आजादी का अमृत महोत्सव- कार्यक्रमों की श्रृंखला
बीकानेर, 23 मार्च। कुर्बान कर दी जिदंगी जिन्होंने वतन की हिफाजत में, उन्हीं के दम पर आज हिंदूस्तान कायम है...शहीदे आजम भगतसिंह, सुखदेव व राजगुरू के शहादत दिवस पर उनको नमन करने के लिए यहां हर कोई भावविभोर खड़ा था। जनप्रतिनिधि, युवा और आमजन ने मंगलवार को बीकानेर तहसील के शेरेरां गांव में अमर शहीद भगतसिंह, सुखदेव व राजगुरू को श्रद्धाजंलि दी गई और अहिंसा यात्रा निकाली गई।
शेेरेरां गांव में मंगलवार की सुबह यह अहिंसा यात्रा पूर्व गृह राज्य मंत्री वीरेन्द्र बेनीवाल के सान्निध्य में निकाली गई। अहिंसा यात्रा के बाद शेरेरां गांव की चौपाल में ही विचार गोष्ठी का आयोजन हुआ। विचार गोष्ठी में शहीद भगतसिंह, राजगुरू व सुखदेव को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
इस मौके पर पूर्व मंत्री वीरेन्द्र बेनीवाल ने कहा कि हमारा देश ऐसे ही आजाद नहीं हुआ, भगतसिंह, राजगुरू, सुखदेव जैसे आजादी के सूरमाओं ने अपनी शहादत दी और आजादी के लिए लड़ी जा रही जंग में क्रांति आई और देश आजाद हुआ। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का युवा पीढ़ी को संबोधित यह कथन ‘जिनके रास्ते सही हैं वो मंजिल को जरूर पाएंगे‘, आज भी प्रासंगिक है।
पूर्व गृह राज्य मंत्री बेनीवाल ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती वर्ष तथा देश की आजादी की 75 वीं वर्षगांठ पर मनाया जा रहा आजादी का अमृत महोत्सव युवा पीढ़ी के लिए इस मायने में प्रेरणा स्त्रोत का काम करेगा और इसी से ऐसे आयोजन की सार्थकता सिद्ध होगी। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने आजादी की लड़ाई लड़ने के साथ-साथ समानता, सर्वधर्म समभाव, पर्यावरण संरक्षण व स्वच्छता का जो संदेश उस समय दिया, वो आज भी प्रेरणादायक है। बेनीवाल ने कहा कि अनेकता में एकता का भाव अक्षुण्ण बनाए रखना हम सभी देशवासियों का कर्तव्य है।
कार्यक्रम में बीकानेर पंचायत समिति के प्रधान लालचंद आसोपा ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने सत्य व अहिंसा के मार्ग पर चलने का संदेश दिया। नापासर अर्जुनराम कूकणा ने विचार गोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि बापू का जीवन दर्शन ही उनका संदेश है। क्रांति का अर्थ है परिवर्तन लाने का प्रयास, जिसकी वर्तमान परिस्थितियों में भी कई मायनों में जरूरत है।
अहिंसा यात्रा व विचार गोष्ठी में जिला परिषद सदस्य सुरेन्द्र गोदारा, शिक्षक प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव भूराराम शर्मा, शेरेरां के भागीरथ गोदारा, समाजसेवी कन्हैयालाल सारस्वत, नापासर के रतिराम तावणिया, सरपंच दाउदसर सफी मोहम्मद, जिला गुसांईसर के अखीराम गोदारा, राजेरां के सरपंच चैरूलाल गोदारा, हेमेरां के गणपतराम, पूर्व सरपंच जीवराज पुगलिया, रूणिया बड़ावास के सुखाराम गोदारा, कतरियासर से महंत दूलनाथ, शेरूशाह, दाउदसर पूर्व सरपंच रामदयाल गोदारा, हनुमान कूकणा सहित बड़ी संख्या में गणमान्य जन उपस्थित थे।