पिछले 24 घंटों में झालावाड़, धौलपुर व कोटा जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश दर्ज की गई है। पूर्वी राजस्थान में सर्वाधिक बारिश खानपुर, झालावाड़ में 72 मिमी जबकि पश्चिमी राजस्थान के बीकानेर शहर में 64 मिमी दर्ज की गई है।
बीकानेर | तीन दिन से उमस से भीग रहे बीकानेर के लाेगाें काे शनिवार शाम काे हुई मूसलाधार बारिश के बाद राहत मिली। शाम साढ़े सात बजे शुरू हुई बारिश कुछ ही देर में मूसलाधार हो गई। करीब डेढ़ घंटे तक चली बारिश के कारण शहर में 60.3 एमएम बारिश रिकार्ड की गई, जो इस मानसून सीजन की सबसे अधिक है। बारिश के बाद नगर निगम, कचहरी सहित निचले इलाकों में पानी भर गया।
यहां रात तक पानी रहा। शहर के साथ-साथ खाजूवाला सहित आसपास के गांवों में भी दो बार बारिश का दौर चला। दोनों की बार तेज बारिश हुई जिससे गलियों में पानी भर गया। बारिश के बाद एक बार फिर उमस ने लोगों को बेहाल कर दिया। हालांकि तापमान में 7 डिग्री तक गिर गया। दिन का तापमान 39.6 और न्यूनतम तापमान 27.2 डिग्री रहा।
आगे क्या : माैसम विभाग ने रविवार काे भी बीकानेर में भारी बारिश की चेतावनी दी है।
मानसून की मेहरबानी के चलते इस वर्ष बारानी एरिया में 80 फीसदी बिजाई ग्वार, मोठ और बाजरे की हो चुकी है। इसे अच्छे जमाने से जोड़कर भी देखा जा रहा है। ऐसा पिछले दस साल में पहली बार हुआ है जब बारानी एरिया में जुलाई के पहले सप्ताह तक 80 फीसदी बिजाई हुई हो। पिछले वर्ष इसी समयावधि में बिजाई का एरिया महज 15 फीसदी था। अच्छे जमाने को इस बात से भी समझा जा सकता है कि इस वर्ष जून-जुलाई में हुई बारिश पिछले वर्ष कुल हुई बारिश का एक तिहाई हिस्सा है। जबकि अभी तक मानसून की मेहरबानी होनी शेष है।
जिले में इस वर्ष मूंगफली की बम्पर फसल होने की उम्मीद भी जताई जा रही है। ट्यूबवेल से जुड़ी मूंगफली की फसल हालांकि मानसून पर निर्भर नहीं करती, लेकिन मानसून में होने वाली बरसात इसके लिए रामबाण साबित होती है। इससे मूंगफली के उपजाऊ एरिया में वृद्धि और दाना पौष्टिक और बड़ा होगा। मूंगफली की अच्छी गुणवत्ता के कारण ही इसके विदेशों में अच्छे खरीददार मिलते हैं।