पुलिस का कहना है कि इस घटना में 25 टेंट तथा तीन सामुदायिक रसोईघर नष्ट हो ये घटना के बाद अमरनाथ तीर्थयात्रा को स्थगित कर दिया गया है। अफसरों कहा कि स्थिति सामान्य होने तक अमरनाथ यात्रा को स्थगित कर दिया गया है। गुफा के आसपास भारी बारिश के बाद एका एक पानी के तेज बहाव के साथ आये पत्थर और भारी मात्रा में मलबे की चपेट में आकर लगभग 30 शिविर व तीन लंगर तबाह हो गये।
जम्मू-कश्मीर प्रशासन और श्रीअमरनाथ श्राइन बोर्ड ने अगले आदेश तक यात्रा रोककर सेना, पुलिस, आइटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवानों के साथ बड़े पैमाने पर राहतव बचाव अभियान शुरु किया है। घायलों को हेलीकाप्टर की मदद से हॉस्पिटल पहुंचाया गया है। बालटाल और पहलगाम के नुनवन की तरफ से पवित्र गुफा की तरफ आने-जाने वाले श्रद्धालुओं को भी निकटवर्ती शिविरों व सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। रात तक पवित्र गुफा से पंचतरणी भेजे जाने वाले श्रद्धालुओं की लंबी –लंबी कतारें लगी रहीं ।
बताया जाता है कि जब बादल फटा उस समय लगभग 15 हजार श्रद्धालु पवित्र गुफा और पंचतरणी के आसपास के इलाके में थे। पवित्र गुफा के ऊपरी हिस्से से लगभग छह किलोमीटर पीछे मौसम में अचानक आये बदलाव के कारण बादल फटा था। इससे पवित्र गुफा के साथ बहने वाले नाले में बाढ़ आ गई। मूसलधार वर्षा के साथ पवित्र गुफा के पीछे से पत्थर और भारी मात्रा में मिट्टी बहती नजर आई। इस दौरान कई श्रद्धालु भी इसकी चपेट में आ गये।
पहले कब-कब हुई घटनाएं
वर्ष 1969 में बा दल फटने के कारण लगभग 100 श्रद्धालुओं की मौत हुई थी ।
वर्ष 1996 में बादल फटने से भारी तबाही हुई थी।इसमें 300 श्रद्धालुओं की मौत हुई थी।
वर्ष 2015 में बालटाल आधार शिविर के पास बादल फटने से काफी नुकसान हुआ था। इस दौरान लंगरों के अस्थायी ढांचे ध्वस्त हो गये थे। दो बच्चों समेत तीन श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी।
वर्ष 2021 में जुलाई के अंतिम दिनों में अमरनाथ गुफा मंदिर के पास बादल फटा था। हालांकि उस समय कोरोना संक्रमण के कारण यात्रा को रद कर दिया गया। घटना में किसी के हताहत होने या किसी संपत्ति केनुकसा न नहीं हुआ था ।
हेल्पलाइन नंबर
एनडीआरएफ 011-23438252011-23438253
कश्मीर डिवीजनल हेल्पलाइन 0194-2496240
श्राइन बोर्ड हेल्पलाइन 0194-2313149
इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर जारी, यहां करें संपर्क
जम्मू कश्मीर प्रशासन ने शुक्रवार को अमरनाथ यात्रा के लिए हेल्पलाइन स्थापित की है। उपराज्यपाल प्रशासन और श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने चार टेलीफोन नंबर जारी किये हैं जिस पर संपर्क कर लोग जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। सरकार के जनसंपर्क विभाग और श्राइन बोर्ड ने ट्वीट किया, “अमरनाथ यात्रा के लिए हेल्पलाइन नंबर: एनडीआरएफ: 011-23438252, 011-23438253, कश्मीर डिविजनल हेल्पलाइन: 0194-2496240, श्राइन बोर्ड हेल्पलाइन: 0194-2313149।" इसके साथ ही प्रशासन ने कहा कि उसका ध्यान अभी राहत अभियान पर है।
पीएम नरेंद्र मोदी, होम मिनिस्टर अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा से बात कर हालात के बारे में जाना और हर संभव मदद का भरोसा दिया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट कर कहा कि शोकग्रस्त स्वजन के साथ मेरी गहरी संवेदनाएं हैं। फंसे हुए लोगों की मदद के लिए राहत और बचाव उपाय जोरों पर हैं। मैं प्रार्थना और उम्मीद करता हूं कि यात्रा फिर जल्द शुरू हो। पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट क लिखा कि श्री अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से दुखी हूं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना। बचाव और राहत अभियान जारी है। प्रभावितों को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है।
सोनिया-राहुल ने बादल फटने से श्रद्धालुओं की मौत पर दुख जताया
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी एवं महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने दक्षिण कश्मीर हिमालय में अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने की घटना में कई श्रद्धालुओं की मौत पर दुख जताया और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। सोनिया गांधी ने एक बयान में कहा, ‘‘ जम्मू कश्मीर में पवित्र अमरनाथ गुफा के समीप बादल फटने की घटना के कारण हुई कई श्रद्धालुओं की त्रासदपूर्ण मौत की खबर से बहुत दुखी हूं। मैं शोक संतप्त परिवारों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त करती हूं।’’ उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से कई श्रद्धालुओं के लापता होने और उनकी मृत्यु की खबर बेहद दुःखद है। मैं घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं और मृतकों के परिजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट करता हूं।’’कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा, ‘‘पवित्र अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने के चलते कई श्रृद्धालुओं की मृत्यु का दुखद समाचार मिला। मृतकों के परिजनों के प्रति मेरी भावपूर्ण शोक संवेदनाएं। ईश्वर से प्रार्थना है कि दुर्घटना में लापता श्रद्धालुओं की रक्षा करें व घायलों को जल्द स्वास्थ्य लाभ प्रदान करें।’