बीकानेर। लूप्त हो रही राजस्थानी संस्कृति बचाने में प्रयासरत कलाकार पवन व्यास 2019 में अंगुलीयों पर सबसे छोटी राजस्थानी पाग – पगड़ीयां बांध कर विश्व में बीकानेर – राजस्थान का नाम रोशन कर चुके है। हाल ही में व्यास द्वारा बांधी गई विश्व की सबसे बड़ी पगड़ी को लन्दन की वर्ल्ड बुक द्वारा डेटा जाँच करने के उपरांत सत्यपित कर विश्व की सबसे लम्बी पहनने योग्य पगड़ी बताई गई जो बिना किसी ग्लू व आलपिन के जरिए बनाई गई है। जो कि 1569 फीट (478.5मीटर) लम्बी है ।
वर्ल्ड बुक द्वारा जारी किया गया प्रमाण पत्र बीकानेर पूर्व विधायिका सिद्धि कुमारी व उद्यमी सविता पुरोहित द्वारा पवन व्यास को सस्नेह पूर्वक प्रदान किया गया । सिद्धि कुमारी ने बताया कि वर्ल्ड बुक में बीकानेर का नाम सजने पर मुझे बहुत खुशी है साथ ही महेश सिंह ने कहा कि युवाओं के नवाचार से मुझे बहुत प्रशंसा होती है ।
लोकेश व्यास ने बताया कि पवन व्यास तकनीकी शिक्षा के विद्यार्थी है। उन्होंने बीकानेर के राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज से इलेक्ट्रॉनिक्स में इंजीनियरिंग डिप्लोमा किया है । व्यास पिछले 11 वर्षो से साफा बांधने का कार्य कर रहे है, विभिन्न प्रकार के साफे बांधने की कला में माहिर व्यास ने अभी तक हजारों साफे निःशुल्क बांध दिये। व्यास की इस कला को जागृत करने में पिता बृजेश्वर लाल व्यास व चाचा गणेश लाल मुख्य योगदान है । वर्ष 2019 में व्यास ने 1-3 सेंटीमीटर की सबसे छोटी 10 अलग अलग तरह की पगड़ी अपनी हाथों की अंगुलियों में बांध कर अपना नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज करवाया था । हाल ही में बनाई गई विश्व की सबसे बड़ी पगड़ी का रिकॉर्ड लंदन की वर्ल्ड बुक में दर्ज होने के बाद दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे छोटी पगड़ी के रिकॉर्ड व्यास के नाम हो गये हैं ।