बीकानेर में तेरह से पंद्रह जनवरी तक होने वाला केमल फेस्टिवल इस बार अलग और अनूठा होगा। तेरह जनवरी को शुरूआत से पंद्रह जनवरी के अंतिम कार्यक्रम तक कई नए इवेंट जोड़ते हुए पर्यटन विभाग ने इसके स्वरूप में ही बदलाव कर दिया है। आमतौर पर सिर्फ गांवों तक सीमित रहने वाला ऊंट महोत्सव इस बार शहर की गलियों तक नजर आएगा।
अंतरराष्ट्रीय ऊंट उत्सव 13 जनवरी से शुरू हाेगा। इसे लेकर तैयारियाें चरम पर हैं। तीन दिन चलने वाले इस उत्सव काे देखने और आनंद उठाने के लिए पावणे भी आने लगे हैं। जूनागढ़ के सामने अभ्यास कर रहे राैबीलाें ने भी अपनी दाढ़ी और मूंछें तैयार कर ली हैं। राजस्थानी पारंपारिक वेशभूषा पहने ये राैबीले दिन-रात तैयारी में जुटे हैं। रोबीले, रायसर में सेंट आर्ट, फैशन शो, मिस मरवन और बीकाणा प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले प्रतिभागी प्रैक्टिस में जुटे हैं। शहरी परकोटे के तीन चौक और कार्निवल की झांकियां पर्यटकों को आकर्षित करेंगी।
पूर्व राजपरिवार के आवास रहे लालगढ़ से ऊंट उत्सव का आगाज होगा। पहले दिन तेरह जनवरी को बीकानेर कार्निवल होगा। इस कार्निवल में हिस्सा लेने वाले कई तरह के मुखौटे पहने होंगे। इनमें देश की संस्कृति की झलक नजर आएगी। अनेक राज्यों की पारम्परिक वेशभूषा में ये लोग नजर आएंगे। आमतौर पर विदेशों में इस तरह के कार्निवल होते हैं लेकिन इस बार बीकानेर में भी होगा। ये कार्निवल लालगढ़ से रवाना होकर लक्ष्मी निवास होटल, कीर्ति स्तम्भ, जूनागढ़ फोर्ट से पब्लिक पार्क पहुंच जाती है। कार्निवल दोपहर दो बजे शुरू होगी और शाम छह बजे तक होगी।
तेरह जनवरी को ही बीकानेर के दम्माणी चौक में रम्मत का आयोजन होगा। यहां पर्यटक रम्मत देखने के बाद ढड़ढो के चौक में गणगौर घूमर देखने पहुंचेंगे। यहां से पर्यटक कोचरों के चौक में जाएंगे। यहां लाइव फ्यूजन शो होगा। यहीं पर अन्य आयोजन हाेगा।
केमल फेस्टिवल के पहले दिन ऊंट की भूमिका कम होगी लेकिन दूसरे दिन 14 जनवरी को सभी कार्यक्रम ऊंट उत्सव से जुड़े होंगे। केमल रिसर्च सेंटर के मैदान पर होने वाले कार्यक्रमों में केमल डांस, केमल फर कटिंग और केमल रेस होगी। इस दौरान विदेशी और देशी पर्यटकों का जमावड़ा रहेगा।
दूसरे दिन शाम चार बजे से आयोजन शुरू होंगे। यहां मिस मरवण, मिस्टर बीकाणा और बीकानेर फेशन शो होगा। इस दौरान स्थानीय कलाकारों की ओर से कार्यक्रम होगा। देर शाम सात से दस बजे तक राजस्थान लोक नृत्य कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे।
तीसरे दिन पंद्रह जनवरी को रायसर गांव में समापन होगा। जयपुर रोड पर स्थित इस गांव के धोरों में ऊंटों के करतब होंगे। इसमें टग ऑफ वार, रेसलिंग, कबड्डी, पगड़ी बांधने, मटका रेस आदि कार्यक्रम होंगे। इसी दिन रात में बड़ा आयोजन होगा। जिसमें देश के ख्यातनाम कलाकार सुर लहरी बिखेरंगे।
तीन दिवसीय ऊंट उत्सव को देखते हुए बीकानेर के राज्य अभिलेखागार में गुरुवार से फोटो प्रदर्शनी लगाई जाएगी। इसमें फोटोग्राफर्स की ऊंट उत्सव और पर्यटन से जुड़ी खास फोटो देखने को मिलेंगी। पर्यटन अधिकारी पुष्पेन्द्रसिंह ने बताया कि गुरुवार की शाम को 4 बजे से अभिलेखागार में फोटो प्रदर्शनी लगाई जाएगी। ऊंट उत्सव के दौरान बीकानेर आने वाले देशी-विदेशी पर्यटक रोजाना शाम को बीकानेर में अब तक हुए ऊंट उत्सव की खास तस्वीरे देख सकेंगे।