ साल पहले पत्नी के सिर पर वार कर हत्या करने वाले पति को न्यायालय अपर सेशन न्यायाधीश (महिला उत्पीड़न मामलात) की पीठासीन अधिकारी रश्मि आर्य ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अभियुक्त पर अर्थदंड भी लगाया गया है। अर्थदंड जमा नहीं कराने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। प्रकरण के अनुसार, न्यायाधीश ने अभियुक्त शेखसर निवासी मुखरामदास पुत्र ओमदास को अपनी पत्नी सरोज की हत्या करने का दोषी करार दिया है। आरोपी को भादंसं की धारा 302 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 25 हजार रुपए का अर्थदंड लगाया। परिवादी की ओर से पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता ओपी हर्ष ने की। अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक वाहिद अली ने न्यायालय में 20 गवाहों के बयान करवाए गए। वहीं, 39 दस्तावेज पेश किए गए।

शरीर में कई जगह लगी थी चोटें

सरोज की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसके शरीर पर कई जगह चोटों के निशान मिले। साथ ही मौत सिर में गंभीर चोट होने से होना प्रमाणित हुआ। आरोपी महिला को लंबे समय से परेशान कर रहा था। वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी मुखरामदास ने खुद भी जहर व शराब का सेवन कर लिया, जिससे उसे तीन दिन तक पीबीएम अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। तबीयत सही होने एवं अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद पुलिस ने आरोपी को पकड़ा।

यह है मामला

कालू निवासी जगदीश पुत्र रेवंतदास स्वामी ने कालू थाने में हत्या का मामला दर्ज कराया। रिपोर्ट में बताया कि उसके भाई मनीरामदास की पुत्री सरोज (22) की शादी शेखसर निवासी मुखरामदास पुत्र ओमदास स्वामी के साथ तीन साल पहले (2010) में की गई थी। दहेज के लिए सरोज के साथ ससुराल में मुखरामदास ने मारपीट की। तब गांव के चार-पांच मुख्य लोगों की ओर से समझाइश की गई। तब मुखरामदास ने सरोज को जान से मारने की धमकी दी। 25 अगस्त, 2013 को सुबह आठ बजे ओमदास की ढाणी में सोहनदास दूध लेने के लिए पिकअप लेकर गया, तब सरोज की लाश आंगन में पड़ी थी। उसी ने सरोज के परिजनों को सूचित किया। कालू पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हेंडइंजरी होने से मौत होना प्रमाणित हुआ।

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