बीकानेर, 23 दिसम्बर। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय द्वारा प्रगतिशील और नवाचारी किसानों को ‘चौधरी चरण सिंह स्मृति उत्कृष्ट किसान पुरस्कार’ प्रदान किया जाएगा। यह पुरस्कार विश्वविद्यालय प्रभार वाले छह जिलों के एक-एक किसान को प्रतिवर्ष दिया जाएगा। कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह ने बुधवार को प्रदेश के पहले वर्चुअल किसान मेले के दौरान यह जानकारी दी।
विश्वविद्यालय द्वारा वर्चुअल किसान मेले के दूसरे दिन को पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती के अवसर पर ‘किसान दिवस’ के रूप में मनाया गया। इस दौरान कुलपति ने चौधरी चरण सिंह के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के जन्म दिवस के अवसर पर वर्ष 2001 से 23 दिसम्बर को किसान दिवस के रूप में मनाने की शुरूआत हुई। प्रो. सिंह ने कहा कि ‘सशक्त किसान, समृद्ध किसान’ उनका सपना था। विश्वविद्यालय द्वारा भी इसी ‘थीम’ पर किसान मेला आयोजित किया गया।
इन जिलों के किसान होंगे पात्र
कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा चौधरी चरण सिंह के प्रति कृतज्ञता प्रकट करते हुए उनकी स्मृति में यह पुरस्कार प्रारम्भ किया गया है। अगले साल से प्रतिवर्ष यह पुरस्कार मिलेंगे। इसके लिए विश्वविद्यालय द्वारा तीन सदस्यीय उच्च स्तरीय कमेटी गठित की गई है। वहीं पुरस्कार के लिए आवेदन संबंधित कृषि विज्ञान केन्द्र के माध्यम से लिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि बीकानेर, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, चूरू, जैसलमेर और झुंझुनूं जिलों के किसान इस पुरस्कार के आवेदन के लिए पात्र होंगे।
कुलपति ने किया ई-स्मारिका का विमोचन
इस अवसर पर प्रो. सिंह ने किसान मेले की ‘ई-स्मारिका’ तथा प्रसार शिक्षा निदेशालय की मासिक पत्रिका ‘चोखी खेती’ के नए अंक का ई-विमोचन किया तथा बताया कि वर्तमान परिस्थितियों में ई-संस्करण किसानों तक सुगमता से उपलब्ध हो सकें, इसके मद्देनजर यह पहल की गई है। किसान मेले के दूसरे दिन तक 2 हजार 700 से अधिक किसानों का पंजीकरण हुआ। इसे फेसबुक और यूट्यूब के माध्यम से बड़ी संख्या में लोगों ने देखा।
पांच विशेषज्ञों के हुए व्याख्यान
प्रसार शिक्षा निदेशक डाॅ. एस. के. शर्मा ने मेले के विभिन्न सत्रों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दूसरे दिन डाॅ. आर. एस. राठौड़ ने ‘पाॅली हाउस में टमाटर व खीरा उत्पादन की वैज्ञानिक तकनीक’, डाॅ. विमला डुंकवाल ने ‘कृषि उद्यमी के लिए चुनौतियां एवं संभाावनाएं’, डाॅ. विजय शंकर आचार्य ने ‘रबी फसलों के प्रमुख कीट एवं समन्वित कीट प्रबंधन, डाॅ. दाताराम ने ‘फसलों की प्रमुख व्याधियां एवं समन्वित रोग प्रबंधन’ तथा डाॅ. मधु शर्मा ने ‘कृषि व्यवसाय प्रबंधन में भविष्य’ विषय पर व्याख्यान दिए। इस दौरान किसानों के प्रश्न भी प्राप्त हुए।
समापन सत्र में प्रसार शिक्षा निदेशक डाॅ. एस. के. शर्मा, अनुसंधान निदेशक डाॅ. प्रकाश सिंह शेखावत तथा उपनिदेशक प्रसार डाॅ. राजेश कुमार वर्मा बतौर वक्ता मौजूद रहे। संचालन डाॅ. सुशील कुमार एवं विवेक व्यास ने किया। तकनीकी टीम का नेतृत्व विशेषाधिकारी इंजी. विपिन लढ्ढा ने किया।