बीकानेर, 11 मई। कोरोना महामारी से माता-पिता की मौत होने के बाद अनाथ बच्चों को गोद लेने के लिए आगे आने से संबंधित वायरल मैसेज पूर्णतया आधारहीन हैं। कोई भी इससे प्रभावित नहीं हों तथा इनके संबंध में किसी भी नंबर पर काॅल नहीं किया जाए।
बाल अधिकारिता विभाग की सहायक निदेशक कविता स्वामी ने बताया कि कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर मैसेज वायरल हो रहे हैं, जिनमें बताया जा रहा है कि कोरोना महामारी से माता-पिता की मौत होने के बाद बच्चे अनाथ हो गये हैं, इन्हें गोद लेने के लिए लोग आगे आएं। उन्होंने कहा कि इस तरह के सभी मैसेज फेक हैं। कोई भी इनके साथ दिए गए नंबरों पर काॅल नहीं करें। ऐसे मैसेज से ट्रेफिकिंग के केस बढ़ने की सम्भावना अधिक है।
उन्होंने बताया कि यदि इस तरह का कोई मैसेज आता है तो चाइल्ड हेल्पलाईन 1098 तथा बाल कल्याण समिति एवं बाल अधिकारिता विभाग से सम्पर्क किया जाए। बच्चों को गोद देने की प्रक्रिया का कार्य दत्तक ग्रहण एजेंसी के माध्यम से किया जाता है और यह एक कानूनी प्रक्रिया है। उन्होंने बताया कि बाल अधिकारिता विभाग के अधीन जिले में विशेषज्ञ दत्तक ग्रहण संस्थापन एजेंसी संचालित है। दत्तक ग्रहण का समस्त कार्य सेन्ट्रल एडोप्सन रिसोर्स एथोरिटी के दिशा निर्देशानुसार आॅनलाईन सम्पादित किया जाता है।