बीकानेर पीएम गरीब कल्याण याेजना बंद:खाद्य सुरक्षा में अब हर महीने सदस्य काे दस की जगह मिलेगा पांच किलाे गेहूं
खाद्य सुरक्षा योजना में चयनित दाे लाख 84 हजार परिवार के सदस्याें काे जनवरी से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण याेजना का पांच किलाे प्रति व्यक्ति गेहूं नहीं मिलेगा।
केंद्र सरकार की ओर से काेविड के समय में शुरू की गई याेजना काे बंद करने से जिले के 12.50 लाख सदस्य प्रभावित हाेंगे। अब सदस्याें काे खाद्य सुरक्षा याेजना में दाे रुपए प्रति किलाे की दर से मिलने वाला पांच किलाे गेहूं निशुल्क उपलब्ध हाेगा। अभी तक दाेनाें याेजनाओं काे मिलाकर प्रति व्यक्ति काे दस किलाे गेहूं मिलता था। ऐसे में अब हर महीने 61 हजार क्विंटल गेहूं का ही वितरण हाेगा। केंद्र सरकार याेजना काे पहले दाे बार बढ़ा चुकी है। डीएसओ ग्रामीण भागूराम महला ने बताया कि वर्तमान में दिसंबर 22 के गेहूं का स्टाॅक वितरित किया जा रहा है।
वार्षिक आय एक लाख रुपए से ज्यादा है ताे नहीं बनेगा कार्ड
नए आवेदनाें में भी अगर किसी परिवार की वार्षिक आय एक लाख रुपए वार्षिक से ज्यादा है ताे वह एनएफएसए चयन के लिए अपात्र हाेगा। सरकार ने अपात्रता के लिए छह श्रेणियां निर्धारित हैं। इसमें आवेदक परिवार का काेई भी सदस्य आयकर दाता हाेने, परिवार का सदस्य सरकारी, अद्सरकारी, स्वायत्तशासी संस्था में नियमित कर्मचारी हाेने, एक लाख रुपए वार्षिक से ज्यादा पेंशन, चोपहियां वाहन, नगर परिषद क्षेत्र में एक हजार वर्ग फुट और पालिका क्षेत्र में 1500 वर्ग फुट का पक्का आवासीय या व्यावसायिक परिसर एवं ग्रामीण क्षेत्र में 2000 वर्ग फुट से बड़ा पक्का मकान हाेने पर अपात्र माना जाएगा।
15 हजार नए आवेदकाें के नाम जाेड़े
खाद्य सुरक्षा याेजना में नाम जुड़वाने के लिए आए 75 हजार फार्माें की जांच चल रही है। 33 हजार का निस्तारण अभी किया जाना बाकी है। 15 हजार सदस्याें के नाम जाेड़ दिए गए हैं। 1400 आवेदकाें के फार्माें काे खारिज किया गया है। 27 हजार फार्म खामियाें के चलते ई-मित्रा काे भेजे हुए हैं। अप्रैल 22 में फार्म भरे गए थे। 12 दिन बाद पाेर्टल काे 28 मई तक के लिए फिर खाेला गया था। फिर और आवेदकाें के फार्म जमा हुए थे। इससे पहले राज्य सरकार ने मई 2020 में आवेदन लेने की प्रक्रिया राेक दी थी। गाैरतलब है कि राज्य में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2 अक्टूबर 2013 से लागू किया गया था। अधिनियम के प्रावधानों के तहत पात्र परिवारों का चयन राज्य सरकार करती है। राज्य में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत अधिसूचित मापदंडाें के अनुरूप पात्र परिवारों का चयन 32 समावेशन श्रेणियों और 7 निष्कासन श्रेणियों के मापदंडाें के आधार पर अपील प्रक्रिया से किया जाता है।