बीकानेर, 12 मार्च। कृषि अनुसंधान केंद्र पर बील के नये बगीचे की स्थापना की शुरुआत स्वामी केशवानन्द राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रक्षपाल सिंह ने बील का पौधा लगाकर की। इस अवसर पर कुलपति ने कहा की इस क्षेत्र के लिए बील एक उत्तम फल है जिस पर अनुसंधान की संभावनाएं हैं। इसकी विभिन्न किस्मों को लगाकर मूल्यांकन किया जाएगा व इस क्षेत्र के लिए सर्वाधिक उपयुक्त किस्म की संस्तुति की जाएगी। उन्होंने बताया कि मध्यम आकार के बील के फलो की बाजार मे अधिक मांग है तथा इसका ज्यूस स्वास्थ्य के लिए अच्छा है और इसका औषधीय महत्व है ।
सह आचार्य डॉ राजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि शुष्क फल अनुसंधान परियोजना के अंतर्गत बील का नया बगीचा लगाया जा रहा है। जिसमें बील की आठ किस्मों थार दिव्या, थार नीलकंठ, थार सृष्टि, गोमा याशी, एन बी 8, एन बी 10, एन बी 17 एवं सी आई एस एच-3 के 152 पौधे कृषि अनुसंधान केंद्र पर लगाए जाएंगे। दो किस्मों के 50 पौधे लगाकर इसकी शुरूआत की गई।
इस अवसर पर अनुसंधान निदेशक डॉ प्रकाश सिंह शेखावत, डॉ ए आर नकवी, डॉ अमर सिंह, डॉ एस पी सिंह, डॉ रणजीत सिंह, डॉ बी डी एस नाथावत, डॉ शिव नारायण आदि उपस्थित रहे।
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