वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स में 8 साल बाद बड़ी राहत दी है। अब सालाना 7 लाख रुपए तक की कमाई होने पर इनकम टैक्स नहीं देना होगा। हालांकि यह सिर्फ नई टैक्स रिजीम के तहत मिलेगी। अभी भी इनकम टैक्स रिटर्न भरने के 2 ऑप्शन बने रहेंगे।
अभी तक 2.5 लाख रुपए तक की कमाई टैक्स फ्री थी। आखिरी बार 2014-15 बजट में इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव किया गया था। 2019-20 में 8 करोड़ लोगों ने इनकम टैक्स या कॉरपोरेट टैक्स भरा था। बजट में नए स्टार्टअप को टैक्स में 3 साल तक मिलने वाली छूट बरकरार रखी गई है।
पुरानी टैक्स रिजीम के तहत 2.5 लाख से ज्यादा इनकम पर टैक्स
पुरानी टैक्स रिजीम के तहत 2.5 लाख रुपए तक की सालाना इनकम ही टैक्स फ्री रहेगी। अगर आपकी इनकम 2.5 से 5 लाख के बीच है तो आपको 5 लाख - 2.5 लाख = 2.5 लाख रुपए पर 5% टैक्स देना होगा। हालांकि इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87A का फायदा उठाकर आप अब भी 5 लाख रुपए तक की सालाना इनकम पर टैक्स बचा सकेंगे।
आपको बता दें कि सरकार 2.5 लाख से 5 लाख तक की कमाई पर 5% की दर से इनकम टैक्स तो वसूलती है, पर इस टैक्स को इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87A के तहत माफ कर देती है। मतलब यह कि अगर किसी की सालाना टैक्सेबल इनकम 5 लाख रुपए तक है, तो उसे कोई इनकम टैक्स नहीं देना होता है, लेकिन अगर आपकी कमाई 5 लाख 10 हजार रुपए हुई तो आपको 10 हजार रुपए पर टैक्स देने के बजाय 5.10 लाख - 2.5 लाख = 2.60 लाख पर टैक्स देना होता है।
फिलहाल इनकम टैक्स रिटर्न भरने के 2 ऑप्शन
इनकम टैक्स रिटर्न यानी ITR फाइल करने के 2 ऑप्शन मिलते हैं। 1 अप्रैल 2020 को नया ऑप्शन दिया गया था। नए टैक्स स्लैब में 5 लाख रुपए से ज्यादा आय पर टैक्स की दरें तो कम रखी गईं, लेकिन डिडक्शन छीन लिए गए। वहीं, अगर आप पुराना टैक्स स्लैब चुनते हैं तो आप कई तरह के टैक्स डिडक्शन का फायदा ले सकते हैं।