एक तरफ सरकार अपनी भावुकता दिखा रही अपना सारा बजट आम आदमी पर न्योछावर करना चाहती है मगर
प्रदेश में अनुशासन पखवाड़ा लगने के साथ ही आम आदमी मजबूरी के चलते घरों में बैठ चुका है इक्के-दुक्के लोग आवश्यक काम के लिए घर से निकल निकलते है इस बीच अगर उनको पुलिसिया कार्रवाई का सामना करना पड़े तो आम आदमी को इन हालातों में कोई भी विकल्प इस मुश्किल घड़ी में नजर नहीं आता है। जहां एक और शहरवासी कोरोना के दंश से जूझ रहे हैं वही आमजन पर चालान के चाबुक से भी वार किया जा रहा है। बीकानेर के आम नागरिक पर कोरोना के साथ-साथ चालान की भी दोहरी मार पड़ रही है । हालांकि यह बात सही है कि कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए सख्ती आवश्यक है मगर इस सख्ती की आड़ में पुलिस द्वारा जबरन चालान भी काटे जा रहे हैं। आज इसी संदर्भ में बीकानेर बार एसोसिएशन ने पुलिस अधीक्षक के नाम एक पत्र भी लिखा है जिसमें पुलिस कर्मचारियों व अधिकारियों द्वारा बढ़ती जा रही अनाधिकृत सख्ती के बारे में लिखा गया है।
कोरोना की इस भयावह दूसरी वेव के दौरान जिन लोगों की शादियां हैं उनसे अपील है कि फिलहाल अपनी शादी टाल दें। अभी शादी में खुशियों से अधिक कोविड की चिन्ता लगी रहेगी। इस महामारी पर विजय पाने के लिए कोविड संक्रमण की चैन को तोड़ना जरूरी है जो शादी में आने वाली भीड़ से संभव नहीं होगा।@ashok gehlot ट्वीट
आपको बता दें बीते दिनों पुलिस अधीक्षक का एक वीडियो सोशल मीडिया पर आया था जिसमें पुलिस अधीक्षक पुलिस के जवानों को यह कहते हुए सुनी जा सकती है कि वह यहां खड़े होकर वह अभी 50 चालान काट सकती है उस संदेश से यह प्रतीत होता है कि बीकानेर की पुलिस अधीक्षक ऐसे चालान को लेकर पुलिस कर्मचारियों पर दबाव बना रही है।
कल ऐसा ही एक और मामला हुआ जहां एक बीकानेर के नागरिक गणेश लाल व्यास का भी चालान सोशल डिस्टेंसिंग के नाम पर काटा गया और यह कहते हुए काटा गया कि 100 रुपए का चालान तो कटेगा ही व्यास ने बताया कि इस संदर्भ में पुलिस अधीक्षक को व्हाट्सएप के जरिए बताया गया साथ ही उन्हें फोन भी किया गया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया साथ ही जिला कलेक्टर नमित मेहता को भी फोन किया गया मगर उन्होंने भी फोन नहीं उठाया।