उरमूल द्वारा संचालित 'द कैमल पार्टनरशिप' के अंतर्गत बज्जू में क्लस्टर स्तरीय ऊंटपालक फेडरेशन का पुनर्गठन किया गया। इस बैठक में बज्जू, बांगड़सर, बीठनोक, गोविंदसर, ग्रांधी, चारणवाला,नाडा, तंवरवाला, नोख,मदासर, फत्तुवाला आदि गांव के ऊंट पालक शामिल हुए बैठक की शुरुआत ऊंट पालकों के पंजीकरण द्वारा की गई। इसके बाद द कैमल पार्टनरशिप के अंतर्गत परियोजना समन्वयक कंवर सिंह ने वर्तमान बैठक को आयोजित करने के उद्देश्य के बारे में विस्तारपूर्वक बताया। जिसमें बज्जू, चिमाणा एवं पोकरण स्तर पर अलग-अलग फेडरेशन के माध्यम से ऊंटपालकों को संगठित करना शामिल है।
इसके बाद परियोजना निदेशक राम प्रसाद हर्ष ने इस फेडरेशन की संरचना को लेकर ऊंट पालकों को बताया कि यह फेडरेशन संगठन तीन अलग-अलग इस तरह पर कार्य करेगा पहला ग्राम स्तरीय ऊंटपालक समिति, दूसरा क्लस्टर स्तरीय और पालक फेडरेशन, तीसरा प्रबंधन कार्यकारिणी। तीनों क्लस्टर को साथ लाने के लिए भी एक समिति तैयार की जाएगी जो कि इन तीनों क्लस्टर के ऊंट पालकों को मिलाकर गठित की जाएगी।
डेयरी विशेषज्ञ नगेन्द्र शर्मा दूध की बिक्री से जुड़े अपने अनुभव को उन्होंने सबके साथ साझा किया और ऊंटपालकों से उनकी समस्याओं के बारे में जाना।
इसके बाद प्रबंधन कार्यकारिणी के गठन की प्रक्रिया को क्षेत्र समन्वयक राजेंद्र प्रसाद द्वारा शुरू किया गया जिसमें प्रत्येक गांव से शामिल ऊंट पालकों ने अपनी भागीदारी को सुनिश्चित करते हुए अपने प्रतिनिधियों के नाम आगे किए और उनका चयन प्रबंधन कार्यकारिणी में किया गया। इसके साथ फेडरेशन का नामकरण भी 'बालीनाथ ऊंटपालक फेडरेशन' किया गया। बैठक में 15 सदस्य कार्यकारिणी गठित की गई जिसमें श्रीराम राईका, गेनाराम राईका, अंचलाराम राईका, आसुराम बिश्नोई,रामूराम राईका, गोमदराम राईका, रामचन्द्र कुमावत आदि शामिल है।