फड़बाजार में फल-सब्जी बेचने वालों के लिए स्थान तय नहीं होने के कारण उनकी शिफ्टिंग एक बार फिर टल गई है। फिलहाल वे सुबह सात से दिन में 12 बजे तक जमीन पर बैठकर बिक्री कर सकेंगे। प्रशासन ने फड़बाजार की रोड चौड़ी करने और वहां खरीदारी के लिए आने वालों की सुविधा के लिए फल-सब्जी बेचने वालों को राजीव गांधी मार्ग पर शिफ्ट करने की प्लानिंग की थी।
वहां थड़ी-गाड़े भी लगने शुरू हो गए थे। लेकिन, क्षेत्र के लोगों के विरोध और यूआईटी की ओर से पुरानी जेल की महंगी जमीन पर बड़े प्रोजेक्ट की योजना को देखते हुए फल-सब्जी वालों को राजीव गांधी मार्ग पर शिफ्ट करने का निर्णय बदलना पड़ा। प्रशासन ने उन्हें एकबारगी वापस फड़बाजार भेजकर सुबह सात से दिन में 12 बजे तक जमीन पर बैठकर बिक्री करने की छूट दी और नगर निगम की भैंसाबाड़ा स्थिति जमीन पर शिफ्ट करने निर्णय लिया। लेकिन, नगर निगम महापौर सुशीला कंवर ने आयुक्त को पत्र लिखकर इसका विरोध किया है।
महापौर का कहना है कि नगर निगम भंडार भैंसाबाड़ा की जमीन पट्टा भूमि है। इस पर किसी भी तरह का निर्णय लेने का अधिकार केवल बोर्ड को है। बजट बैठक में इस जमीन पर व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बनाने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया जा चुका है। महापौर के पत्र से फड़बाजार के फल-सब्जी वालों की शिफ्टिंग एक बार फिर टल गई है।