कर्फ्यू के लिए फिलहाल कोई ढिलाई नहीं,15 जनवरी तक पुरानी गाइडलाइंस जारी रहेगी

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जयपुर@ मुख्यमंत्री मंत्री आवास पे हुई बैठक में कॉविड की गाइड लाइन यथा सिथिति पे रखते हुए 15 जनवरी तक बढ़ा दी गई है।

राजस्थान सरकार ने कोरोना संक्रमण को कंट्रोल करने के लिए पाबंदियों को 15 जनवरी तक बरकरार रखा हैं। स्कूल, कॉलेज सहित अन्य गतिविधियां शुरू होने या उनको शुरू करने के लिए नियमों ढील देने के जो कयास लगाए जा रहे थे, वह धरे रह गए। गृह विभाग ने आज देर शाम आदेश जारी करते हुए 15 जनवरी तक स्कूल, कॉलेज न खोलने और राजनैतिक, सामाजिक, खेलकूद, मनोरंजन, शैक्षणिक या धार्मिक आयोजनों पर रोक लगा दी हैं।

स्कूल, कोचिंग, कॉलेज खोलने को लेकर पिछले लंबे समय से स्कूल-कॉलेज संचालक मांग कर रहे हैं। पिछले दिनों शिक्षा विभाग ने कक्षा 9 से 12वीं तक स्कूल खोलने का प्रस्ताव सरकार को भिजवाया भी था। शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने भी सार्वजनिक तौर पर बयान देते हुए कहा था कि स्कूल खुलवाने का प्रस्ताव भिजवाया हैं, जिसका फैसला मुख्यमंत्री स्तर पर होगा। लेकिन मेडिकल हैल्थ से जुड़े विशेषज्ञों की राय के बाद इस प्रस्ताव को ड्रॉप कर दिया।


बरकरार रहेगा नाइट कर्फ्यू

जयपुर, जोधपुर, कोटा, बीकानेर, उदयपुर, अजमेर, अलवर, भीलवाड़ा, नागौर, पाली, टोंक, सीकर और गंगानगर में जो नाइट कर्फ्यू सरकार ने नवंबर में लगाया था, वह 15 जनवरी तक बरकरार रहेगा। यानी बाजार में मेडिकल दुकानों को छोड़कर शेष दुकानें शाम 7 बजे से बंद होनी शुरू हो जाएंगी। ये नाइट कर्फ्यू रात 8 से सुबह 6 बजे तक रहेगा। यही नहीं जिन जिलों में कोरोना के ज्यादा मरीज अगर मिलते हैं, तो वहां कंटेनमेंट जोन भी बनाए जा सकते हैं।

कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई में आज का दिन राजस्थान के लिए महत्वपूर्ण है, आज से प्रदेश के 7 जिलों में वैक्सीनेशन का ड्राय रन किया जा रहा है। वास्तविक वैक्सीनेशन प्रक्रिया शुरू होने से पहले टीकाकरण के लिए अचूक व्यवस्था सुनिश्चित होना जरूरी है।

मैं सभी प्रदेशवासियों को आश्वस्त करता हूँ कि हम प्रदेश को वैक्सीनेशन प्रक्रिया में भी देशभर में अग्रणी रखेंगे। राज्य सरकार की प्रदेश में बिना किसी परेशानी के, तय समय में और केंद्र सरकार की गाइडलाइंस के मुताबिक़ वैक्सीनेशन की पूरी तैयारी है।

पोस्ट कोविड लक्षण, कॉम्प्लिकेशन जैसे थकावट,सांस भरना,याददाश्त में कमी होना,शुगर बढ़ जाना,स्ट्रेस-डिप्रेशन-एंग्जाइटी,पुरानी बीमारी का बढ़ जाना आदि के प्रति लोगों में अवेयरनेस हेतु भी प्रचार-प्रसार हो ताकि ऐसे लक्षण दिखने पर लोग चिकित्सकीय परामर्श हेतु डॉक्टर्स के सम्पर्क में रहें।

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