प्रदेश भर में एक करोड़ बच्चों तक पहुंचेगा शतरंज
भावी पीढ़ी के मस्तिष्क को और रचनात्मक बनाएगा शतरंज- डॉ कल्ला
बीकानेर,10 नवंबर। राज्य की समस्त स्कूलों में प्रत्येक माह के तीसरे शनिवार को नो बैग डे के दौरान विधार्थियों को चेस खेलने का अवसर प्रदान किया जाएगा। इसकी शुरुआत गुरुवार को बीकानेर से की गई। शिक्षा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने गुरुवार को रवींद्र रंगमंच पर स्कूली शिक्षा में राज्य सरकार की नई पहल 'चेस इन स्कूल' कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर राज्य स्तरीय समारोह में डॉ. कल्ला ने कहा कि 19 नवंबर से प्रदेश की समस्त स्कूलों में एक साथ यह कार्यक्रम प्रारंभ होगा। यह अपने आपमें इतिहास होगा। इससे बच्चों के मानसिक विकास को बाल मिलेगा। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेलों में ग्रामीण क्षेत्रों के 30 लाख खिलाड़ी जुड़े। मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार शहरी क्षेत्र में भी इन खेलों का आयोजन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि 'चेस इन स्कूल' प्रारंभ होने से बच्चों में एकाग्रता, याददाश्त, अनुशासन, आत्मचिंतन बढ़ाने का मौका मिलेगा। डॉ कल्ला ने कहा कि मोबाइल के नकारात्मक प्रभाव के बीच यह पहल भावी पीढ़ी के मस्तिष्क को और रचनात्मक बनाने में मददगार हो सकेगी । उन्होंने कहा कि इन खेलों से स्कूल से चैम्पियन निकलेंगे और दुनिया में राजस्थान का नाम रोशन करेंगे।
संभागीय आयुक्त डॉ. नीरज के. पवन ने कहा कि शतरंज से जिंदगी को समझने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि एक करोड़ घरों तक इस खेल की पहुंच होना बहुत बड़ी बदलाव लाएगा।
स्थाई लोक अदालत के अध्यक्ष महेश शर्मा ने कहा कि देश में पहली बार बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य और मजबूती के लिए राज्य सरकार द्वारा यह अभिनव पहल की गई है।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने मशाल जलाकर इसे शिक्षा विभाग के अधिकारियों को सौंपी । शिक्षा मंत्री ने सांकेतिक रूप से स्कूली बच्चों के साथ शतरंज खेल कर कार्यक्रम की शुरुआत की।
माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की अतिरिक्त निदेशक शिक्षा रचना भाटिया ने स्वागत उद्बोधन दिया। इस अवसर पर शतरंज के अंतराष्ट्रीय आर्बिटर एड. एस.एल. हर्ष, अतिरिक्त संभागीय आयुक्त ए एच गौरी, अतिरिक्त जिला कलक्टर (शहर) पंकज शर्मा, नगर विकास न्यास सचिव यशपाल आहूजा, जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) सुरेन्द्र सिंह भाटी, अरविंद व्यास, रमेश कुमार हर्ष, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी राजकुमार शर्मा, एडीईओ पद्मा टिलवानी, सुनील बोड़ा, उप जिला शिक्षा अधिकारी (शारीरिक शिक्षा) अनिल बोड़ा, शंकर पुरोहित सहित शिक्षक अभिभावक और बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।