जयपुर@ गहलोत सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा कदम उठाते हुये रिश्वत के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजे गये बारां के तत्कालीन कलक्टर आईएएस इंद्र सिंह राव को सस्पेंड कर दिया है. इंद्रसिंह का निलंबन काल 23 दिसंबर से माना जाएगा. रिश्वत के मामले में आईएएस इंद्र सिंह राव फिलहाल न्यायिक अभिरक्षा में हैं. निलंबन काल के दौरान आईएएस इंद्र सिंह राव का मुख्यालय प्रमुख शासन सचिव कार्मिक विभाग सचिवालय रहेगा. राज्य के कार्मिक विभाग ने राव के निलंबन के आधिकारिक आदेश जारी कर दिए हैं. राज्य सरकार ने सोमवार देर रात जारी की गई तबादला सूची में राजेंद्र विजय को बारां का नया कलक्टर नियुक्त कर दिया है.
एसीबी ने नहीं की सस्पेंड करने की अनुशंसा
एसीबी ने इस मामले में राज्य के कार्मिक विभाग को आईएएस निलंबन करने की अनुशंसा नहीं की थी. आमतौर पर एसीबी निलंबन करने की अनुशंसा करती है. लेकिन इस मामले में एसीबी ने कार्मिक विभाग को सिर्फ एफआईआर की कॉपी भेजी थी. लेकिन मुख्यमंत्री कार्यालय ने इंद्र सिंह को सस्पेंड करने के निर्देश दे दिए. मुख्यमंत्री कार्यालय के निर्देश पर राज्य के कार्मिक विभाग ने इंद्र सिंह को सस्पेंड कर दिया है. राज्य सरकार ने अखिल भारतीय सेवाएं (अनुशासन एवं अपील) नियम 1969 के नियम 3 के उप नियम 2 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए निलंबित किया है.
23 दिसंबर को अरेस्ट हुए थे इंद्र सिंह
23 दिसंबर को राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने आईएएस अधिकारी बारां जिले के तत्कालीन कलक्टर इंद्र सिंह राव को रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था. एसीबी की टीम ने गत 9 दिसंबर को राव के निजी सहायक (पीए) को पेट्रोल पम्प का अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) जारी करने की ऐवज में 1.40 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. तब से ही इंद्र सिंह न्यायिक अभिरक्षा में है. इंद्र सिंह इससे पहले भी एक बार सस्पेंड हो चुके हैं. इसके साथ वे 6 बार एपीओ भी हो चुके हैं. प्रमोटी आईएएस इंद्र सिंह राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रहते हुए विभिन्न जिलों में एसडीएम के पद पर रहे हैं.