बीकानेर के श्रीडूंगरगढ़ में उदरासर गांव की रोही में आगजनी से किसान के खेत की फसल पूरी तरह जलकर नष्ट हाे गई। आगजनी में हुए नुकसान का आकलन तो अब तक नहीं हो पाया है लेकिन फसल में अब कुछ नहीं बचा है ये तय है। एक साल की मेहनत कुछ घंटों में ही किसान के साथ जलकर राख हो गई। मौके पर ही किसान की पत्नी इस घटना को देखकर बेसुध हो गई। इस हादसे में पांच पशु जलने से मर गए।
उदरासर की रोही में किसान राजूराम पुत्र भैराराम धेहडू की ढाणी में अचानक लगी। आग पर काबू पाने के चार घंटे से लोग टैंकर से पानी डालते रहे लेकिन काबू नहीं पाया जा सका। शाम होते-होते आग बुझी है। राजूराम की पत्नी सालभर की मेहनत को राख होते देख बेसुध हो गई है। उसे परिवार के अन्य लोगों ने संभाला है।
राजूराम के परिवार ने बारानी खेत में चौमासे में करीब 60 बीघा खेत में हुई मोठ व मूंग की उपज आग की भेंट चढ़ गई है। राजूराम अपनी पत्नी व दो बच्चों के साथ पास ही के खेत में बाजरी की सिट्टी तुड़वाने गया था। अचानक उसकी ढाणी से आग की लपटें उठने लगी। किसान परिवार सहित आस पास की ढाणियों से किसान मौके पर पहुंचे परन्तु आग बेकाबू हो गई। तीन झौपड़े सामान सहित जलकर नष्ट करने के बाद आग फैलते हुए मोठ, मूंग के खेत तक पहुंच गई। आग में मोठ मूंग के खले जलकर नष्ट हो गए है।
पशुओं को बचाया
राजूराम व उसके परिवार के सदस्यों ने ढाणी के पास बने बाड़े में बंधे 15 भैंस सहित 40 से अधिक पशु खोलकर जान बचाई। एक भैंस आग की चपेट में आने से जल गई। कुछ पशु झुलस गए है। खेत पड़ौसी शंकरलाल शर्मा ने बताया कि खेत में अनुमानित 60 क्विंटल मोठ व 20 क्विंटल मूंग था, जिसमें कुछ भी नहीं बचा।