दो दिन में 22 बाल वाहिनियों के किए चालान
संभागीय आयुक्त के निर्देशानुसार हुई कार्यवाही
बीकानेर, 2 दिसंबर। संभागीय आयुक्त डॉ. नीरज के. पवन के निर्देशानुसार परिवहन विभाग की टीम ने अतिरिक्त प्रादेशिक परिवहन अधिकारी जुगल माथुर के नेतृत्व में गुरुवार एवं शुक्रवार को 22 बाल वाहिनियों का चालान किया।
माथुर ने बताया कि गुरुवार को 12 बाल वाहिनी गाड़ियों का चालान किया गया। इनमें 3 गाड़ियों में क्षमता से अधिक बच्चे पाए गए तथा 3 गाड़ियों के प्रॉपर दस्तावेज नहीं थे। उन्होंने बताया कि 3 वाहन चालक निर्धारित यूनिफॉर्म में नहीं थे, 2 वाहन के रिफ्लेक्टिव टेप नहीं लगे होने तथा 1 का अन्य कारणों के लिए चालान किया गया।
अतिरिक्त प्रादेशिक परिवहन अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार को 10 बाल वाहिनियों का चालान किया गया। इनमें 2 गाड़ियों में क्षमता से अधिक बच्चे थे। एक वाहन चालक के पास ड्राइविंग लाइसेंस तथा 1 वाहन चालक के पास इंश्योरेंस के कागजात नहीं था। उन्होंने बताया कि 2 वाहन चालक निर्धारित यूनिफॉर्म में नहीं थे, 2 वाहन के रिफ्लेक्टिव टेप नहीं लगे होने तथा 1 वाहन चालक की गाड़ी किराए पर होने तथा 1 का अन्य कारणों के लिए चालान किया गया।
इन बिंदुओं की हो पालना: संभागीय आयुक्त ने प्रत्येक विद्यालय को अपने स्टाफ में से किसी वरिष्ठ अध्यापक अथवा शारीरिक शिक्षक को यातायात संयोजक नियुक्त करने तथा इसका विवरण शिक्षा विभाग को प्रेषित करने, यातायात संयोजक को बालवाहिनी योजना क्रियान्वयन के लिए प्रशिक्षित करने, स्कूल में छात्र-छात्राओं के चढ़ने तथा उतरने के स्थान पर विद्यालय के प्रतिनिधि के उपस्थित रहने तथा उस स्थान पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने 16 वर्ष से कम आयु के छात्र-छात्राओं को किसी प्रकार के वाहन ना चलाने देने के लिए अभिभावकों को समझाने, तथा समस्त विद्यार्थियों को हेलमेट लगाने के लिए प्रेरित करने,चालक पहचान पत्र, वाहनों में फर्स्ट एड बॉक्स अनिवार्य रुप से रखने, वाहनों पर स्कूल का नाम अंकित करवाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि वाहनों में आगे तथा पीछे ऑन स्कूल ड्यूटी, विद्यालय के फोन नम्बर लिखे तथा बस पर ड्राइवर का नाम, पता, चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 तथा पुलिस कंट्रोल रूम के नम्बर 100 अंकित किए जाएं। वाहनों में निर्धारित क्षमता के डेढ गुणा से ज्यादा विद्यार्थियों को नहीं बैठाया जाए। ऑटो रिक्शा में ड्राईवर की सीट पर छात्र-छात्राओं को नहीं बैठाया जाए। समस्त स्कूली वाहनों में जीपीएस आवश्यक रूप से लगा हो तथा इसका नियंत्रण संबंधित स्कूल प्रबन्धन के पास होगा।
समस्त श्रेणी के वाहन चालक एवं कण्डक्टर खाकी वर्दी में हों, नकारा श्रेणी के वाहनों का उपयोग नहीं हो तथा वाहन का संचालन वैध फिटनेस तथा अन्य दस्तावेजों के साथ ही किया जाए। प्रत्येक स्कूल में बालवाहिनी शिकायत पंजिका का संधारण करने के निर्देश भी दिए हैं।