राजस्थान समेत कई राज्यों में लंपी बीमारी कहर बरपा रही है। गोवंश में फैले इस वायरस की तुलना इंसानों के लिए जानलेवा रहे कोरोना वायरस से की जा रही है। राजस्थान और गुजरात में तो इस बीमारी के कारण हजारों की संख्या में गोवंश की मौत हो चुकी है।
आज सुबह एक दैनिक अखबार में मुख्य पृष्ठ पर छपी बीकानेर में मृत गौवंश की तस्वीर बीकानेर में प्रशासन और राजनैतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है। जहां एक ओर आयुक्त गोपालराम बिरड़ा ने मीडिया में बयान देकर इसे झूठा बताया है और कहा है की नगर निगम लंपी रोग ग्रसित मृत गौवंश को सुजानदेसर और नाल की तरफ दफना रहा है । वहीं प्रशासन ने भी आयुक्त की इस रिपोर्ट पर ठप्पा लगा दिया है। जिला प्रशासन भी आयुक्त की रिपोर्ट पर अखबार में छपी तस्वीर का खण्डन कर रहा है। हकीकत जानने आज महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित उपमहापौर राजेंद्र पंवार और पार्षद प्रमोद सिंह,पुनीत शर्मा के साथ खुद जोहड़बीड़ पहुंची जहां मृत गौवंश को खुले फेंका गया है।
5646 हेक्टेयर में फैले जोडबीड डंपिंग यार्ड में गायों के शव खुले में पड़े हैं. ये शव अब सड़ने लगे हैं और इसके आसपास लगभग 5 किलोमीटर तक इन शवों की दुर्गंध फैल रही है. इसके आसपास के इलाकों में रह रहे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ओपन डंपिंग यार्ड में पड़े ये शव दिखाते हैं कि कैसे सरकार गायों में लंपी वायरस को फैलने से रोकने में नाकाम हुई है.
महापौर सुशीला कंवर ने सोशल मीडिया के माध्यम से लाइव आकर प्रशासन के दावों की पोल खोलकर रख दी। महापौर ने अपने सोशल मीडिया लाइव में ना सिर्फ प्रशासन की खिंचाई की बल्कि मृत गौवंश को भी दिखाया । जिसमें अधिकांश गौवंश लंपी रोग ग्रसित मिला। महापौर ने कहा की वह इस भयावह और संवेदनशील दृश्य को सभी के साथ साझा नही करना चाहती थी परंतु जिस प्रकार आयुक्त और समस्त प्रशासन गैरजिम्मेदाराना रवैए से अपनी जवाबदेही से भाग रहे है और जनता को झूठ परोस रहे हैं। ऐसे में आवश्यक है की सभी को सच्चाई पता चले। जोहड़बीड़ जहां नगर निगम द्वारा मृत पशुओं का निस्तारण किया जाता है। जहां की तस्वीर को प्रशासन झूठा बता रहे हैं। असल में तस्वीर सच्ची है । यहां पर लंपी रोग ग्रसित मृत गौवंश को खुले में फेंक दिया गया है । जिससे इस वायरस के प्रसार की संभावना तथा आसपास की आबादी में कई अन्य बीमारियों को न्योता दिया गया है। आयुक्त और स्वास्थ्य अधिकारी अब अपनी लापरवाही छुपाने के लिए गैर जिम्मेदाराना तरीके से सच छुपाने की कोशिश कर रहे हैं।
एक माह पहले महापौर ने रोगग्रस्त मृत गौवंश को ससम्मान दफनाने के दिए थे निर्देश
2 अगस्त 2022 को महापौर सुशीला कंवर ने यू ओ नोट जारी कर मृत पशु ठेकेदार के पास संसाधनों की कमी को देखते हुए नगर निगम संसाधन उपलब्ध करवाने के निर्देश जारी किए थे। महापौर ने अपनी यू ओ नोट में आयुक्त को निर्देश दिए थे कि लंपी रोग से ग्रसित मृत गोवंश को ससम्मान खड्डा खोदकर दफनाया जाए। जिसके बावजूद लापरवाही बरतते हुए रोग ग्रसित मृत गोवंश को खुले में फेंक दिया गया । इससे आसपास के 20 किलोमीटर तक दुर्गंध फैली है और गोवंश में तथा आसपास के आबादी में अनेकों बीमारियों के फैलने का खतरा बना हुआ है।
आयुक्त ने दिए झूठे बयान- कहा जोहड़बीड़ में लंपी से ग्रसित मृत गोवंश नहीं
आयुक्त गोपाल राम ने मीडिया को दिए बयान और कलेक्टर को भेजी रिपोर्ट में जोहड़बीड़ में रोग ग्रसित मृत गोवंश होने की खबर को झूठा बताते हुए रोग ग्रसित मृत गोवंश को सुजानदेसर तथा नाल में दफनाने की रिपोर्ट दी है। जबकि जोहरबीड़ में अधिकांश मृत गोवंश लंपी रोग से ग्रसित है, जिसकी तस्वीरें महापौर सुशीला कंवर ने लेकर जिला प्रशासन और उच्चाधिकारियों को भेजने की बात कही है।
बीकानेर में तो हालात इन दिनों भयावह हैं। शहर के आसपास के इलाकों में हर दिन करीब 300 गाेवंश की मौत हो रही है। वहीं, प्रशासन और स्थानीय लोग गायों और दूसरे मरे जानवरों को शहर से ही करीब दस किलोमीटर दूर जोड़बीड़ के खुले डंपिंग यार्ड में फेंक रहे हैं।
अखबार में छपी तस्वीर के बाद बीकानेर प्रशासन और राजनीतिक गलियारों में माहौल गर्म है। प्रशासन के झूठे दावों की पोल खोलती महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित इस मुद्दे पर काफी आक्रमक नजर आई। महापौर ने आज एक और पत्र जारी कर पूरे प्रकरण में स्पष्टीकरण मांगते हुए स्वास्थ्य अधिकारी पर सीसीए रूल्स के तहत कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश जारी किए हैं।