बीकानेर 6 फरवरी 2021/ 9-A, माहेश्वराय, खतूरिया कालोनी में आज कथा के आठवें दिवस के समापन दिवस पर DKR सेवा ट्रस्ट के तत्त्वावधान मे आयोजित कथा भागवताचार्य पं.आशाराम व्यास जी ने स्यामन्तक मणि, शिशुपाल एवं जरासंध तथा सुदामा प्रकरणों द्वारा ये बताया कि जहां मानवीय संवेदना समाप्त हताश हो जाती हैं वहां भी प्रभु की कृपा प्राप्त होती है।
पं. आशाराम व्यास जी ने बताया कि आठवें दिन की कथा का श्रवण करने से सातों दिन की कथा सुनने का फल प्राप्त होता है। आपने बताया कि भागवत के सभी स्कंधों का अलग ही महत्व है।
पं. व्यास जी ने बताया कि भागवत का पहला स्कंध सत्य स्कंध कहलाता है यानि "सत्यं ज्ञानमनन्तं ब्रह्म"
इस प्रकार से दूसरा स्कंध "हृदय विचार स्कंध" कहलाता है। "मन का स्कंध" तीसरा स्कंध कहलाता है। 4था स्कंध सर्वत्र स्कंध जिसकी मुख्य पात्र है अनसुईया जी । पांचवें स्कंध को प्रकृति का स्कंध कहलाता है
6ठा स्कंध अनुग्रह स्कंध कहलाता है। इसी प्रकार से सभी स्कंध यह शिक्षा देते हैं कि सब में ईश्वर को देखिये। आपने कहा कि आपका अवचेतन मन भाव वाचक और और चयनहीन है ।उसके लिए वही सच है जो आप मानते हैं। इसलिए हमेशा सत्य बोले, प्रिय बोले वही करें जिससे इस जगत के जीव मात्र का कल्याण हो ।
कथा सत्र के अंत मे डी.के. आर. सेवा ट्रस्ट के जनकल्याण परक उद्देश्यों की जानकारी देते हुए श्री श्याम मनोहर लोहिया ने बताया कि 2013 को विधिवत रूप से स्थापित यह.ट्रस्ट सेवा, स्वास्थ्य,पर्यावरण, गौरक्षा के महत्वपूर्ण कार्य करने के साथ साथ महामारी की अवस्था में भी सेवा के विभिन्न क्षेत्रों में काढा पिलाने जैसे कार्य करता है।