केंद्र सरकार ने बुधवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए मॉडल टेनेंसी एक्ट को मंजूरी दे दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में इस एक्ट को मंजूरी दी गई। आपको बता दें कि इस एक्ट के आने के बाद भारत में रेंटल हाउसिंग के क्षेत्र में सुधार देखने को मिलेगा। आगे इस क्षेत्र में कई बदलाव लाने के लिए या इस मसौदे को कानून बनाकर या फिर मौजूदा कानून में संशोधन करके इसमें दिए गए प्रावधान लागू किए जा सकते हैं।
राज्य और केंद्र शासित प्रदेश बना सकेंगे अब कानून
आपको बता दें कि आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने 2019 में मॉडल टेनेंसी बिल के ड्राफ्ट को तैयार किया था और अब जाकर इस एक्ट को कैबिनेट की मंजूरी मिली है।
मॉडल टेनेंसी एक्ट के ड्राफ्ट को राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को भेजा जाएगा और उसके बाद राज्य और केंद्र शासित प्रदेश इस ड्राफ्ट को अपनाकर इसे कानून का रूप दे सकेंगे।
इस एक्ट से क्या होंगे फायदे
- आपको बता दें कि इस एक्ट के जरिए रेंटल हाउसिंग मार्केट को बेहतर बनाया जा सकेगा। यह सभी आय समूहों के लिए पर्याप्त किराये के आवास स्टॉक के निर्माण को सक्षम करेगा, जिससे बेघरों की समस्या का समाधान होगा। मॉडल टेनेंसी एक्ट औपचारिक बाजार की ओर धीरे-धीरे शिफ्ट करके किराये के आवास के इंस्टीट्यूनेशनालाइजेशन को सक्षम बनाएगा।
- मॉडल टेनेंसी एक्ट किराए के आवास उद्देश्यों के लिए खाली घरों को खोलने की सुविधा प्रदान करेगा। इससे आवास की भारी कमी को दूर करने के लिए एक व्यवसाय मॉडल के रूप में किराए के आवास में निजी भागीदारी को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
- मॉडल टेनेंसी एक्ट से लोगों को प्रॉपर्टी किराये पर लेने में आसानी होगी। धोखाधड़ी या प्रताड़ना से बचने का पूरा अधिकार मिलेगा। इसके लिए लोगों के पास अदालत में जाने का भी विकल्प होगा। अगर किरायेदार और मकान किराए पर देने वाले दोनों को फायदा होगा। दोनों को किसी बात को लेकर विवाद होने पर अथॉरिटी में जाने का अधिकार होगा। इसके लिए अलग से कोर्ट को भी व्यवस्था होगी।
सरकार ने दावा किया है कि मॉडल टेनेंसी एक्ट किराये के आवास के लिए खाली मकानों को खोलने की सुविधा प्रदान करेगा।