बीकानेर, 26 फरवरी। पीसीपीएनडीटी अधिनियम, 1994 एवं नियम 1996 के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु जिले के उपखंड समुचित प्राधिकारियों के प्रशिक्षण हेतु एक दिवसीय आमुखीकरण कार्यशाला शुक्रवार को स्वास्थ्य भवन सभागार में आयोजित की गई। उपखण्ड बीकानेर के समुचित प्राधिकारी (पीसीपीएनडीटी) एवं संयुक्त निदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवायें, बीकानेर जोन डाॅ. देवेन्द्र चैधरी द्वारा जिले में लगातार सुधरते लिंगानुपात की सराहना करते हुए इसे और बेहतर करने हेतु प्रयास करने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि पीसीटीएस पोर्टल की रिपोर्ट अनुसार जिले में जन्म पर लिंगानुपात गत वर्ष के 974 प्रति हजार से बढ़कर 976 पर आ गया है।
सीएमएचओ डॉ सुकुमार कश्यप ने बताया कि लिंगानुपात के मामले में जिला राज्य में तीसरे स्थान पर विराजित है। जिले में सरकारी व निजी मिलाकर कुल 77 सोनोग्राफी केंद्र कार्यशील हैं। सभी मशीनों पर एक्टिव ट्रैकर लगे हैं तथा केन्द्रों को सीसीटीवी सर्विलांस पर रखा गया है। पीसीपीएनडीटी अधिनियम के प्रभावी अनुपालन के लिए इनके नियमित निरीक्षण की आवश्यकता है। उपखण्ड खाजूवाला के समुचित प्राधिकारी (पीसीपीएनडीटी) एवं आरसीएचओ डाॅ. राजेश कुमार गुप्ता द्वारा ’’बेटी बचाओ बेटी पढाओ’’ योजनान्तर्गत नवाचारों को बढ़ावा देने और जिले में मुखबीर तंत्र को सुदृढ करने पर बल दिया गया। उपखण्ड पूगल के समुचित प्राधिकारी (पीसीपीएनडीटी) एवं जिला टीबी अधिकारी डाॅ. चन्द्रशेखर मोदी द्वारा डिकाॅय कार्यवाहियों की नियमित गतिविधियाँ करने पर जोर दिया गया।
उन्होंने बालिकाओं से जुडी सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु सामजिक संगठनो के समन्वय की बात कही जिससे बालिकाओं को आगे बढने का मौका मिल सके। जिला पीसीपीएनडीटी समन्वयक महेन्द्र सिंह चारण ने बताया कि माननीय चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा के निर्देशानुसार 15 फरवरी से 05 मार्च, 2021 तक राज्य भर में विशेष निरीक्षण अभियान चलाया जा रहा है जिसके तहत समस्त पंजीकृत सोनोग्राफी केन्द्रों को कम से कम एक बार निरीक्षण करने, उन्हें इम्पैक्ट सॉफ्टवेयर में अपडेट करने एवं पीसीपीएनडीटी अधिनियम, 1994 एवं नियम, 1996 की अक्षरशः पालना सुनिश्चित करने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बेटियों को आगे लाने के लिए ‘‘डॉटर्स आर प्रेशियस’’ तथा ‘‘डॉक्टर्स फॉर डॉटर्स’’ जैसे नवाचारों की जानकारी दी।
मुखबिर योजना में ढाई लाख ईनाम का प्रावधान
सीएमएचओ डॉ कश्यप ने बताया कि पीसीपीएनडीटी एक्ट के उल्लंघन सम्बन्धी सूचना देने वाले मुखबिर के लिए सरकार द्वारा ढाई लाख रूपए तक ईनाम का प्रावधान किया गया है। कोई भी व्यक्ति टोल फ्री न. 104 या 108 पर सूचना दे सकता है साथ ही जिला स्तरीय कण्ट्रोल रूम न. पर भी सूचना दी जा सकती है। ऐसे मुखबिर की पहचान गुप्त रखी जाती है।