लोकसभा से पारित होने के बाद ओबीसी आरक्षण संशोधन विधेयक आज राज्यसभा से भी पास हो गया. राज्यसभा में मानसून सत्र का ये पहला दिन है जब किसी बिल पर इतनी लम्बी चर्चा हुई हो. इस बिल पर चर्चा के दौरान लगभग सभी दलों ने एक स्वर से बिल का समर्थन किया.
सभी राज्यों में 50 फीसदी आरक्षण की सीमा पहले ही भर चुकी है- सिंधवी
राज्यसभा में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री विरेंद्र कुमार के प्रस्ताव के साथ ओबीसी बिल पर चर्चा शुरू हुई. इसके तुरंत बाद कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने बिल का समर्थन करते हुए भी इस बिल को अर्थहीन बताया. अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि ओबीसी बिल के माध्यम से सरकार राज्यों को एक काग़ज़ी दस्तावेज भर थमा रही है. ये अर्थहीन है क्योंकि देश के 80 फीसदी राज्यों में आरक्षण की सीमा पहले ही 50 फीसदी को पार कर चुकी है. अब राज्य ओबीसी की नई सूची बना कर करेगी क्या. ये एक ऐसा बर्तन है जो ख़ाली है. नागालैंड मिज़ोरम में 80 फीसदी, महाराष्ट्र में 65 फीसदी इसी तरह अन्य राज्यों में भी है आरक्षण.
बीजेपी ने मंडल आयोग लागू करने में क्रेडिट लेने के लिए दी ये दलील
बिहार के बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा मैं समविधान संशोधन विधेयक के समर्थन में खड़ा हुआ हूं. पिछड़ों को सम्मान सिर्फ़ उन सरकारों से मिला जिनमें जनसंघ और बीजेपी शामिल थीं. वीपी सिंह की उस सरकार में जनसंघ के लोग शामिल थे जिसने मंडल आयोग लागू किया. मोदी सरकार ने प्रोफ़ेसर और असिस्टेंट प्रोफ़ेसर के मामले में डिपार्टमेंट की जगह विश्विद्यालय को यूनिट माना. संसद के सेंट्रल हाल में अम्बेडकर का चित्र हमनें लगाया. अम्बेडकर को भारत रत्न उनके मरने के 34 साल बाद हमारे सहयोग से दिया गया. सुशील मोदी ने आरएसएस के दत्ता त्रेय होसबोले के बयान को सदन में कोट किया कि आरक्षण तब तक रहेगा जब तक समाज में उसकी ज़रूरत रहेगी. सुशील मोदी ने कहा कि 2024 में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही बनेंगे क्योंकि सबका साथ सबका विकास वही करेंगे और कोई नहीं करेगा.
आप सांसद ने बिल के बहाने यूपी सरकार को घेरा
आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि बिल का समर्थन करता हूं. ये वही बीजेपी है जिसके मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के राज में पिछड़ों की 18 हज़ार नौकरी खा ली. मंडल पे कितना बड़ा झूठ बोला सदन में इन्होंने. मंडल के समय तो ये कमंडल ले के निकल गए थे. मंदिर में चंदा चोरी करते हैं. यूपी में दलितों का जो हाल योगी सरकार ने कर रखा है उसके चलते यूपी में हाथरस कांड होता है, बलिया में जय प्रकाश पाल की एसडीएम के सामने हत्या कर दी गई. इनके राज में दलितों को मूँछ रखने पर मार दिया जाता है. आरक्षण की 50 फीसदी की सीमा बढ़ाने का भी बिल लाइए वरना ये ओबीसी बिल सिर्फ़ दिखावा है. मैंने चंदा चोरी का मामला उठाया तो मुझ पर 15 मुक़दमे कर दिए गए. मुझे गैंगेस्टर बनाना चाहते हैं. किसानों की आवाज़ नहीं सुनी जा रही.
वामपंथी पार्टियों ने भी किया बिल का समर्थन
केरल से सीपीआई सांसद बिनॉय विश्वम ने कहा कि मैं इस बिल का समर्थन करता हूं. ये अत्यावश्यक बिल है. वीपी सिंह की सरकार को गिराने का काम इसी बीजेपी के लोगों ने किया था और आज यहां सुशील मोदी वीपी सिंह के हवाले से मंडल में क्रेडिट लेना चाहते हैं. बीजेपी को सिर्फ़ झूठ बोलना आता है. ये तो मंडल के ख़िलाफ़ कमंडल ले कर आ गए थे. इन्होंने हिन्दू समाज को बांटने का काम किया है. और अब जनता को धोखा दे रहे हैं. मोदी सरकार दलितों की किलिंग कर रही है. मैं बिल का सपोर्ट और सरकार की राजनीति का विरोध करता हूं.
50 फीसदी की सीमा बढ़ाने का बिल भी लाए सरकार-कांग्रेस
कांग्रेस सांसद राजमनी पटेल ने कहा कि मध्यप्रदेश से इस बिल के बारे में यही कह सकते हैं कि - लाशें वही है लेकिन कफ़न बदला है. ये बिल सरकार की गलती का सुधार मात्र है. 52 फ़ीसदी ओबीसी है इस देश में. ओबीसी के प्रति सरकार की नीयत ठीक नहीं है. ये तो मंडल का विरोध कर रहे थे कमंडल के कर. मध्य प्रदेश में कहीं भी ओबीसी के 27 फीसदी आरक्षण का पालन नहीं हो रहा. कुल 74फीसदी आरक्षण है मध्य प्रदेश में. लेकिन 50 फीसदी की सीमा सुप्रीम कोर्ट की ओर से होने के कारण इसका पालन नहीं हो रहा. इसलिए ये सीमा बढ़ाई जानी चाहिए. जाति जनगणना होनी चाहिए. तभी शासन की नीतियों का फ़ायदा ओबीसी को मिल सकती है. क्रीमी लेयर को समाप्त करना चाहिए.
'बिल के बहाने दलितों का सगा बनने की होड़'
बीजेपी सांसद हरनाथ सिंह यादव ने कहा कि बिल के समर्थन में खड़ा हुआ हूं. कांग्रेस ने हमेशा वंचितों का नुक़सान किया लेकिन मुलायम सिंह यादव ने भी पिछड़ा आयोग को कभी संवैधानिक दर्जा दिलाने की कोशिश नहीं की. कांग्रेस ने किसान के बेटे पटेल को प्रधानमंत्री नहीं बनने दिया. जगजीवन राम को अपमानित किया. वहीं मल्लिकार्जुन खड़गे सहित कांग्रेस सांसदों ने बीजेपी पर मंडल के ख़िलाफ़ कमंडल ले कर आ जाने का इतिहास याद दिलाया.
सामाजिक न्याय मंत्री का सदन में जवाब
सामाजिक न्याय मंत्री वीरेंद्र कुमार ने ओबीसी बिल पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए एक महत्वपूर्ण बात ये कही कि आरक्षण की 50 फीसदी सीमा को बढ़ाने पर चर्चा होनी चाहिए क्योंकि इस नियम को 30 साल पहले लागू किया गया था और अब परिस्थितियां बदल चुकी. ये कह कर दरअसल सरकार ने विपक्ष की ही मांग को समर्थन देने की ओर इशारा किया. कांग्रेस समेत सभी विपक्षी पार्टियों ने बिल पर चर्चा के दौरान ये कहा था कि आरक्षण की सीमा बढ़ाए बिना ओबीसी बिल का कोई सार्थक उपयोग नहीं हो पाएगा.
वीरेंद्र कुमार ने अपने जवाब में कहा कि जवाब मुझे बहुत खुशी है कि पूरा सदन समर्थन में है. हमारी सरकार सामाजिक न्याय के लिए प्रतिबद्ध है. हमारी सरकार द्वारा ओबीसी वर्ग के लिए जो कदम उठाए गए वो इसको दर्शाता है. राज्य सरकार द्वारा मराठा आरक्षण में ये फ़ैसला आया है, उच्च न्यायालय ने संविधान 102 को बरकरार रखते हुए कहा है कि यह संशोधन संविधान के बुनियादी ढांचे को चोट नहीं पहुंचा सकता और कहा की राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग के हिसाब से ओबीसी कमिशन तय करेगा और राज सरकार को वंचित कर दिया.
Source:Ani,Abp