बीकानेर। कैंसर अब ख़तरनाक होता जा रहा है। महिला-पुरुषों के साथ-साथ अब बच्चों को कैंसर चपेट में ले रहा है। बच्चों में ब्लड कैंसर, रीढ़ की हड्डी एवं किडनी में कैंसर के मामले तेजी से बढ़े हैं। एसपी मेडिकल कॉलेज से संबद्ध आचार्य तुलसी अस्पताल एवं अनुसंधान केन्द्र में 4358 कैंसर पीडि़त बच्चे पंजीकृत हैं। यह कैंसर के किसी ना किसी प्रकार से पीडि़त है। बच्चों में किडनी व बल्ड कैंसर के मामले सबसे ज्यादा आ रहे हैं। चिंता की बात यह भी है कि पांच साल में कैंसर रोगियों की संख्या दोगुना हो चुकी हैं।
बच्चों को घेर रहा ब्लड व लिम्फोमा कैंसर
आचार्य तुलसी कैंसर अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर के आंकड़ों की मानें तो बच्चों पर ब्लड कैंसर व लिम्फोमा कैंसर का खतरा ज्यादा है। हर साल 100 नए बच्चे इनकी चपेट में आ रहे हैं। पिछले सात साल में 724 बच्चे ब्लड कैंसर और 270 लिम्फोमा कैंसर के पीडि़त सामने आए हैं। इसके साथ ही सरकोमा एवं बोन ट्यूमर बच्चों को चपेट में ले रहा है।
बीकानेर में खतरे की घंटी
बीकानेर जिले में कैंसर रोगियों की संख्या बढ़ रही है। वर्ष 2015 से अब तक बीकानेर जिले के 8763 रोगी रिपोर्ट हुए हैं। इनमें पुरुष 4267 एवं महिलाएं 3809 है। जबकि बच्चों की तादाद 687 हैं। यह आंकड़े किसी बड़े खतरे की ओर इशारा कर रहे हैं। वर्ष 2008 में केवल 86 मरीज कैंसर अस्पताल में उपचार ले रहे थे। वहीं वर्ष 2022 में 8761 कैंसर रोगी रिपोर्ट हो चुके हैं। हालांकि यहां पेस्टीसाइड का सर्वाधिक उपयोग करने वाले श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ जिले के रोगी, तम्बाकू का सेवन ज्यादा करने से चूरू, झुंझुनूं और बीकानेर जिले के मुंह के कैंसर पीडि़त शामिल है। साथ ही पड़ोसी राज्य पंजाब-हरियाणा से बड़ी तादाद में उपचार के लिए बीकानेर कैंसर अस्पताल रोगी आते है।
बच्चों में बढ़ना चिंता का विषय
बच्चों में कैंसर की बीमारी चिंतनीय है। हर साल कैंसर अस्पताल में करीब 300 नए कैंसर पीडि़त बच्चे रिपोर्ट हो रहे हैं। बच्चों को ब्लड व लिम्फोमा कैंसर सर्वाधिक जकड़ रहा है। कैंसर रिसर्च सेंटर में 4358 कैंसर से पीडि़त बच्चे पंजीकृत हैं। बच्चों में कैंसर का प्रारंभिक स्टेज में पता चलने पर 75 से 80 प्रतिशत ठीक हो जाते हैं। बच्चों में कैंसर से मृत्युदर कम हैं। सात साल में 146 बच्चों की मौत हुई है। - डॉ. सुरेन्द्र बेनीवाल, प्रोफेसर मेडिकल ऑन्कोलॉजी, आचार्य तुलसी कैंसर अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर