"राइट टू हेल्थ" बिल के विरोध में हड़ताल पर चल रहे बीकानेर के प्राइवेट हॉस्पिटल के दबाव से पीबीएम अस्पताल, जिला अस्पताल और सेटेलाइट अस्पताल हांफने लगे हैं। इस बीच सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज ने डॉक्टर्स के अवकाश पर रोक लगा दी है। बिना अनुमति अवकाश लेने वाले डॉक्टर्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है। साथ ही सीएमएचओ बीकानेर से अतिरिक्त डॉक्टर्स की डिमांड की गई है ताकि रोगियों के बढ़ते दबाव को सहन किया जा सके।
बच्चा अस्पताल के दृश्य देखकर लगता है कि मानो बिल को लेकर सरकार और डॉक्टरों के बीच चल रही रस्साकसी में ये दूधमुंहे मासूम बच्चे पिस रहे हो । बच्चा अस्पताल के ओपीडी में इलाज करवाने आए रोते बिलखते बच्चों की चीखें सुनकर किसी का भी दिल पसीज जाए। दूर दराज से आए बच्चों के परिजन मानो पूछ रहे हो कि इस सब में इन मासूमों का क्या दोष? घंटों का इंतजार करने के बावजूद भी डाक्टरों के नहीं मिलने पर हताश परिजन बच्चों को गोद में लेकर दिलासा देते दिखाई दे रहे हैं। दरसल राइट-टू- हेल्थ बिल के विरोध में चल रही डॉक्टर्स की हड़ताल का असर मरीजों पर साफ देखा जा रहा है। निजी अस्पतालों की हड़ताल के चलते अब सरकारी अस्पतालों में भी इलाज के लिए मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है।
बच्चा अस्पताल के जनरल वार्ड के हालात भी कुछ ऐसे ही दिखाई दिए। वार्ड के ज्यादातर बेड खाली दिखाई दिए। पूरे वार्ड में तीन गंभीर रूप से बीमार बच्चों के परिजन डॉक्टर्स के आने का इंतजार कर रहे थे। फलोदी के पास बाप गांव से आए एक बच्चे के परिजन ने बताया कि बच्चे के लीवर में दिक्कत है। डाक्टर ने पीलिया बताया है। बच्चे को गांव से शहर बेहतर इलाज के लिए लेकर आए थे पता नहीं था कि यहां डाक्टर की हड़ताल चल रही हैं। सुबह दोपहर हो गई कोई डाक्टर बच्चे को देखने अभी तक नहीं आया। आरटीएच बिल के विरोध में निजी अस्पतालों में पूरी तरह से हड़ताल है। वहां चिकित्सा सुविधा नहीं मिलने के चलते भर्ती मरीज अब सरकारी अस्पतालों में पहुंच रहे हैं लेकिन स्थिति यह हो गई है कि सरकारी अस्पतालों में भी इलाज नहीं मिल रहा। जयपुर में डॉक्टर पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में बीकानेर के रेजिडेंट डॉक्टर भी हड़ताल पर चले गए। सीनियर डॉक्टर की ड्यूटी लगाई गई तो सीनियर डॉक्टर ने भी 2 घंटे कार्य बहिष्कार की घोषणा कर दी। जिसके बाद सरकारी अस्पतालों में भी व्यवस्था गड़बड़ा गई।
तीन हजार रोगियों का दबाव बढ़ा
बीकानेर के सभी प्राइवेट अस्पताल पूरी तरह बंद है। यहां तक कि प्राइवेट डॉक्टर्स घर पर भी प्रैक्टिस नहीं कर रहे हैं। ऐसे में रोगियों को सरकारी अस्पताल ही जाना पड़ रहा है। पिछले चार दिन से बीकानेर के पीबीएम अस्पताल, सेटेलाइट अस्पताल गंगाशहर और जिला अस्पताल जस्सूसर गेट पर रोगियों का दबाव बढ़ गया है। करीब तीन हजार रोगियों का आउट डोर इन अस्पतालों पर बढ़ गया है।
इन अस्पतालों में ज्यादा रोगी
बीकानेर के करीब एक दर्जन प्राइवेट अस्पतालों में रोगियों की संख्या ज्यादा है। इसमें कोठारी अस्पताल, मारवाड़ अस्पताल, अपेक्स हॉस्पिटल, जीवनरक्षा हॉस्पिटल, श्रीराम हॉस्पिटल, डॉ. श्याम अग्रवाल हॉस्पिटल में रोगियों की संख्या करीब तीन हजार के आसपास है। इसके अलावा आंखों, हडि्डयों और हृदय के प्राइवेट अस्पताल भी हैं। ये सभी रोगी इन दिनों तीनों सरकारी अस्पतालों में पहुंच रहे हैं।
ऑपरेशन के रोगी भी बढ़े
प्राइवेट अस्पताल में हर रोज करीब सौ ऑपरेशन होते हैं। ऑपरेशन के लिए भी रोगी पीबीएम अस्पताल पहुंच रहे हैं। संख्या बढ़ने के कारण पीबीएम अस्पताल में अत्यावश्यक ऑपरेशन हो रहे हैं। सामान्य ऑपरेशन के लिए आगे की तारीख दी जा रही है। प्राइवेट अस्पताल के थियेटर पिछले कुछ दिन से पूरी तरह बंद है।
छुटि्टयों पर रोक लगी
सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. गुंजन सोनी ने डॉक्टर्स के अवकाश पर रोक लगा दी है। ये रोक पीबीएम अस्पताल के अलावा सेटेलाइट अस्पताल गंगाशहर और जिला अस्पताल जस्सूसर गेट पर भी लागू रहेगी। सीएमएचओ बीकानेर से अतिरिक्त डॉक्टर्स भी मांगे गए हैं, जो पीबीएम अस्पताल में आउटडोर ड्यूटी देंगे।