बीकानेर 19 दिसम्बर 2020 देश की आजादी के लिए अपने त्याग बलिदान एवं सर्मपण से एक नया इतिहास रचने वाले अमर शहीद कवि-शायर एवं राष्ट्रीय सद्भावना एवं भाईचारे के अनुपम उदाहरण पं. राम प्रसाद बिस्मिल एवं अशफाक उल्लाह खान को उनके आज शहीदी दिवस पर गत वर्ष कि भांति ही प्रज्ञालय संस्थान एवं गरीब नवाज़ यूथ फैडरेशन बीकानेर द्वारा इन दोनो महान आत्माओं को नमन एवं स्मरण किया। कार्यक्रम कि अध्यक्षता करते हुए कवि-कथाकार एवं राजस्थानी मान्यता आंदोलन के प्रवर्तक कमल रंगा ने दोनो अमर शहीदो कि देश भक्ति एवं सद्भावना को नमन करते हुए कहा कि भारत मां के ऐसे सपूतों का बलिदान, त्याग एवं महान भावना आज भी प्रांसगिक है। आज के युवाओं को ऐसी महान विभूतियों के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथी सोजत सिटी के वरिष्ठ शायर एवं बाल साहित्यकार अब्दुल समद राही नें कहा कि बिस्मल एवं खान ने देश के लिए कलम भी चलाई तो हथियार भी उठाए और अपनी देश भक्ति के चलते राष्ट्र के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। ऐसे शहीदीयो कि जीवनी पाठ्यक्रम में लागू होनी चाहिए।कार्यक्रम के दूसरे चरण में राष्ट्रीय स्तरीय सर्वभाषा काव्य गोष्ठी का आयोजन एवं दोनो शहीदों के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर पत्रवाचन जयपुर के युवा शायर कासिम बीकानेरी ने कहा कि पंडित राम प्रसाद बिस्मिल ओर शहीद अशफाक उल्लाह खान ने आजादी की लड़ाई में हिस्सा लेकर देश के नौजवानों में देशभक्ति की भावना का संचार कर दिया पंडित बिस्मिल और शहीद अशफाक उल्लाह कौमी एकता के पैरोकार थे इसके साथ ही राष्ट्रीय स्तरीय सर्वभाषा काव्यगोष्ठी का आगाज जैसलमेर के युवा शायद माजिद अली गौरी ने अपनी ताजा गजल पेश किऐ राह ए हक के शहीदों तुझे सलाम है तुमने दिया इक ऐसा तर्ज-ए-पयाम है। इसी क्रम में रांची झारखण्ड, से रेणु त्रिवेदी मिश्रा ने अपनी गजल के शब्द पेश किए रश्मियों से लिपट, हँस रही धूप है
ओढ़े हुए अनमनी धूप है। इसके साथ ही छबड़ा, बारां से अब्दुल सलाम ‘मुज्तर’, ने कहा कि गुनाहों से तू कर तौबा खुदा से पेहली फुरसत मैं। कहीं ऐसा न हो रुसवाई , तेरी आम हो जाऐ इनके साथ ही मेरठ, उ.प्र., के डॉ. यासमीन खान ने खुब दाद बटोरते हुए कहा कि खिलना है महकना है, चहकना है जीवन कैनवास पर नये रंग भरना है। इसी क्रम में पुखराज सोलंकी ने दाद बटोरते हुए कहा कि वक्त रहते जरा सब्र कर लिजिए वक्त की वक्त पे कद्र कर लिजिए बदलने से पहले फैसला वक्त कातैयार खुदी की कब्र कर लिजिए इसके साथ ही पिपलाई, सवाईमाधोपुर (राज.) ए. एफ.‘नजर’ ने कहा कि मुहब्बत ही इबादत है मेरी तहजीब में लोगो, मुहब्बत के तराने मैं हमेशा गुनगुनाता हूँ. इसी क्रम में गीरीराज पारीक ने अपनी ताजा कविता पेश करते हुए देश के हालातों को सामने रखा। काबूल से कोलम्बो तक,अमेरिका से जापान तक आंतकवाद का साया है एवं इसी क्रम में ग्राम जाजेपुरा, उरई उत्तर प्रदेश क्षमा द्विवेदी ने अपनी कविता पेश कि रण चण्डी बन मैं कर दूंगी, असुरों का संहार। भारत माता की रक्षा हित , जीवन यह बलिहार। अंत में देवबंद, उत्तर प्रदेश के डा.महताब अहमद आजाद ने दाद बटोरते हुए कहा कि हँसते हँसते फाँसी का फंदा गले लगाया। अंग्रेजों के सामने सर को न झुकाया।। इस तरह इस राष्ट्रीय सर्वभाषा काव्य की ई-काव्य गोष्ठी में एक से एक उम्दा रचनाओ के माध्यम से देश भक्ति शहीदों को नमन और मानवीय सरोकारो से गुथी हुई रचनाएं प्रस्तुत हुई। जिसका देश भर ई-स्त्रावो ने खूब पसंद किया।कार्यक्रम के अध्यक्ष कमल रंगा ने अपनी राजस्थानी रचना प्रस्तुत की -‘‘बे शहीद निरवाळा हां / बो भाईचारौ गजब हो... इसी तरह कार्यक्रम के मुख्य अतिथी अब्दुल समद राही ने अपनी गजल में कहा - जमाने के लिए तुम मशअले ईमान बन जाओ।जरूरी है कि तुम ऐ दोस्तों इंसान बन जाओ। वतन के वास्ते कुर्बान कर दो जिंदगी अपनी, वतन की शान बन जाओ वतन की जान बन जाओ।इस अवसर पर अध्यक्ष रंगा एवं मुख्य अतिथी राही ने आज प्रस्तुत सभी रचनाओं को महत्वपूर्ण एवं प्रासगिंक बताया। कार्यक्रम का सफल ई-तकनीक से संचालन संजय शर्मा ने किया वहीं सभी का आभार भवानी सिंह ने ज्ञापित किया।