बीकानेर। इंदिरा गांधी नहर परियोजना की मरम्मत के लिए इस वर्ष करीब 84 दिन की प्रस्तावित नहर बंदी की जाएगी। जिला कलक्टर नमित मेहता ने आमजन से नहरबंदी के दौरान पानी को सावधानी से बरतने और अधिकतम सदुपयोग करने की अपील की।
जिला कलक्टर मेहता ने इस संबंध में शनिवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि नहर बंदी के दौरान पानी की किल्लत ना हो इसके लिए पीएचइडी , आईजीएनपी सहित सभी संबंधित विभागों के अधिकारी फील्ड पर जाकर माइक्रो लेवल पर प्लानिंग करते हुए वैकल्पिक रणनीति तैयार कर लें और अगले दो दिनों में इस प्लान को प्रस्तुत करें ताकि सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुचारु रुप से समय पर की जा सके। मेहता ने कहा कि नहर बंदी के दौरान जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग, आईजीएनपी तथा संबंधित स्थानीय प्रशासन का विशेष भूमिका रहेगी।
दो चरणों में होगी नहर बंदी
बैठक में आईजीएनपी के चीफ इंजीनियर विनोद चैधरी ने बताया कि प्रस्तावित नहर बंदी दो चरणों में होगी जिसके तहत 7 मार्च से 30 अप्रैल तक आंशिक नहर बंदी तथा 1 से 31 मई तक पूरी तरह नहर बंदी रहेगी। 7 मार्च से सिंचाई के लिए दिए जाने वाला पानी भी बंद कर दिया जाएगा।
जिला कलेक्टर ने कहा कि नहरी क्षेत्र से संबंधित एसडीएम ,तहसीलदार और विकास अधिकारी विभिन्न विभागों के साथ समन्वय करते हुए नहरबंदी के दौरान उपलब्ध पानी का सर्वोच्च सदुपयोग हो इसके लिए आमजन से समझाइश करें।
इसके मद्देनजर सभी उपलब्ध वॉटर स्टोरेज पॉइंट्स पहले से ही भर लिए जाएं और नहर बंदी के दौरान पानी वितरण करने की शेड्यूलिंग इस प्रकार हो कि एक नहर में पुनः पानी पहुंचने के समय में कम से कम गैप रहे। मेहता ने कहा कि जिन क्षेत्रों में खेती अच्छी है उपखंड अधिकारी लंबी नहर बंदी के चलते लोगों को समझाइश करें कि पेयजल के पानी को सिंचाई के लिए इस्तेमाल ना करें जिससे आने वाले समय में पेयजल किल्लत की स्थिति ना बन सके।
जिला कलक्टर ने कहा कि पीएचईडी के अधिकारी फील्ड में जाकर क्रिटिकल प्वाइंट चिन्हित करते हुए माइक्रो लेवल पर रणनीति बनाएंगे और इस संबंध में उपखंड अधिकारी के साथ समन्वय स्थापित कर विशेष जागरूकता कैंपेन भी चलाएंगे।
फील्ड में उपस्थित रहने के लिए अधिकारी पाबंद
मेहता ने कहा कि सभी विभाग अपने फील्ड अधिकारियों को फील्ड में उपस्थित रहने के लिए पाबंद करें । उन्होंने कहा कि यदि कोई अधिकारी बिना अनुमति के नहर बंदी के दौरान अनुपस्थित पाया जाती हैं तो संबंधित के विरुद्ध सख्त कार्रवाई अमल में लाएं। पानी, चोरी जैसी घटनाएं रोकने के लिए अतिरिक्त जिला कलक्टर (शहर) आरएसी के जवानों की टीम तैयार करवाएंगे । पुलिस आईजीएनपी और पीएचडी के अधिकारियों से समन्वय करते हुए आवश्यकता पड़ने पर मदद के लिए उपलब्ध रहेगी।सर्वाधिक प्रभावित होने वाले गांवों की सूची दें।
जिला कलक्टर ने नहरबंदी से सर्वाधिक प्रभावित होने वाले गांवों की सूची उपखंड वार उपलब्ध कराने के निर्देश देते हुए कहा कि इस संबंध में विश्लेषण करते हुए वैकल्पिक व्यवस्था समय पर तैयार कर ली जाए और साथ ही ऐसे गांव जहां अंतिम 10 से 15 दिनों में क्रिटिकल स्थिति बने वहां विशेष व्यवस्था के प्रावधान किए जाएं। मेहता ने कहा कि रणनीति तैयार करने के दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखें कि पानी वितरण शेड्यूल इस प्रकार तैयार किया जाए कि ऐसा कोई गांव नहीं हो जहां लंबे समय तक पानी ना पहुंचे।समझाइश कार्य को भी प्राथमिकता पर रखें।