प्रशासन की ओर से कोटगेट अंडर ब्रिज की फाइनल गवर्नमेंट अप्रूव्ड ड्राइंग में आरयूबी के ऊपर लोकल ट्रैफिक यथावत रखा गया है जो रेलवे को मंजूर नहीं है। इससे कोटगेट पर आरयूबी बनाने की योजना संकट में आ गई है।
कोटगेट रेलवे क्रॉसिंग की समस्या से रोजाना करीब एक लाख लोग जाम में फंसकर परेशान होते हैं। सात दशक बाद भी बीकानेर की जनता को इस समस्या से छुटकारा नहीं मिला है।
यूआईटी ने प्राइवेट कंसल्टेंट से डीपीआर तैयार करवाई और फाइनल जीएडी तैयार कर रेलवे को सौंप दी। लेकिन, जीएडी में आरयूबी बनने के बाद भी उसके ऊपर से ट्रैफिक बंद नहीं किया। रेलवे ने यूआईटी की ओर से तैयार जीएडी को सही नहीं माना। डीआरएम राजीव श्रीवास्तव का कहना है कि अंडर ब्रिज बनने के बाद उसके ऊपर से ट्रैफिक गुजारने का कोई अर्थ ही नहीं है। अब प्रशासन को दुबारा जीएडी तैयार करनी होगी।
कोटगेट फाटक पर फिर बिगड़ी ट्रैफिक व्यवस्था
कोटगेट पर 145 मीटर बनना है आरयूबी : कोटगेट रेलवे क्रॉसिंग बंद होने पर जाम की समस्या से आमजन को छुटकारा दिलाने के लिए 3.6 मीटर चौड़ा व 2.5 मीटर हाइट के आरयूबी की योजना बनाई गई थी। आरयूबी फड़ बाजार के मोड़ से शुरू होकर रेल पटरियों के नीचे से होता हुआ कोटगेट से 20 मीटर पहले तक बनना था। इसकी कुल लंबाई 145 मीटर और आरयूबी के दोनों ओर मूवमेंट के लिए 3.5 मीटर की स्विस लाइन भी रखी गई।
70 साल पूरानी समस्या, समाधान अब तक नहीं : जनता 70 सालों से शहर के बीचो बीच रेलवे क्रॉसिंग की समस्या झेल रही है। राज्य में चाहे कांग्रेस की सरकार हो या भाजपा की। नेताओं ने जनता को कभी बाईपास तो कभी केईएम रोड पर एलिवेटेड रोड के सब्जबाग दिखाए। दोनों ही बनाना संभव नहीं हुआ तो प्रशासन ने सांखला फाटक के पास कोटगेट आरयूबी का रास्ता निकाला।