Jaipur: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार पूरी प्रतिबद्धता और संवेदनशीलता के साथ प्रदेशवासियों को बेहतर से बेहतर चिकित्सा सुविधा देने की दिशा में कार्य कर रही है और इसी का परिणाम है कि आज राजस्थान चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवाओं में मॉडल स्टेट बनकर उभर रहा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री निःशुल्क निरोगी राजस्थान योजना और मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना जैसी महत्वाकांक्षी योजनाएं प्रारम्भ की हैं.
इसी क्रम में गहलोत ने सड़क दुर्घटना पीडितों की जीवन रक्षा के लिए मुख्यमंत्री चिरंजीवी जीवन रक्षा योजना की शुरूआत की. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि इन सभी योजनाओं का धरातल पर प्रभावी क्रियान्वयन हो. योजनाओं के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए ताकि जानकारी के अभाव में कोई इनके लाभ से वंचित न रहे. साथ ही, प्रभावी क्रियान्वयन के लिए योजनाओं की नियमित मॉनिटरिंग और समय-समय पर जनता का फीडबैक लिया जाना चाहिए.
योजना के अंतर्गत सड़क दुर्घटना में देश के किसी भी राज्य का निवासी घायल व्यक्ति बिना किसी एफआईआर और औपचारिकता के मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना से संबद्ध निजी और सरकारी अस्पतालों में 72 घंटों तक निशुल्क उपचार प्राप्त कर सकता है. इसके लिए चिरंजीवी योजना का पात्र होना आवश्यक नहीं है. 72 घंटे के उपरांत गैर चिरंजीवी लाभार्थी मरीज को राजकीय अस्पताल में रैफर किया जाएगा. मरीज स्वेच्छा से निजी अस्पताल में अपने खर्च पर उपचार प्राप्त कर सकता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि चिकित्सा औरस्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, चिकित्सक और नर्सिंग समुदाय पूर्ण सेवा भावना के साथ इस महत्वाकांक्षी योजना को सफल बनाने में जुटें जिससे राजस्थान स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बन सके.
CM ने की समीक्षा बैठक
गहलोत मुख्यमंत्री निवास पर चिकित्सा विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि राजस्थान आज स्वास्थ्य सेवाओं में देश का अग्रणी राज्य बनकर उभर रहा है. राज्य में बजट का 7 प्रतिशत हिस्सा चिकित्सा औरस्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च किया जा रहा है. राजस्थान में 88 फ़ीसदी परिवार हैल्थ इंस्योरेंस के तहत आते हैं जबकि राष्ट्रीय स्तर पर इसका औसत मात्र 41 प्रतिशत है. आज प्रदेश में एमआरआई, सीटी स्केन जैसी महंगी जांचों के साथ-साथ लीवर ट्रांसप्लांट, बोनमैरो ट्रांसप्लांट जैसा महंगा इलाज निशुल्क करवाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि 21.14 लाख मरीजों को 2111.41 करोड़ रूपए के निशुल्क उपचार से लाभांवित किया जा चुका है. निजी अस्पतालों को 21 दिन के अंदर भुगतान किया जा रहा है.
सरकार के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि आमजन को गांव-ढाणी में बेहतरीन चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश सरकार तत्परता के साथ कार्य कर रही है. राज्य में 337 प्राथमिक तथा 194 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र नए खोले गए हैं. सभी स्वास्थ्य केन्द्रों औरचिकित्सालयों में कार्यभार के अनुसार चिकित्सक व नर्सिंग स्टाफ की नियुक्ति की जा रही है. साथ ही, प्रसव सुविधाओं को और मजबूत किया गया है इससे राज्य में मातृ औरशिशु मृत्युदर में 304 और37.7 की कमी आई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ‘राइट टू हैल्थ’ की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है. उन्होंने कहा कि राइट टू हैल्थ बिल को जल्द ही अन्तिम रूप दिया जाएगा. इस बिल में रोगियों के हित में आवश्यक सभी प्रावधान सम्मिलित किए जाएंगे.